मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम और विदिशा सांसद शिवराज सिंह चौहान मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री बन चुके हैं। ऐसे में उन्होंने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। ( shivraj singh chouhan cabinet minister ) शिवराज सिंह चौहान के बुदनी विधानसभा सीट से इस्तीफा देने के बाद अब हर किसी की नजर संभावित उम्मीदवार और आगामी उपचुनाव पर है। सवाल यही है कि उपचुनाव में भाजपा यहां से किसे अपना उम्मीदवार बनाती है। कई नेता इस सीट पर अपनी दावेदारी ठोक रहे हैं।
भावुक होकर क्या बोले शिवराज
शिवराज ने एक वीडियो जारी करते हुए कहा कि आज मैं बहुत भावुक हूं। मैंने मध्य प्रदेश विधानसभा की सदस्यता से त्यागपत्र दिया है। मैं बुदनी से विधायक था और बुदनी विधानसभा क्षेत्र की जनता मेरे रोम रोम में रमती है, मेरी हर सांस में बसती है। मैंने बुदनी से ही अपने सार्वजनिक जीवन का प्रारंभ किया था। बचपन से ही आंदोलन किए और फिर जनता का प्यार लगातार मिलता चला गया।
बता दें, संविधान में प्रावधान है कि कोई भी व्यक्ति एक साथ विधायक और सांसद के पद पर नहीं रह सकता है। सांसद या विधायक बनने के बाद एक पद से 14 दिन के अंदर इस्तीफा देना होता है। शिवराज सिंह चौहान ने 4 जून के बाद सोमवार 17 जून को विधायक पद से इस्तीफा दे दिया है।
अब बुदनी से कौन होगा प्रत्याशी
अब इस सीट से कौन होगा बीजेपी का प्रत्याशी इसको लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। क्या शिवराज की विरासत कार्तिकेय सिंह चौहान को मिलेगी। मध्य प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में ऐसी चर्चाओं को हवा मिल रही है और उपचुनाव से पहले पारा हाई होने की पूरी उम्मीद है।
बेटा कार्तिकेय या फिर पूर्व सांसद भार्गव को मिलेगा मौका ?
वहीं अब बड़ा सवाल ये है कि मामा के केंद्रीय मंत्रिमंडल में मंत्री बनाए जाने के बाद एमपी की राजनीति पर क्या असर होगा। माना जा रहा है कि शिवराज के बड़े बेटे कार्तिकेय उनकी राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ा सकते हैं। बुदनी सीट पर अब उपचुनाव होगा। ऐसे में इस सीट से कौन चुनाव लड़ेगा, पार्टी किसे मौका देगी, ये देखना खास होगा।
शिवराज के बेटे कार्तिकेय को मिल सकता है मौका
कार्तिकेय राजनीति में सक्रिय हैं। पिछले 10 साल से बुदनी सीट पर प्रचार की कमान शिवराज के बड़े बेटे कार्तिकेय सिंह चौहान ही संभालते आ रहे हैं। कार्तिकेय ने 2018 और 2023 के विधानसभा चुनाव में भी अपने पिता के लिए प्रचार किया। 2023 के चुनाव में तो शिवराज ने बुदनी से केवल नामांकन दाखिल किया था। उन्होंने इस सीट को छोड़कर पूरे प्रदेश में प्रचार किया। बुदनी में शिवराज सिंह चौहान को बड़ी जीत मिली।
बुदनी से सबसे बड़ा दावा रमाकांत भार्गव का
रमाकांत भार्गव वरिष्ठ हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि पार्टी उन पर दाव खेल सकती है। बता दें, विदिशा के पूर्व सांसद रमाकांत भार्गव का टिकट काटकर शिवराज सिंह को यहां से प्रत्याशी बनाया गया था। वहीं रमाकांत भार्गव की उम्र 70 वर्ष से अधिक हो चुकी है।
इनके नाम भी चर्चा में...
- महेश उपाध्याय: सलकनपुर मंदिर ट्रस्ट के 16 साल से अध्यक्ष। महेश उपाध्याय, शिवराज के करीबी हैं। ऐसे में दावा किया जा रहा है कि पार्टी उन्हें मैदान में उतार सकती है।
- रवि मालवीय: सीहोर भाजपा के जिलाध्यक्ष हैं। पार्टी इन्हें मौका दे सकती है।
- रघुनाथ भाटी: सीहोर के पूर्व जिलाध्यक्ष हैं। रघुनाथ भी पूर्व सीएम शिवराज के करीबी माने जाते हैं।
- गुरु प्रसाद शर्मा: नसरुल्लागंज के रहने वाले, वन विकास निगम के पूर्व अध्यक्ष रह चुके हैं।
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