खनिज करोबारी महेंद्र गोयनका मामले में HC ने आईजी को लगाई फटकार, पूछा-कैसे रोकी गिरफ्तारी

सुप्रीम कोर्ट से अग्रिम जमानत खारिज होने के बावजूद रायपुर स्थित इस्पात कंपनी के तीन डायरेक्टरों की गिरफ्तारी पर रोक लगाने वाले आईजी के पत्र पर हाई कोर्ट ने हैरानी जताई है।

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Rohit Sahu
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MP News: जबलपुर हाईकोर्ट में कटनी में दर्ज धोखाधड़ी मामले में सुनवाई हुई। कोर्ट ने रायपुर रायपुर स्थित यूरो प्रतीक इस्पात इंडिया लिमिटेड के तीन डायरेक्टरों की गिरफ्तारी पर रोक के आदेश को लेकर जबलपुर IG को फटकार लगाई। जस्टिस विशाल मिश्रा की सिंगलबेंच ने कहा कि जब सुप्रीम कोर्ट तक से अग्रिम जमानत खारिज हो चुकी है, तो गिरफ्तारी पर रोक लगाने का पत्र IG आईजी अनिल सिंह कुशवाह ने कैसे जारी किया?

आदेश की कॉपी यहां से डाउनलोड करें

IG ने रोकी गिरफ्तारी

कोर्ट (MP High Court) ने 9 अक्टूबर 2024 को जारी उस पत्र पर हैरानी जताई, जिसमें IG ने लिखा था कि जांच पूरी होने तक आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा। न्यायालय ने अगली सुनवाई की तारीख 29 अप्रैल तय करते हुए IG (Jabalpur) को स्वयं उपस्थित होने का निर्देश दिया है। 

एफआईआर में सामने आए कई नाम

यह मामला खनिज विभाग से जुड़े एक बड़े फर्जीवाड़े से जुड़ा है। इसमें खनिज करोबारी महेंद्र गोयनका का नाम सामने आया है। कटनी निवासी हरनीत सिंह लाम्बा की याचिका के अनुसार, उन्हें 2018 में कंपनी का डायरेक्टर बनाया गया था। लेकिन बाद में रायपुर के हिमांशु श्रीवास्तव, सन्मति जैन, सुनील अग्रवाल और लाची मित्तल ने हरनीत और कटनी निवासी सुरेंद्र सिंह सलूजा को बिना सूचना दिए डायरेक्टर पद से हटा दिया। हरनीत ने इस संबंध में 27 जुलाई 2024 को कोतवाली थाने, कटनी में FIR दर्ज कराई थी। इसके बाद मामले में जांच और कानूनी प्रक्रिया जारी रही।

SC से खारिज अग्रिम जमानत, फिर भी गिरफ्तारी टली

इस मामले में तीनों आरोपियों की अग्रिम जमानत जिला कोर्ट, HC और सुप्रीम कोर्ट से खारिज की जा चुकी है। इसके बावजूद भी उनकी गिरफ्तारी नहीं हुई है, जबकि उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किए गए हैं। अदालत को बताया गया कि आईजी द्वारा 9 अक्टूबर 2024 को जारी एक पत्र ने पूरे मामले को नया मोड़ दे दिया।

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हाई कोर्ट ने रुकवाई कंपनी की जनरल मीटिंग 

इसके बाद याचिकाकर्ता की तरफ से अदालत को सूचित किया गया कि 24 अप्रैल 2025 को रायपुर में कंपनी की आम बैठक प्रस्तावित है, जिसमें याचिकाकर्ता हरनीत सिंह को औपचारिक रूप से हटाने का निर्णय लिया जाना है। इस पर हाई कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए डीजीपी को निर्देश दिया है कि अगली सुनवाई तक ऐसी कोई बैठक न हो।

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इस केस की प्रमुख टाइमलाइन

2018 – हरनीत सिंह को डायरेक्टर बनाया गया

बाद में – बिना सूचना के हटाया गया

27 जुलाई 2024 – कटनी में एफआईआर दर्ज

9 अक्टूबर 2024 – जबलपुर IG ने गिरफ्तारी पर रोक लगा दी

सुप्रीम कोर्ट – अग्रिम जमानत खारिज

24 अप्रैल 2025 – प्रस्तावित जनरल मीटिंग

29 अप्रैल 2025 – अगली सुनवाई, IG को उपस्थित होने का निर्देश 

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