मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान ( मैनिट ) में स्टूडेंट्स के लिए बाइक और स्कूटी बैन कर दी गई है। इसको लेकर स्टूडेंट्स नाराज हैं। छात्र- छात्राओं ने सोमवार को सुबह 9 बजे से मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान के दरवाजे पर विरोध प्रदर्शन किया।
स्टूडेंट्स मांग कर रहे हैं कि कैंपस में बाइक ले जाने की अनुमति मिले। दोपहर 3 बजे मैनिट प्रबंधन ने नाराज छात्र- छात्राओं से बात की। इसके बाद मामला थोड़ा शांत हुआ।
प्रबंधन को सौंपा ज्ञापन
विरोध- प्रदर्शन कर रहे एबीवीपी ने मैनिट प्रबंधन को ज्ञापन भी सौंपा। इसमें छात्र- छात्राओं से जुड़ी मांगों को बताया गया है। स्टूडेंट्स का कहना है कि क्लीन कैम्पस ग्रीन कैम्पस की ओर बढ़ना सही है, लेकिन तत्काल वाहन पर प्रतिबंध लगाया जाना गलत है। इससे छात्र- छात्राओं को परेशानी हो रही है।
यह मांगें भी उठाईं
- मैनिट में स्टूडेंट्स काउंसिल के चुनाव नहीं होने से स्टूडेंट्स की आवाज का दमन है। इसलिए जल्द चुनाव कराए जाए।
- मेस में भोजन की गुणवत्ता का ध्यान रखा जाए और मेस के संचालन में पारदर्शिता हो।
- नंबर-7 और 12 हॉस्टल में मेस का संचालन फिर से स्टूडेंट्स को दिया जाए।
- लाइब्रेरी, जिम, स्पोर्ट्स, मेडिकल में गुणवत्ता की जरूरत है।
- हॉस्टल में वाटर कूलर, पानी की टंकियों को साफ किया जाएं। होस्टल में दीवारों से प्लास्टर झड़ना, वॉशरूम की सफाई पर ध्यान दिया जाए।
क्या है पूरा मामला ?
बता दें, कुछ दिन पहले भोपाल में मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान ( Maulana Azad National Institute of Technology ) के परिसर में स्टूडेंट्स टू-व्हीलर नहीं ले जाने को लेकर फैसला लिया गया था। कहा गया था कि कैंपस में सिर्फ इलेक्ट्रिक बसें चलेंगी। कैंपस में छह- छह करोड़ रुपए की चार ई- बसें कैंपस में पहुंच गई हैं, लेकिन छात्रों की संख्या के हिसाब से बसें बेहद कम हैं।
मैनिट में इलेक्ट्रिक बसें
मौलाना आजाद नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी कैंपस में 4 इलेक्ट्रिक बसें आ चुकी हैं। बताया जा रहा है कि मैनिट में अलग- अलग कोर्सेस में करीब पांच हजार से ज्यादा स्टूडेंट्स पढ़ते हैं। यहां लगभग ढाई हजार वाहन थे। इन्हें अब कैंपस में कोई एंट्री नहीं मिल रही है।
एक बस में बैठ सकेंगे 50 स्टूडेंट्स
मैनिट में चलने वाली इलेक्ट्रिक एक बस में कुल 50 स्टूडेंट्स बैठ सकते हैं। ये बसें छात्र को हॉस्टल से उनके डिपार्टमेंट तक पहुंचाएंगी। अगर स्टूडेंट को किसी काम से कैंपस से बाहर जाना है, तब भी ये बस उन्हें मेन गेट तक छोड़ेंगी।
किसने दी ये बसें
जानकारी के मुताबिक मैनिट को ये ई- बसें संस्थान के पूर्व छात्र ने दी हैं। मैनिट के पूर्व छात्र विवेक देवांगन ने ये बसें दी हैं। वे आईएएस हैं। वर्तमान में आरईसी लिमिटेड के सीएमडी हैं।
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