महाकाल के भक्तों में भेदभाव, गर्भगृह में VIP की एंट्री, बाकी श्रद्धालुओं की नो एंट्री

उज्जैन में महाकाल मंदिर के गर्भगृह में पिछले एक साल से श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक है, लेकिन वीआईपी को एंट्री मिल रही है। ऐसे में दूर-दूर से शिवलिंग को स्पर्श करने और अभिषेक की इच्छा लेकर आने वाले श्रद्धालुओं को मायूस होना पड़ता है।

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Sandeep Kumar
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उज्जैन में बाबा महाकाल ( Mahakal ) के दर्शन के लिए देशभर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं, लेकिन भक्तों को यहां पर गर्भगृह में प्रवेश करने की अनुमति नहीं है। दरअसल महाकाल मंदिर के गर्भगृह में पिछले एक साल से श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक है, लेकिन वीआईपी को एंट्री मिल रही है। 

ऐसे में दूर-दूर से शिवलिंग को स्पर्श करने और अभिषेक की इच्छा लेकर आने वाले श्रद्धालुओं को मायूस होना पड़ रहा है। खबर है कि गर्भगृह में इस समय केवल  VIP लोगों को ही दर्शन करने की इजाजत है । अन्य श्रद्धालुओं को दर्शन करने की परमीशन नहीं मिल रही है।

एक साल पहले बंद हुआ था गर्भगृह में प्रवेश

दरअसल, 4 जुलाई 2023 को सावन महीने में आने वाली भीड़ की देखते हुए 11 सितंबर 2023 तक के लिए गर्भगृह बंद किया गया था। उस दौरान मंदिर समिति ने कहा था कि सावन खत्म होते ही गर्भगृह आम श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया जाएगा। अब एक साल बीत जाने के बाद भी गर्भगृह आम श्रद्धालुओं के लिए नहीं खोला गया है।

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भस्म आरती का समय बदलेगा

श्रावण-भादौ में भगवान महाकालेश्वर की भस्म आरती 22 जुलाई से 2 सितंबर तक तड़के पट खुलने का समय 3 बजे होगा। हर सोमवार को भस्म आरती का समय तड़के 2.30 बजे होगा। भस्म आरती प्रतिदिन तड़के 3 से सुबह 5 बजे तक और हर सोमवार को 2.30 से 4.30 बजे तक होगी। इसी तरह 3 सितंबर से पट खुलने का समय पहले की तरह होगा। श्रावण-भादौ में भस्म आरती में श्रद्धालुओं की संख्या भी कम की जाएगी। कार्तिकेय मंडपम की आखिरी तीन पंक्तियों से ही श्रद्धालुओं के लिए चलित भस्म आरती दर्शन की व्यवस्था रहेगी। 

इन तारीखों में होंगे ये आयोजन...

27 जुलाई: रतन मोहन शर्मा मुंबई का शास्त्रीय गायन, गेभी साहब ताल वादन कचहरी, उज्जैन द्वारा समूह तबला वादन और उज्जैन की ऐश्वर्या शर्मा द्वारा कथक की प्रस्तुति दी जाएगी। 

3 अगस्त: उज्जैन के राजीव शर्मा, मुकेश शर्मा, शैलेष शर्मा, मिथिलेश शर्मा (शर्मा बन्धु) का शास्त्रीय गायन, पुणे की नम्रता गायकवाड़ व प्रमोद गायकवाड़ का शहनाई वादन (जुगलबंदी) और पुणे की निकिता बणावलिकर द्वारा कथक नृत्य की प्रस्तुति दी जाएगी। 

10 अगस्त: कोलकाता की सुचिता गांगुली का शास्त्रीय गायन, हैदराबाद के ग्रुप का मोहिनीअट्टम और उज्जैन की अनन्या गौर द्वारा कथक नृत्य की प्रस्तुति दी जाएगी। 

17 अगस्त: कोलकता के प्रसन्ना विश्वनाथन व सागर मोरानकर की ध्रुपद जुगलबंदी, कोलकता के मनाब परई का कथक नृत्य और प्रतिकल्पा सांस्कृतिक संस्था, उज्जैन द्वारा समूह कथक की प्रस्तुति। 

24 अगस्त: सानिया पाटनकर, पुणे का शास्त्रीय गायन, नई दिल्ली के कुमार ऋषितोष एवं सहयोगियों द्वारा पञ्च वाद्य कचहरी, जिसमें तबला, पखावज, परकशन, सारंगी, बांसुरी की प्रस्तुति के बाद संध्या का समापन उज्जैन की अंजना चौहान के कथक नृत्य से होगा।

31 अगस्त: अजमेर के आनंद वैद्य के शास्त्रीय गायन, इंदौर की संस्था मुद्रा कथक अकादमी के समूह कथक व उज्जैन की मयूरी सक्सेना के कथक नृत्य की प्रस्तुति होगी।

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