BHOPAL. मध्य प्रदेश में ऊर्जा क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार ने 4100 मेगावाट के नए थर्मल पावर प्लांट के लिए कोयला आवंटन की मंजूरी दी है। मध्य प्रदेश में बढ़ती बिजली मांग को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने 27 नवंबर को ऐतिहासिक फैसला लिया। इस फैसले के तहत राज्य के ऊर्जा विभाग के प्रस्ताव को 4100 मेगावाट के नए थर्मल पावर प्लांट के लिए कोयला आवंटन की मंजूरी दी गई है।
2019 में मिला था 1360 मेगावाट कोयले का आवंटन
मध्य प्रदेश सरकार को 4100 मेगावाट के नए थर्मल पावर प्लांट के लिए कोयला आवंटन की मंजूरी दी गई है। यह निर्णय राज्य को पिछली बार 2019 में दिए गए 1360 मेगावाट कोयला आवंटन के 5 वर्षों बाद आया है। इस बड़े कदम पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया है और ऊर्जा विभाग को संयंत्र लगाने के लिए शीघ्र निविदाएं जारी करने का निर्देश दिए हैं।
इस प्लांट्स से मिलेगा हजारों युवाओं को रोजगार
ऊर्जा विभाग के एसीएस (ACS) नीरज मंडलोई ने जानकारी देते हुए बताया कि इन थर्मल पावर प्लांट्स से प्रदेश में करीब 25,000 करोड़ रुपए का सीधा निवेश होगा। इसके साथ ही हजारों युवाओं को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। इसके अलावा ये संयंत्र राज्य में उद्योग, घरेलू और कृषि कार्यों के लिए सस्ती और गुणवत्तापूर्ण ऊर्जा प्रदान करेंगे। यह मध्य प्रदेश को विद्युत उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी अहम साबित होगा।
सीएम ने पीएम मोदी का जताया आभार
मध्य प्रदेश के लिए कोयला आवंटन की मंजूरी मिलने पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि, राज्य में नए थर्मल पॉवर स्टेशन की स्थापना की जाएगी, जिससे 4100 मेगावॉट विद्युत उत्पादन होगा। इस परियोजना के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोल आधारित विद्युत उत्पादन के लिए कोल आवंटन को मंजूरी दी है।
कोयला आवंटन की मंजूरी के लिए सीएम मोहन यादव ने पीएम मोदी को धन्यवाद देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने मध्य प्रदेश को विकास के अवसर प्रदान किए हैं। सीएम ने यह भी बताया कि बिजली के बिना विकास की कल्पना भी नहीं की जा सकती, और यह परियोजना राज्य के लिए एक बड़ा अवसर है। इससे मध्य प्रदेश में खुद के पॉवर प्लांट लगाने की क्षमता पैदा होगी, जो राज्य के ऊर्जा और औद्योगिक विकास में सहायक होगा।
मध्यप्रदेश की कोल आधारित विद्युत क्षमता की आवश्यकता के आधार पर भारत सरकार की स्टेंडिंग लिंकेज समिति (लांग टर्म) ने प्रदेश के लिये 4100 मेगावॉट के नए थर्मल पॉवर प्लांट हेतु कोयले के आवंटन को स्वीकृति प्रदान की है।
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) November 28, 2024
मध्यप्रदेश के ऊर्जा सम्बन्धी जरूरतों को पूर्ण करने वाले इस निर्णय… pic.twitter.com/3RJD4gSUAs
कोल आवंटन करेगा संजीवनी का काम
विद्युत उत्पादन के क्षेत्र में मध्य प्रदेश की स्थिति पर मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि राज्य वर्तमान में विद्युत उत्पादन में सरप्लस (अधिशेष) स्थिति में है, लेकिन औद्योगिक विकास के चलते बिजली की खपत में निरंतर वृद्धि हो रही है। उन्होंने भविष्य को ध्यान में रखते हुए कहा कि नए थर्मल पॉवर स्टेशन की स्थापना की आवश्यकता होगी, और इसके लिए कोल आवंटन संजीवनी का काम करेगा।
ऊर्जा उत्पादन में मिलेगी समृद्धि
मुख्यमंत्री ने यह स्पष्ट किया कि कोल आवंटन से राज्य को ऊर्जा उत्पादन में स्थिरता और समृद्धि मिलेगी। साथ ही, थर्मल पॉवर स्टेशनों की स्थापना के लिए राज्य सरकार उद्यमियों को प्रेरित करेगी ताकि राज्य के ऊर्जा और औद्योगिक विकास को बढ़ावा दिया जा सके।
सीएम ने यह भी बताया कि मध्य प्रदेश केवल थर्मल ऊर्जा ही नहीं, बल्कि नवकरणीय ऊर्जा की दिशा में भी समान रूप से प्रगति कर रहा है।
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