INDORE. इंदौर में बीते सात दिनों से एक हाईफ्रोफाइल केस दबे-छिपे चल रहा था। सूबे के एक मंत्री का पैसा कन्फेक्शनरी कारोबारी केम्को च्यू फूड्स प्रालि (KAMCO CHEW FOODS) ग्रुप के संजय जैसवानी के पास फंस गया है। बाजार की भी करोड़ों की देनदारी खड़ी हो गई है। मामला ऐसा फंसा कि अब पूरी गगरी काम करने वाले सीए पर फोड़ी जा रही है और इसके लिए उसे दो दिन बंधक बनाकर रखा गया। शिकायत होने पर वह सीए को पुलिस ने छुड़ाया और थाने पर बैठा लिया।
सीए को बंधक बनाया, मामला पुलिस कमिश्नर के पास पहुंचा
सीए एसोसिएशन इंदौर को सुबह पता चला कि केम्को ग्रुप के संजय जैसवानी ने सीए निशिथ नाहर को बंधक बनाया है। परिजनों ने एसोसिएशन को बताया कि दो दिन से जैसवानी ने बसंत बिहार स्थित अपने घर पर बंधक बनाया है। मोबाइल भी जब्त कर लिया और आरोप लगा रहे हैं कि दो करोड़ का गबन किया है। इस मामले में एसोसिएशन ने आपत्ति और पुलिस कमिशनर राकेश गुप्ता को लिखित शिकायत दी। इसके बाद नाहर को छुड़ाया गया और थाने बैठा लिया। पुलिस ने सीए प्रतिनिधिमंडल को बताया कि सीए पर आरोप है कि गबन किया है। वहीं एसोसिएशन का कहना है कि जो भी हो बंधक बनाने का अधिकार, दुर्व्यवहार और मारपीट कोई नहीं कर सकता, यह सीधे अपहरण का केस है, इस मामले में भी संबंधित जैसवानी पर केस दर्ज होना चाहिए।
मैं पूछूंगा नहीं... मेरे करोड़ों रुपए फंस गए
संजय जैसवानी ने द सूत्र से बात करते हुए कहा कि मैं पुलिस को शिकायत करने जा रहा हूं। मेरी भांजी कंचन और सीए, ऑडिटर निशीथ ने मिलकर 1600 करोड़ रुपए का गबन किया है इसमें मेरे फैक्टरी के कई लोग लिंक है। मेरे साथ धोखाधड़ी हुई है तो क्या मैं अपने सीए, आडीटर से पूछूंगा नहीं कि मेरा पैसा कहां गया? इनके चलते ही दूसरों को पैसा नहीं दे पा रहा हूं, मैंने सिर्फ नौ घंटे पूछताछ की।
क्या है पूरी इनसाइड कहानी
केम्को ग्रुप जो संजय जैसवानी का है इनके साथ भाई विजय जैसवानी, रिश्तेदार नितिन जिवनानी, भांजी कंचन जिवनानी व अन्य जुड़े हुए हैं। कई अलग-अलग पाटर्नर के साथ ग्रुप की अलग-अलग फैक्टरी है। इसमें खालसा न्यूट्रिशन, सताना भारत व अन्य है। इसमें सूबे के एक मंत्री का भी भारी पैसा लगा हुआ है। ग्रुप ने बीते कुछ सालों में कैम्को मार्ट के नाम से फ्रेंचाइजी खोली, साथ ही कारोबार को फैलाया। इसके चलते बाजार में देनदारी बढ़ गई। शक्कर वालों के ही 16 करोड़ राशि बकाया है, इसी तरह अन्य कच्ची सामग्री वालों के भी दस करोड़ से ज्यादा बकाया है। उधर केम्को ने एक ग्रुप को अपनी कंपनी का एक हिस्सा बेचा और उससे करोड़ों रुपए उठाए है। लेकिन इस दौरान ग्रुप का काम देनदारी और अधिक फैलाने में ठंडा पड़ गया। घाटे के चलते संबंधित मंत्री ने भी लगे हुए अपने हिस्से में से एक मोटी रकम वापस मांगी। बाकी देनदार भी ख़ड़े हुए हैं। इसी बीच ग्रुप द्वारा यह खुद के साथ धोखाधड़ी होने की बात बाजार में कही जा रही है।
सीए एसोसिएशन ने यह उठाई मांग
सीए एसोसिएशन ने सीपी गुप्ता से मिलकर कहा कि सीए निशीथ नाहर कन्फेक्शनरी इंडस्ट्री केमको इंडस्ट्रीज के लिए सलाहकार के रुप में काम करता है। केमको के मालिक संजय जैसवानी ने गबन का आरोप लगाकर सीए निशीथ को अपने घर पर 2 दिन बंधक बनाया, कोरे कागज पर हस्ताक्षर कराए; बुरी तरह प्रताड़ित किया, मोबाइल छीन कर बंद कर दिया एवं भूखा प्यासा रखा। साथी रोहित नागवंशी निशीथ से मिलने गया तो संजय ने रोहित को भी बंधक बना लिया एवं प्रताड़ित किया। ज्ञापन देने में टीपीए के मानद सचिव सीए ( डॉ ) अभय शर्मा, इंदौर सीए शाखा के अध्यक्ष सीए अतिशय खसगीवाला, रीजनल कौंसिल मेंबर सीए कीर्ति जोशी, सीए एसएन गोयल , सीए शैलेंद्र सोलंकी जी, सीए आनंद जैन, सीए मौसम राठी, सीए अतिशय जैन, सीए रजत धानुका, सीए स्वर्णिम गुप्ता सहित बड़ी संख्या में सदस्य मौजूद थे।
पहले भी बना चुका है बंधक
आरोप लग रहे हैं कि जैसवानी ने यह पहली बार नहीं किया है। इसके पहले भी वह कंपनी के कर्मचारियों को उठवाने, बंधक बनाने और उनके खिलाफ केस करने के कई मामले कर चुका है, जिसकी समय-समय पर शिकायत हुई। लेकिन रसूख होने के चलते हर बार वह अपने कर्मचारियों पर केस दर्ज कराने में कामयाब रहा। उसके पीड़ितों में शुभम वर्मा, गजेंद्र व अन्य कई लोग है। अब इसमें सीए निशिथ का भी नाम जुड़ गया।
जैसवानी की ओर से थाने में लंबी शिकायत
उधर संजय जैसवानी की ओर से गिरीश वाधवानी ने पुलिस को शिकायत की है। वाधवानी पुलिस को जैसवानी की भांजी कंचन जीवनानी के साथ ही रिश्तेदार नितिन जीवनानी, सीए निशिथ नाहर, रोहित नागवंशी और गौरव अहलावत के खिलाफ धोखाधड़ी की शिकायत की है। इसमें है कि जीआरवी बिस्कुट कंपनी हरियाणा के मालिक गौरव ने हमार साथ काम करने की इच्छा जताई। बाद में तय हुआ कि केम्को च्यू फूड प्रालि, जीआरवी को अपनी कार्यशील पूंजी का हिस्सा देगा। साथ ही शर्तें तय हुई कि जीआरवी जितना कमाएगी इसमें से 90 फीसदी केम्को को मिलेगा। कंपनी जीआरवी घ(टा दिखा रही थी। इसके लिए केम्को ने दस लोगों की ऑडिट टीम लगाई औऱ् जांच में आया कि गौरव अहलावत ने पूंजी निवेश 2.26 करोड़ किया और इससे कई गुना धोखाधड़ी की और गबन किया। हालांकि शिकायत में कंचन, निशिथ इन सभी की भूमिका लेकर विस्तार से नहीं लिखा गया है।
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