Missing student Body found in Narmadapuram : मध्य प्रदेश के नर्मदापुरम में चार दिन से लापता स्टूडेंट का शव उसके परिजनों ने लेने से इंकार दिया है। गुस्साए परिजन अस्पताल के बाहर बैठकर नारेबाजी कर प्रदर्शन कर रहे हैं। मृतक स्टूडेंट के परिजनों की मांग है कि उनके बेटे की हत्या की गई। पुलिस आरोपियों के खिलाफ हत्या का केस दर्ज करे और उन्हें गिरफ्तार करे। लापरवाही बरतने वाले पुलिस अफसराें पर भी कार्रवाई होनी चाहिए।
18 अगस्त से था मिसिंग
मृतक स्टूडेंट का नाम हर्ष मीणा है। वह बाहरवीं क्लास में पढ़ता था। छात्र के पिता ने बताया कि उनका बेटा 18 अगस्त को कोचिंग जाने की बात कहकर घर से निकला था। इसके बाद से वह घर नहीं आया। कोचिंग में जाकर पता चला कि वह आया ही नहीं। उसके दोस्तों से जानकारी मिली कि वह एक लड़की के घर गया था। घटना के दूसरे 19 अगस्त को हमनें पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करवाई थी।
गुरुवार को मिला शव
22 अगस्त को दोपहर उसका शव जिला मुख्यालय से कुछ दूर मेहराघाट होरियापीपर में एक खेत के पास 10 फीट गहरे गड्ढे में अर्द्धनग्न हालत में मिला। शव पूरी तरह सड़ चुका था। स्कूल बैग और कपड़ों से उसकी पहचान हुई। घटनास्थल पर जहरीले पदार्थ की खाली शीशी भी मिली है। पड़ताल के दौरान पुलिस ने फेंफरताल के सीसीटीवी फुटेज खंगाले तो हर्ष अकेला ही जाता दिखा। हालांकि पुलिस जांच कर रही है।
परिजनों का आरोप
परिजनों ने पोस्टमॉर्टम के बाद शव लेने से इनकार कर दिया, आरोप लगाते हुए कहा कि हत्या के बाद शव गड्ढे में फेंका गया है। वे जिला अस्पताल में धरना देने लगे। लगभग पांच घंटे बाद पुलिस-प्रशासन की समझाइश पर शव लेने के लिए तैयार हुए। मौके पर 200 से अधिक पुलिस जवान तैनात किए गए।
सुबह से अस्पताल के बाहर प्रदर्शन
मीणा समाज के लोग शुक्रवार को बड़ी संख्या में जिला अस्पताल पहुंचे और हत्या का केस दर्ज कर आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की। उन्होंने लापरवाह पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की भी मांग की। हर्ष मीणा (Harsh Meena) के पिता, दिनेश मीणा ने आरोप लगाया कि पुलिस ने गुमशुदगी की रिपोर्ट पर ध्यान नहीं दिया और सुसाइड को हत्या में बदलने की कोशिश की जा रही है।
सीसीटीवी फुटेज की जांच
पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज की जांच की, जिसमें हर्ष (Harsh Meena) अकेला जाता दिखा। 21 अगस्त को हर्ष की इलेक्ट्रिक स्कूटी होरियापीपर के पास नहर के किनारे मिली थी। शव के डी-कंपोज हो चुके होने के कारण मौत की समय सीमा तीन-चार दिन पहले की मानी जा रही है। एएसपी आशुतोष मिश्रा (ASP Ashutosh Mishra) ने बताया कि हत्या और आत्महत्या दोनों एंगल से जांच की जा रही है और पीएम रिपोर्ट के बाद मौत के कारण की पुष्टि होगी। अगर थाना प्रभारी की लापरवाही पाई जाती है, तो कार्रवाई की जाएगी।
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