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डॉ. आंबेडकर नगर यानी महू में बाबा भीमराव आंबेडकर ( Baba Bhimrao Ambedkar ) के स्मारक को लेकर दो पक्षों में रविवार को जमकर विवाद हो गया। हालत मारपीट, लाठियां चलाने तक आ गई। इसके बाद प्रशासन को स्मारक में मौजूद डॉ.आंबेडकर मेमोरियल सोसायटी के दफ्तर को ही सील करना पड़ा। देर रात थाने में दोनों पक्ष एक- दूसरे पर एफआईआर करवाने पहुंच गए। इस घटना में दोनों पक्षों से 10 से ज्यादा लोग घायल हुए।
दो समिति बनने से हुआ विवाद
पहले सोसायटी में एक समिति थी, जिसमें अध्यक्ष भंते सुमेध बोधि, उपाध्यक्ष प्रकाश वानखेड़े, सचिव राजेश वानखेड़े व अन्य सदस्य थे, लेकिन बाद में प्रकाश वानखेड़े व अन्य सदस्यों ने सचिव राजेश पर दान की करोड़ों की राशि में गड़बड़ी के आरोप लगाए। इसके बाद प्रकाश वानखेड़े का नाम भंते प्रज्ञाशील हो गया और उन्होंने नई समिति बनाई। इसमें वह अध्यक्ष बन गए। इस तरह दो पक्ष राजेश वानखेड़े और प्रकाश उर्फ भंते प्रज्ञाशील का हो गया।
इस बात पर हुआ विवाद
दोनों ही पक्ष जन्मभूमि पर अपना अधिकार जता रहे हैं। रविवार को भंते प्रज्ञाशील ज्ञापन देने के लिए सोसायटी पर पहुंचे, तब दूसरा पक्ष राजेश व उनके सदस्य मौके पर मौजूद थे। कार्यालय में ताला था, इसे तोड़ने और घुसने की कोशिश की गई। इसी में दोनों के मध्य जमकर विवाद हो गया। लोगों ने लाठियां, चलाई, कुर्सियां एक-दूसरे पर फेंकी। इस घटना में दोनों पक्षों के दस से ज्यादा लोग घायल हो गए।
बाद में थाने पर हंगामा
इसके बाद मौके पर एसडीएम सीएस हुड्डा, एसडीओपी दिलीप सिंह चौधरी, टीआई संजय दिवेदी पहुंचे। कार्यालय को सील कर दिया गया। वहीं दोनों पक्ष थाने पर पहुंचे और वहां हंगामा किया। दोनों ही एक-दूसरे पर मारपीट, बलवे और जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाते हुए केस दायर करने की मांग कर रहे थे।