सीएम हेल्पलाइन : पुलिस के रवैये पर जनता से फीडबैक ले रही मप्र सरकार, सवाल तैयार

मध्यप्रदेश सरकार पुलिस के व्यवहार पर फीडबैक लेने के लिए सीएम हेल्पलाइन का उपयोग कर रही है। यह फीडबैक 10 सवालों पर आधारित है, जो पुलिस की कार्यप्रणाली का विश्लेषण करते हैं।

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Reena Sharma Vijayvargiya
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MP News : मध्यप्रदेश सरकार जनता से पुलिस के रवैये पर फीडबैक लेने के लिए एक नई पहल शुरू कर रही है। इस प्रक्रिया के तहत, सीएम हेल्पलाइन के कॉलर्स द्वारा 10 सवालों पर आधारित प्रश्नावली से लोगों से जानकारी ली जा रही है। इसका मुख्य उद्देश्य राज्य के पुलिसकर्मियों और अधिकारियों के व्यवहार को समझना है, ताकि प्रशासनिक सुधार किए जा सकें। यह एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे सरकार को पुलिस की कार्यप्रणाली पर वास्तविक और ताजे फीडबैक मिल रहे हैं।

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फीडबैक एकत्रित करने का काम सीएम हेल्पलाइन के कॉलर्स द्वारा किया जा रहा है। कॉलर्स से केवल एक सवाल पूछा जाता है, और उसके जवाब के आधार पर फीडबैक को पॉजिटिव या निगेटिव के रूप में वर्गीकृत किया जाता है। इसके बाद, हर जिले की रैंकिंग तैयार की जाती है, जो प्रतिदिन अपडेट होती है। इस पूरी प्रक्रिया की निगरानी मंत्रालय स्तर से की जा रही है, ताकि सही तरीके से जानकारी एकत्रित हो सके और कोई भी गड़बड़ी न हो।

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10 महत्वपूर्ण सवाल जो किए जा रहे हैं

फीडबैक में पूछे जा रहे कुछ प्रमुख सवालों में शामिल हैं

  1. पुलिसकर्मियों और अधिकारियों का व्यवहार कैसा है?
  2. क्या एफआइआर न लिखने, देर से लिखने या गलत धाराओं का आरोप लगता है?
  3. क्या चरित्र सत्यापन में देरी होती है?
  4. क्या झूठे अपराध दर्ज किए जाते हैं या गलत आरोपी बनाया जाता है?
  5. क्या पुलिस द्वारा मारपीट या अनावश्यक परेशान किया जाता है?
  6. बच्चों और महिलाओं के गुम होने, घरेलू हिंसा, और पॉक्सो एक्ट से जुड़े केस में देरी होती है?
  7. क्या यातायात पुलिस शिकायतों पर समय से कार्रवाई करती है?
  8. क्या पुलिस द्वारा प्रकरण कोर्ट में पेश करने में देरी होती है?
  9. क्या पुलिस किसी पक्ष से मिलकर दबाव में कार्रवाई नहीं करती है?
  10. पासपोर्ट सत्यापन में देरी होती है?

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बड़े शहरों की स्थिति

हाल ही में बड़े शहरों के फीडबैक का विश्लेषण किया गया, जिसमें भोपाल, जबलपुर, इंदौर, और ग्वालियर प्रमुख हैं। इन शहरों में औसतन 300 से अधिक लोगों से फीडबैक लिया गया है। इसके आधार पर, निम्नलिखित आंकड़े सामने आए हैं:-

जिला   - फीडबैक -  पॉजिटिव -  निगेटिव  - रैंकिंग
भोपाल     - 675  -     435           - 240  -   64.44
जबलपुर  - 656 -      410            - 246  -  62.05
इंदौर       - 544        329          -  215  -   60.48
ग्वालियर  - 649 -      353           -  296   -  54.39

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(इन आंकड़ों से यह स्पष्ट होता है कि भोपाल सबसे अच्छा प्रदर्शन कर रहा है, जबकि ग्वालियर में निगेटिव फीडबैक की संख्या अधिक रही है।) 

181 | 181 हेल्पलाइन 

 मप्

FAQ

सीएम हेल्पलाइन के कॉलर्स से कौन-कौन से सवाल पूछे जाते हैं?
सीएम हेल्पलाइन के कॉलर्स से पुलिसकर्मियों के व्यवहार, एफआइआर दर्ज करने में देरी, यातायात पुलिस की कार्रवाई और पासपोर्ट सत्यापन में देरी जैसे सवाल पूछे जाते हैं।
राज्य सरकार द्वारा इस फीडबैक को कैसे इस्तेमाल किया जा रहा है?
इस फीडबैक को जिलों की रैंकिंग तैयार करने और पुलिस व्यवस्था में सुधार के लिए उपयोग किया जा रहा है। सरकार हर जिले में पुलिस की कार्यप्रणाली का विश्लेषण करती है।
क्या फीडबैक में पॉजिटिव और निगेटिव आंकड़े निर्धारित करने के लिए किसी विशेष पैमाने का पालन किया जाता है?
हां, फीडबैक में पूछे गए सवालों के आधार पर पॉजिटिव और निगेटिव बिंदुओं की गणना की जाती है। इसका उद्देश्य सही स्थिति का मूल्यांकन करना और सुधार के लिए कदम उठाना है।

मध्यप्रदेश पुलिस 

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