मध्य प्रदेश मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन ने हाल ही में डॉक्टरों के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जिनमें उनके चिकित्सकीय और प्रशासनिक कर्तव्यों पर जोर दिया गया है। इन गाइडलाइंस का उद्देश्य डॉक्टरों को ड्यूटी टाइम (Duty Time) की सख्त पाबंदी का पालन करने, सरकारी ड्यूटी के दौरान निजी प्रैक्टिस (Private Practice) से बचने, और मरीजों के प्रति सहानुभूति (Compassion) के साथ व्यवहार करने के लिए प्रेरित करना है। इसके अतिरिक्त, डॉक्टरों को वित्तीय नियमों और सरकारी नीतियों (Financial Policies) का पालन करने और अपने जूनियर सहकर्मियों (Junior Colleagues) को मार्गदर्शन देने के लिए भी कहा गया है।
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लंबी लाइन में नहीं लगना पड़ेगा
एसोसिएशन के अनुसार इन दिशा-निर्देशों का पालन करने से चिकित्सा सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार होगा और एसोसिएशन के सदस्यों की सामूहिक शक्ति (Collective Strength) भी मजबूत होगी। यह कदम राज्य में चिकित्सा सेवा (Medical Services) को बेहतर बनाने के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है। दिशा-निर्देशों का पालन करके मरीजों को समय पर इलाज मिलेगा और उन्हें घंटों लंबी लाइनों में नहीं लगना पड़ेगा। इससे डॉक्टरों की कार्यक्षमता में भी सुधार होगा।
एमपी मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन (MP Medical Officer Association) के अध्यक्ष डॉक्टर माधव हसानी (Dr. Madhav Hasani) ने बताया कि नए दिशा-निर्देशों के तहत डॉक्टरों से समय पर ड्यूटी (Duty) पर उपस्थित होने, प्रशासनिक आदेशों का पालन करने, और वित्तीय मामलों में सावधानी बरतने की अपेक्षा की गई है।
दिए ये दिशा-निर्देश
- ड्यूटी टाइम की पाबंदी: डॉक्टरों से अपेक्षा है कि वे समय पर ड्यूटी पर आएं और बिना किसी देरी के अपने कर्तव्यों का पालन करें।
- निजी प्रैक्टिस से बचना: सरकारी ड्यूटी के दौरान डॉक्टरों को निजी प्रैक्टिस करने की अनुमति नहीं है।
- मरीजों के प्रति सहानुभूति: डॉक्टरों से उम्मीद की जाती है कि वे मरीजों के साथ सम्मान और सहानुभूति के साथ पेश आएं।
- वित्तीय नियमों का पालन: डॉक्टरों को वित्तीय लेनदेन (Financial Transactions) में पारदर्शिता और नियमों का पालन करना होगा।
टीम वर्क में विश्वास: टीम वर्क (Teamwork) को बढ़ावा देना और सहकर्मियों के साथ सकारात्मक माहौल बनाना आवश्यक है। - सुरक्षा की जिम्मेदारी: डॉक्टरों को अपने सहकर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और किसी भी प्रकार की असामान्यता की रिपोर्ट करने के लिए कहा गया है।
- जूनियर सहकर्मियों को मार्गदर्शन: डॉक्टरों को अपने जूनियर सहकर्मियों को प्रशासनिक और नैतिक कौशल (Ethical Skills) में मार्गदर्शन देने की सलाह दी गई है।
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