मंत्रालय-डीपीआई में चार घंटे बैठक के बाद भी नहीं मिला न्याय, चयनित शिक्षक गुरुद्वारे में खाना खाकर स्टेशन पर बिता रहे रात

मध्य प्रदेश चयनित शिक्षकों का कहना है कि उनकी आर्थिक स्थिति खराब है। वह दिन और शाम का भोजन गुरुद्वारे में करते हैं। रात रानी कमलापति स्टेशन पर गुजारते है। 

Advertisment
author-image
Arvind Sharma
New Update
STYLESHEET THESOOTR - 2024-07-12T192816.036
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

BHOPAL. प्रदेश सरकार के स्कूल शिक्षा मंत्री ने दो दिन पहले प्राथमिक शिक्षक वर्ग-तीन के चयनित 882 अभ्यर्थियों को न्याय दिलाने का आश्वासन देकर बंगले से रवाना किया था। उधर मंत्रालय और डीपीआई में बीती रात आठ बजे आयुक्त शिल्पा गुप्ता और अपर संचालक कामना आचार्य के बीच बैठक चली। 

इस दौरान चयनित शिक्षकों के डेलीगेशन के साथ में वकीलों का दल भी मौजूद रहा, लेकिन उसके बाद भी कोई हल नहीं निकल सका। स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह और राज्यमंत्री कृष्ण गौर से संपर्क स्थापित करने का प्रयास किया, लेकिन उनसे मुलाकात नहीं हो सकी। उधर राज्य पिछड़ा वर्ग के अध्यक्ष रामकृष्ण कुसमारिया ने चयनित शिक्षकों का आश्वासन दिया कि वह सोमवार को मुख्यमंत्री से मिलकर समस्या का हल निकलवाएंगे। चयनित शिक्षकों का कहना है कि उनकी आर्थिक स्थिति खराब है। वह दिन और शाम का भोजन गुरुद्वारे में करते हैं। रात रानी कमलापति स्टेशन पर गुजारते है। 

882 चयनित शिक्षकों को नहीं मिला न्याय 

ओबीसी आरक्षण के तहत प्राथमिक शिक्षक वर्ग तीन के शिक्षकों का चयन करने के बाद जिला आवंटन कर स्कूलों का चयन करा लिया गया। यह शिक्षक पिछले एक साल से नियुक्ति आदेश के लिए मंत्रियों के बंगलों से लेकर मंत्रालय और डीपीआई के चक्कर काट रहे है, लेकिन उसके बाद भी 882 चयनित शिक्षकों को न्याय नहीं मिल सका। बुधवार को स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह ने शिक्षकों को आश्वासन दिया था कि मंत्रालय में आयुक्त शिल्पा गुप्ता के साथ बैठक कर उनकी समस्या का हल निकलवाएंगे। 

मंत्रालय में गुरुवार की दोपहर से लेकर रात आठ बजे तक शिक्षकों की समस्या को लेकर चर्चा की गई। उसके बाद भी हल नहीं निकल सका। शिक्षकों ने आयुक्त और डीपीआई की अपर संचालक कामना आचार्य के सामने कहा कि उनके पास नियुक्ति को लेकर हर प्रमाण है। उसके बाद भी उन्हें न्याय नहीं मिल रहा है। शिक्षक बैठक के बाद बैरंग ही मंत्रालय और डीपीआई से लौट गए। 

चयनित शिक्षक बोले: आर्थिक स्थिती खराब, रात को स्टेशन पर सोने को मजबूर

चयनित शिक्षकों ने कहा कि एक साल से उन्हें नियुक्ति आदेश नहीं दिया गया है। जिसकी वजह से उनकी आर्थिक स्थिती खराब है। घर में चूल्हा जलाने का भी संकट पैदा हो गया है। भोपाल में वह मंत्री से नौकरी दिलाने की गुहार लगाने आए थे। उन्होंने बताया कि दिन में भोजन खाने के लिए पैसे नहीं है। रात गुजारने के लिए होटल का किराया देने के लिए रुपए नहीं है। ऐसे में वह दिन में भोजन गुरुद्वारा में करते है। रेलवे स्टेशन पर वह रात गुजारते है। 

चयनित शिक्षक बोले: बाबा ने मुख्यमंत्री से न्याय दिलाने की बात कही

चयनित शिक्षक राम दांगी ने बताया कि शुक्रवार को एक भी मंत्री से मुलाकात नहीं हो सकी है। इस दौरान राज्य पिछड़ा आयोग के अध्यक्ष डॉ.रामकृष्ण कुसमारिया से बात हुई है। उन्होंने कहा कि वह भोपाल आ रहे है। वह रविवार या फिर सोमवार को मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव से मिलकर चयनित शिक्षकों की समस्या बताएंगे। साथ ही मुख्यमंत्री उनको न्याय दिलाएंगे। हालांकि चयनित शिक्षकों का यह भी कहना है कि स्कूल शिक्षा मंत्री के स्टाफ ने कहा है कि डीपीआई अपर संचालक कामना आचार्य को पद से हटाने की भी बात कही है।

 

स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह 882 चयनित शिक्षकों को नहीं मिला न्याय प्राथमिक शिक्षक वर्ग-तीन मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव राज्यमंत्री कृष्ण गौर