भारतीय जनता पार्टी और आरएसएस के संबंधों को लेकर लोकसभा चुनाव के बाद से ही तरह- तरह की खबरें सामने आ रही हैं। संघ प्रमुख मोहन भागवत ( Mohan Bhagwat ) के बयान के बाद से यह सिलसिला और भी तेजी से बड़ा है।
हालत यह है कि बड़े- बड़े वीडियो समूह संघ के नाम पर फर्जी खबरें चला रहे हैं, जिनका कोई आधार नहीं है। आज भी एक राष्ट्रीय स्तर के मीडिया समूह ने संघ प्रमुख के हवाले से एक खबर प्रकाशित की, जिसका संघ को ट्वीट ( X ) कर खंडन जारी करना पड़ा।
क्या है मामला ?
आपको याद ही होगा कि लोकसभा चुनाव के बीच में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने संघ को लेकर एक बड़ा बयान दिया था। इसमें उन्होंने कहा था कि बीजेपी अब अपने स्तर पर सक्षम हो चुकी है और उसे अब आरएसएस की जरूरत नहीं है।
इस बयान पर संघ ने सीधे तौर पर कभी कोई जवाब नहीं दिया। इधर दो दिन से संघ प्रमुख मोहन भागवत उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में प्रवास पर है। यहां मीडिया में यह खबरें भी जोरों से चलाई गई कि संघ प्रमुख और उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ के बीच मेल मुलाकात हो सकती है। जब मीडिया यह खबरें चल रहा था कि दोनों की मीटिंग हो सकती है, तब सूत्रों के हवाले से यह खबर भी निकल कर सामने आई कि दोनों ही बंद दरवाजे के भीतर दो बार मीटिंग है कर चुके हैं। हालांकि सच्चाई क्या है यह तो दोनों ही जानते हैं।
संघ को क्यों करना पड़ा खंडन ?
इधर आज एक राष्ट्रीय स्तर के मीडिया समूह ने संघ प्रमुख मोहन भागवत के हवाले से यह खबर प्रकाशित की कि भागवत ने कहा है कि संघ को लेकर नड्डा के व्यक्तिगत विचारों से उसका कोई सरोकार नहीं है। इधर, खबर छपते ही संघ की अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर को ट्वीट कर स्पष्ट करना पड़ा कि समाचार पत्र में प्रकाशित खबर पूरी तरह फर्जी है और संघ प्रमुख ने इस तरह का कोई भी बयान सार्वजनिक तौर पर नहीं दिया है।
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