स्मृति सिंह केस से लिया मोहन सरकार ने सबक- शहीद फौजी परिवारों के लिए लिया बड़ा फैसला

सीएम मोहन यादव ने कहा कि हमने तय किया है कि प्रदेश के किसी भी जवान के शहीद होने पर दी जाने वाली राशि पत्नी और माता-पिता के बीच बराबर बांटी जाएगी। शहीद की पत्नी और माता- पिता को 50- 50% सहायता राशि दी जाएगी।

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Pratibha ranaa
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भोपाल में पुलिस बैंड के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम मोहन यादव ने बड़ा ऐलान किया है। सीएम यादव ने कहा कि हमने तय किया है कि प्रदेश के किसी भी जवान के शहीद होने पर दी जाने वाली राशि में 50 प्रतिशत पत्नी को और 50 प्रतिशत माता- पिता को दी जाएगी।

पत्नी- पेरेंट्स को मिलेगा आधा- आधा पैसा

सीएम ने कहा कि जवान के शहीद होने पर आर्थिक मदद के रूप में एक करोड़ की राशि दी जाएगी। इसे पत्नी और पेरेंट्स में बराबर बराबर बांटा जाएगा। इसको लेकर सीएम यादव ने एक्स पर ट्वीट भी किया है।

उन्होंने लिखा- मप्र पुलिस के जवान के शहीद होने पर दी जाने वाली 1 करोड़ रुपए की सहायता राशि में आधी राशि पत्नी को और आधी शहीद जवान के माता- पिता को दी जाएगी। 

पहले ये था नियम

बता दें, मध्य प्रदेश में पहले फौजी के शहीद हो जाने पर सरकार उसके परिजनों को एक करोड़ रुपए की राशि देती थी। ये राशि सीधे तौर पर पत्नी और बच्चों को मिलती थी, लेकिन अब सीएम ने इसमें बदलाव किया है। अब ये राशि शहीद की पत्नी और बच्चों के अलावा माता-पिता को भी बराबर मिलेगी। इसे 50- 50 फीसदी के फॉर्मूले से बांटा जाएगा।

इस साल इतने जवानों की होगी भर्ती

वहीं कार्यक्रम में सीएम मोहन यादव ने एक और बड़ी घोषणी की है। उन्होंने कहा कि इस साल 7500 पुलिस जवानों की भर्ती होगी। पुलिस विभाग के लिए इस साल बजट में 10,553 करोड़ का प्रावधान किया गया है। पुलिस परिवारों के लिए 25 हजार आवासों में से 12 हजार आवास पूरे हो चुके हैं।

क्या है स्मृति मामला ?

बता दें, शहीद कैप्टन अंशुमान सिंह अदम्य साहस और बहादुरी के लिए 5 जुलाई 2024 को राष्ट्रपति ने कीर्ति चक्र से सम्मानित किया था। कैप्टन अंशुमान सियाचिन में साथियों को बचाने में शहीद हो गए थे। अंशुमान सिंह के निधन के बाद उनकी पत्नी स्मृति अपने पति की फोटो एल्बम, कपड़े और अन्य यादों के साथ सरकार के द्वारा दिए गए कीर्ति चक्र को लेकर अपने घर गुरदासपुर चली गई हैं। उसके दस्तावेजों में दर्ज स्थाई पते को भी बदलवाकर अपने घर गुरदासपुर का करवा दिया था।

इंश्योरेंस का पैसा आधा- आधा बांटा गया

हाल ही में अंशुमान के परिवार को इंश्योरेंस का पैसा मिला है। आर्मी ग्रुप इंश्योरेंस फंड से परिवार को 1 करोड़ रुपए दिए गए हैं। यह रकम अंशुमान के माता- पिता और पत्नी स्मृति सिंह में आधी-आधी बांटी गई। वही शहीद की पेंशन उनकी पत्नी को ही मिलेगी, क्योंकि अंशुमान ने उन्हें ही नॉमिनी बनाया था। भारतीय सेना के अनुसार आर्मी की ओर से पेरेंट्स को 50 लाख और पत्नी को 50 लाख रुपए दिए जा चुके हैं।

पिता ने की नियमों में बदलाव की मांग

इसके कुछ दिन बाद अंशुमान सिंह के माता-पिता का दर्द छलका था। उन्होंने कहा था कि शहीद अंशुमान सिंह की पत्नी स्मृति पति अंशुमान की फोटो एल्बम, कपड़े और अन्य यादों के साथ सरकार के द्वारा दिए गए कीर्ति चक्र को लेकर अपने घर चली गई हैं। इस दौरान पिता रवि प्रताप सिंह ने एनओके (Next of Kin) यानी 'निकटतम परिजन' नियमों में बदलाव की मांग की है।

बहू पर लगाए थे आरोप

शहीद के माता-पिता ने कहा था कि बेटे को मिले मरणोपरांत कीर्ति चक्र को बहू ने छूने भी नहीं दिया। बेटे के जाने के बाद बहू सम्मान लेकर चले गई। हमारे पास कुछ नहीं बचा। आर्मी को शहीद के परिवार को मिलने वाली वित्तीय सहायता के नियमों में बदलाव करना चाहिए।

शहीद अंशुमान के बारे में जानिए

देवरिया के लार विकास खंड के बरडीहा दलपत गांव के रहने वाले कैप्टन अंशुमान सिंह 19 जुलाई, 2023 को सियाचिन ग्लेशियर में शहीद हो गए थे। वहां भारतीय सेना के टेंट में आग लग गई थी। कई जवान आग में फंस गए। अपनों को आग से घिरा देख रेजिमेंटल मेडिकल ऑफिसर कैप्टन अंशुमान सिंह खुद को नहीं रोक सके। साथियों को बचाने की कोशिश में कैप्टन अंशुमान शहीद हो गए।

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