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मध्यप्रदेश की 16वीं विधानसभा के गठन को एक साल पूरा हो चुका है। आज से शुरू होने वाला शीतकालीन सत्र इस साल का आखिरी सत्र है, जो 20 दिसंबर तक चलेगा। इस दौरान कुल पांच बैठकें निर्धारित हैं। विधानसभा के तीन सत्रों के आंकड़ों पर नजर डालें तो विधायकों का प्रदर्शन मिश्रित रहा है।
एक साल में विधायकों का परफॉर्मेंस
एक साल में हुए तीन सत्रों में 163 विधायकों ने लगातार सवाल नहीं पूछे। इनमें 143 विधायक बीजेपी से और 20 कांग्रेस से हैं। भारत आदिवासी पार्टी के एकमात्र विधायक ने सभी सत्रों में सवाल पूछे।
शीतकालीन सत्र: आज से शुरू
इस सत्र में 198 में से 142 विधायकों ने कुल 1766 सवाल पूछे हैं। 37 विधायकों ने पांच दिनों के सत्र के लिए 20 सवाल पूछे हैं। एक विधायक एक दिन में अधिकतम चार सवाल पूछ सकता है। 56 विधायकों ने एक भी सवाल नहीं पूछा, जिनमें पूर्व मंत्री जयंत मलैया और भूपेंद्र सिंह भी शामिल हैं।
नवनिर्वाचित विधायकों का शपथ ग्रहण
इस सत्र में विजयपुर, बुदनी और अमरवाड़ा के नवनिर्वाचित विधायक शपथ लेंगे। विजयपुर सीट से कांग्रेस के मुकेश मल्होत्रा, बुधनी से रमाकांत भार्गव, और अमरवाड़ा से बीजेपी के कमलेश शाह जीते हैं।
जुलाई 2024 का बजट सत्र
जुलाई सत्र में 19 दिनों में 14 बैठकें हुईं। इस दौरान विधायकों ने कुल 4287 सवाल पूछे। गिलोटिन प्रक्रिया के तहत बजट पर चर्चा की गई। विपक्ष द्वारा दिए गए 503 ध्यानाकर्षण प्रस्तावों में से केवल सात पर चर्चा हुई। खबरों के मुताबिक, शीतकालीन सत्र में कांग्रेस मप्र में खाद संकट पर स्थगन प्रस्ताव ला सकती है। साथ ही खाद, बेरोजगारी, ईडी के मुद्दे पर सरकार को घेर सकती है।
फरवरी 2024 का सत्र
फरवरी सत्र केवल छह दिनों तक चला, जिसमें 2303 सवाल पूछे गए। इस दौरान ओला-पाला से फसलों की बर्बादी और हरदा पटाखा फैक्ट्री पर चर्चा हुई।
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