मध्य प्रदेश के मऊगंज से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के विधायक प्रदीप पटेल इन दिनों चर्चा में हैं। पटेल से ही जुड़ी बड़ी खबर सामने आई है। खबर ये है कि उन्होंने रात को रीवा के नईगढ़ी रेस्ट हाउस के एक कमरे में खुद को बंद कर लिया और खाना-पीना बंद कर दिया। बीजेपी विधायक को रेस्ट हाउस में खुद को कैद करते देख पुलिस ने कमरा खुलवाने की काफी कोशिश की, लेकिन उन्होंने कमरा नहीं खोला। इसके बाद प्रशासन ने उनकी पत्नी को बुलाया, लेकिन विधायक कमरे से बाहर नहीं आए।
जिद पर अड़े प्रदीप पटेल
दरअसल, प्रदीप पटेल इस बात पर अड़े हैं कि उन्हें देवरा गांव में महादेवन मंदिर की जमीन को अतिक्रमण से मुक्त कराने के लिए जाने दिया जाए। इस पर प्रशासन राजी नहीं है। हालांकि, इस मामले में मनगवां विधायक नरेंद्र प्रजापति ने उनसे मुलाकात भी की, लेकिन पटेल ने अपनी जिद नहीं छोड़ी। गुरुवार को पटेल को अस्थाई जेल से रिहा कर दिया गया, लेकिन एक घंटे बाद ही उन्हें फिर से गिरफ्तार कर लिया गया। बता दें कि मंगलवार को देवरा में मंदिर की जमीन को लेकर दो गुटों में झड़प हो गई थी। इसके बाद तोड़फोड़ और आगजनी हुई थी। इस पूरे मामले में विधायक प्रदीप पटेल को पुलिस ने हिरासत में लिया है। तो चलिए पूरा मामला विस्तार से बताते हैं...
क्या है मामला?
दरअसल, मऊगंज विधानसभा के खटखरी चौकी क्षेत्र में स्थित 9 एकड़ 27 डिसमिल भूमि को लेकर एक गंभीर विवाद खड़ा हो गया है। इस भूमि पर मुस्लिम समुदाय और दलित परिवारों के लगभग 70-80 घर बसे हैं, जिनका दावा है कि यह भूमि उनके पूर्वजों की है और वे इसे छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं। इस विवाद को लेकर मुस्लिम समुदाय ने जबलपुर हाईकोर्ट में पिटीशन भी दायर की है। हालांकि, इस मामले पर हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है, बावजूद इसके भाजपा विधायक प्रदीप पटेल ने अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू कर दी, जिससे स्थिति और बिगड़ गई।
वहीं इस मामले में हिंदू नेता संतोष तिवारी ने प्रशासन से अतिक्रमण हटाने की मांग की थी, लेकिन प्रशासन की निष्क्रियता के चलते भाजपा कार्यकर्ताओं ने खुद ही जेसीबी लेकर कार्रवाई शुरू करने का निर्णय लिया। विधायक पटेल भी मौके पर पहुंचे और प्रशासन की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए खुद अतिक्रमण हटाने की घोषणा की। विधायक पटेल का कहना था कि चार महीने पहले उन्होंने इस मुद्दे को उठाया था, लेकिन प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया था।
पटेल के जिद की वजह से हुई थी हिंसा?
विधायक की जिद और दोनों पक्षों के बीच हिंसा का कारण बनी। मुस्लिम समुदाय ने विरोध शुरू कर दिया, जिससे पथराव और नारेबाजी हुई। इस दौरान तीन लोग घायल हो गए। कलेक्टर और एसपी ने स्थिति को नियंत्रित करने के प्रयास किए, लेकिन विधायक पटेल अपनी जिद पर अड़े रहे। प्रशासन के प्रयास विफल होने के बाद, विधायक को जबरन मऊगंज भेजा गया और वहां एक सामुदायिक भवन में ठहराया गया।
जेसीबी से बाउंड्री वॉल गिराने के दौरान मुस्लिम और दलित परिवारों ने विरोध किया, जिससे स्थिति और भी तनावपूर्ण हो गई। पथराव के दौरान कई लोग घायल हुए। पुलिस ने भारी बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित किया और विधायक पटेल को हिरासत में लिया। अब खबर यह है कि उन्होंने खुद को कमरे में बंद कर लिया है।
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