गणेश चतुर्थी पर बाबा महाकाल के गणपति रूप ने मोहा भक्तों का मन, भस्म आरती में गूंजा जय श्री गणेश

27 अगस्त को गणेश चतुर्थी के अवसर पर महाकाल की भस्म आरती में भगवान महाकाल का भव्य श्री गणेश स्वरूप में श्रृंगार किया गया, जिसे देख श्रद्धालु भाव-विभोर हो गए।

author-image
Kaushiki
New Update
mahakal-bhasm-aarti-ganesh-chaturthi-27-august
Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

बाबा महाकालभस्म आरती: आज 27 अगस्त को गणेश चतुर्थी के पावन पर्व पर उज्जैन के विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में एक दिव्य और अद्भुत नजारा देखने को मिला। भगवान महाकाल का ब्रह्म मुहूर्त में होने वाली विश्व प्रसिद्ध भस्म आरती के दौरान भगवान गणेश के रूप में अलौकिक श्रृंगार किया गया।

इस अनूठे रूप को देखकर देशभर से आए भक्त मंत्रमुग्ध हो गए। यह क्षण भक्तों के लिए विशेष था क्योंकि दो प्रिय देवताओं भगवान शिव और भगवान गणेश का एक ही स्वरूप में दर्शन प्राप्त हुआ।

भगवान महाकाल का दिव्य श्रृंगार

गणेश चतुर्थी के विशेष अवसर पर भगवान महाकाल का श्रृंगार अत्यंत मनमोहक था। उन्हें भांग, चन्दन, सिंदूर और विभिन्न आभूषणों से सजाकर श्री गणेश स्वरूप प्रदान किया गया।

यह श्रृंगार इतना जीवंत था कि ऐसा लग रहा था मानो स्वयं गणपति बप्पा वहां विराजमान हों। श्रृंगार के बाद भगवान महाकाल ने शेषनाग का रजत मुकुट, रजत की मुण्डमाल और रुद्राक्ष की माला धारण की। इसके साथ ही, सुगंधित पुष्पों से बनी विशेष माला भी उन्हें अर्पित की गई।

श्रृंगार के बाद नंदी हॉल में नंदी जी का स्नान, ध्यान और पूजन किया गया। इसके बाद पुजारियों ने पारंपरिक विधि-विधान से भगवान महाकाल का अभिषेक किया।

सबसे पहले, जल से अभिषेक किया गया और फिर दूध, दही, घी, शकर, शहद और फलों के रस से बने पंचामृत से पूजन किया गया। यह पूजन भक्तों में आस्था और श्रद्धा को और मजबूत करता है।

ये खबर भी पढ़ें...क्यों कहलाते हैं ये चिंताओं को हरने वाले गणपति, जानें उज्जैन के चिंतामन गणेश मंदिर की खासियत

आस्था और आध्यात्म का केंद्र

मंदिर के पुजारियों ने गणेश चतुर्थी के उत्सव की शुरुआत ब्रह्म मुहूर्त में गर्भगृह के पट खोलकर की। सबसे पहले, वीरभद्र जी को प्रणाम कर स्वस्ति वाचन किया गया और उनसे आज्ञा लेकर चांदी के द्वार को खोला गया।

इसके बाद, पुजारियों ने भगवान (Baba Mahakal) का श्रृंगार उतारकर पंचामृत पूजन किया और फिर कर्पूर आरती की। इस दौरान, भक्तों ने “जय श्री महाकाल” के जयघोष से पूरे मंदिर को गुंजायमान कर दिया।

बड़ी संख्या में श्रद्धालु भस्म आरती में शामिल होने के लिए दूर-दूर से उज्जैन पहुंचे थे। वे सभी इस दिव्य क्षण के साक्षी बने। गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) के इस विशेष आयोजन ने आध्यात्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा दिया, जिससे उज्जैन में पर्यटकों की संख्या में वृद्धि हुई।

thesootr links

अगर आपको ये खबर अच्छी लगी हो तो 👉 दूसरे ग्रुप्स, 🤝दोस्तों, परिवारजनों के साथ शेयर करें📢🔃🤝💬

👩‍👦👨‍👩‍👧‍👧

Baba Mahakal भगवान महाकाल बाबा महाकालभस्म आरती भस्म आरती गणेश चतुर्थी उज्जैन Ganesh Chaturthi