MP News: उज्जैन स्थित महाकाल मंदिर में दर्शन के लिए सालभर श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है। यहां आने वाले भक्तों को अब एक नवीन आध्यात्मिक अनुभव प्राप्त होगा। आधुनिक 6D वर्चुअल रियलिटी तकनीक भक्तों को ऐसा अनुभव करवाएगी जैसे वे खुद मंदिर के गर्भगृह में खड़े होकर भस्म आरती में सम्मिलित हों।यह तकनीक केवल दृश्य और श्रव्य तक सीमित नहीं है, बल्कि यह अनुभव को पांचों इंद्रियों तक विस्तार देती है।
भक्तों को कैसा अनुभव होगा
- जैसे ही मंदिर के द्वार खुलते हैं, ठंडी हवा का झोंका चेहरे को स्पर्श करता है
- जलाभिषेक के समय पानी की बूँदें चेहरे पर प्रतीत होती हैं
- वातावरण फूलों की सुगंध से महकता है
- आरती के दौरान मंद हवा के झोंकों से वातावरण भक्तिमय हो जाता है
- यह पूरा अनुभव भक्त को यह आभास कराता है कि वह महाकाल की भस्म आरती का सजीव हिस्सा बन गया है।
3D से 6D की ओर
जहां पहले मंदिर में 3D VR तकनीक का इस्तेमाल होता था, वहीं अब इसे और बेहतर करते हुए पूरी तरह भारत में विकसित 6D VR सिस्टम लगाया गया है।
अनुभव की विशेषताएं
- 360 डिग्री में हाई-डेफिनिशन दर्शन
- कुल 9 मिनट का गहन आध्यात्मिक सफर
- भस्म आरती की भव्य झलक
- महाकाल मंदिर का ऐतिहासिक परिचय
- भक्ति से ओतप्रोत वातावरण की अनुभूति
स्वदेशी तकनीक की मिसाल
इस संपूर्ण तकनीकी व्यवस्था को भारत में ही डिजाइन और विकसित किया गया है। भोपाल की टेक कंपनी TechXR ने इस प्रोजेक्ट पर काम किया है और इसका पहला इंस्टॉलेशन महाकाल मंदिर परिसर में स्थापित किया गया है। भविष्य में इसे देश के अन्य प्रमुख धार्मिक स्थलों पर लागू करने की योजना है।
आध्यात्मिक तकनीक का नवाचार
दर्शन केंद्र के प्रबंधक प्रतीक सक्सेना के अनुसार, यह पहली बार है जब वर्चुअल रियलिटी को धार्मिक संवेदना और अनुभव के साथ इस प्रकार जोड़ा गया है। इसे "इंद्रिय आधारित अनुभव" के रूप में तैयार किया गया है, जो दर्शकों को सिर्फ देखने नहीं, बल्कि महसूस करने की क्षमता भी प्रदान करता है।
महाकाल मंदिर में शुरू की गई यह पहल न केवल धार्मिक अनुभवों को तकनीक से जोड़ती है, बल्कि यह भारतीय धार्मिक नवाचार का एक प्रेरक उदाहरण भी प्रस्तुत करती है। 6D VR के माध्यम से श्रद्धालुओं को आध्यात्मिकता और आधुनिकता का ऐसा संगम मिल रहा है, जो पहले कभी नहीं देखा गया।