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बाबा महाकालभस्म आरती:मध्यप्रदेश के उज्जैन में स्थित विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर अद्भुत धार्मिक आयोजन हुए।
गुरुवार तड़के 3 बजे मंदिर के कपाट खोले गए, जिसके बाद भगवान महाकाल की सबसे महत्वपूर्ण पूजा भस्म आरती की गई। इस दौरान, भगवान को विशेष रूप से सजाया गया जिससे उनके दर्शन के लिए आए सैकड़ों श्रद्धालु अभिभूत हो गए।
पंचामृत से अभिषेक और दिव्य श्रृंगार
भस्म आरती से पहले भगवान महाकाल का विधि-विधान से अभिषेक किया गया। सबसे पहले शुद्ध जल से भगवान का अभिषेक हुआ जिसके बाद दूध, दही, घी, शहद और फलों के रस से बने पंचामृत से उनका अभिषेक किया गया।
अभिषेक के बाद भगवान का मनमोहक श्रृंगार किया गया। इस श्रृंगार में भगवान को त्रिपुंड, चंद्र और त्रिनेत्र अर्पित कर उन्हें गणेश स्वरूप में सजाया गया। यह विशेष श्रृंगार भाद्रपद माह के दौरान किया जाता है, जिसका पौराणिक महत्व है।
भोले बाबा का श्रृंगार ड्राईफ्रूट्स से भी किया गया, जो उन्हें और भी आकर्षक रूप दे रहा था। भगवान को रजत की मुण्डमाल पहनाई गई और मस्तक पर तीन रेखाओं वाला त्रिपुंड और तीसरा नेत्र बनाया गया, जो उनकी शक्ति और दिव्यता का प्रतीक है।
गुरुवार की भस्म आरती के लिए भी मंदिर में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। इस दौरान, पूरा मंदिर परिसर "जय बाबा महाकाल" के जयकारों से गूंज उठा।
श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग जी के आज के भस्म आरती दर्शन 28.08.2025 pic.twitter.com/j04i3NlEXi
— 12 Jyotirlingas Of Mahadev (@12Jyotirling) August 28, 2025
प्रसाद और भोग
भस्म आरती के बाद भगवान को फल और मिष्ठान का भोग लगाया गया। आरती और भोग के बाद भक्तों को प्रसाद वितरित किया गया। इस दौरान, कई भक्त आरती के बाद भी मंदिर परिसर में बैठकर ध्यान और पूजा-पाठ करते रहे। इस प्रकार, भाद्रपद शुक्ल पंचमी पर भगवान महाकाल की विशेष पूजा-अर्चना ने भक्तों के मन में नई ऊर्जा और श्रद्धा का संचार किया।
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