मोहन कैबिनेट के फैसले : CM सुगम परिवहन सेवा के नाम चलेंगी बसें, 7वें वेतनमान को लेकर ये कहा

मुख्यमंत्री मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में कई जरूरी प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई। इनमें से एक प्रमुख निर्णय कामकाजी महिलाओं के लिए हॉस्टल के निर्माण को लेकर था।

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Sourabh Bhatnagar
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मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंगलवार, 1 अप्रैल 2025 को कैबिनेट बैठक का आयोजन हुआ। इस बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए, जिनका सीधा असर राज्य की जनता, विशेषकर छात्रों, किसानों, कामकाजी महिलाओं और सरकारी कर्मचारियों पर होगा। मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कैबिनेट के फैसलों की जानकारी दी और बताया कि राज्य सरकार ने शिक्षा, महिला सशक्तिकरण, किसानों के कल्याण, परिवहन सेवाओं और कर्मचारियों के भत्तों में कई बदलाव किए हैं।

शिक्षा क्षेत्र में बदलाव: सीएम राइज स्कूल का नाम बदला

राज्य सरकार ने शिक्षा क्षेत्र में एक अहम निर्णय लिया है। अब से सीएम राइज स्कूल का नाम सांदीपनि स्कूल रखा जाएगा। मुख्यमंत्री ने इस कदम को भारतीय संस्कृति और गौरव की दिशा में एक अहम कदम बताया। इन स्कूलों की डिजाइन में भगवान श्री कृष्ण की छवि भी शामिल की जाएगी। साथ ही, 85 लाख छात्रों को अप्रैल महीने में निःशुल्क पाठ्यपुस्तकें वितरित की जाएंगी, ताकि शिक्षा में समानता लाई जा सके।

महिला सशक्तिकरण को लेकर उठाए ये कदम

महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए भी सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। कामकाजी महिलाओं के लिए केंद्र सरकार से 224 करोड़ रुपये की सहायता प्राप्त हुई है, जिसके तहत उद्योगिक क्षेत्रों में महिला हॉस्टल बनाए जाएंगे। इस पहल से 5,000 महिलाओं को हॉस्टल सुविधा प्राप्त होगी, जिससे कामकाजी महिलाओं को सुरक्षित और सुविधाजनक आवास मिलेगा।

आसान पॉइंट्स में समझें पूरी खबर

  • मुख्यमंत्री मोहन यादव की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक में कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर मुहर लगी।

  • कामकाजी महिलाओं के लिए हॉस्टल के निर्माण हेतु केंद्र सरकार से 224 करोड़ रुपए की सहायता मिली है।

  • इस राशि का उपयोग उद्योगिक क्षेत्रों में महिला हॉस्टल बनाने के लिए किया जाएगा।

  • 27 अप्रैल को इंदौर में आईटी कॉन्क्लेव आयोजित किया जाएगा, जिसमें तकनीकी और उद्योग विशेषज्ञ भाग लेंगे।

  • जल गंगा संवर्धन अभियान 30 जून तक चलेगा, जिसमें नदियों और जल स्रोतों के संरक्षण पर ध्यान दिया जाएगा।

  • गेहूं की खरीदी 2600 रुपए प्रति क्विंटल पर की जाएगी।

  • 14 लाख 76 हजार किसानों ने रजिस्ट्रेशन कराया है और अब तक 8 लाख मैट्रिक टन गेहूं की खरीदी हो चुकी है।

  • 8 लाख मैट्रिक टन गेहूं की खरीदी पूरी हो चुकी है और अब सरकार और गेहूं नहीं खरीदेगी।

  • सरकार अब एक होल्डिंग कंपनी बनाएगी और पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) मॉडल के तहत बसों का संचालन किया जाएगा।

  • आईटी का उपयोग कर बसों का संचालन किया जाएगा, जिससे संचालन में आधुनिक तकनीकी सुविधाओं का लाभ मिलेगा।

  • बसों के टिकट सॉफ्टवेयर के जरिए जारी किए जाएंगे, जिससे टिकट प्रक्रिया को डिजिटल और पारदर्शी बनाया जाएगा।

  • मुख्यमंत्री सुगम परिवहन सेवा नाम से यह बसें चलेंगी, जो नागरिकों को बेहतर और सुविधाजनक परिवहन सेवा प्रदान करेंगी।

  • कार्गो सेवा भी शुरू की जाएगी।
  • कर्मचारियों को 7वें वेतनमान के तहत भत्ता दिया जाएगा, जिससे उनकी भत्तों में वृद्धि की जाएगी और कार्य की गुणवत्ता में सुधार होगा।

किसानों के लिए राहत

किसानों के लिए भी कैबिनेट में महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं। गेहूं खरीदी का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 2,600 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है। अब तक 14.76 लाख किसानों ने रजिस्ट्रेशन कराया है, जिनमें से 8 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीदी पहले ही हो चुकी है। इसके साथ ही, प्रभारी मंत्रियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने-अपने जिलों में गेहूं खरीदी केंद्रों का निरीक्षण करें ताकि किसानों को किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े।

परिवहन नीति में बड़ा बदलाव

राज्य सरकार ने परिवहन नीति में भी बड़ा बदलाव किया है। मुख्यमंत्री सुगम परिवहन सेवा के तहत अब सरकार स्वयं बसें नहीं खरीदेगी। इसके बजाय, PPP मॉडल के तहत प्राइवेट ऑपरेटर्स से बसें चलाई जाएंगी। इसके अलावा, सरकार होल्डिंग कंपनी बनाकर बसों का संचालन करेगी और आईटी सिस्टम लागू कर टिकट व्यवस्था को सख्त किया जाएगा, जिससे टिकट चोरी पर रोक लगेगी। इसके साथ ही, कार्गो सेवा भी शुरू की जाएगी, जिससे व्यापारियों को भी लाभ मिलेगा।

क्या होगा खास

  • 2003 में राज्य सड़क परिवहन निगम के बंद होने के बाद, सरकार ने अब एक नई यात्री परिवहन सेवा शुरू करने का निर्णय लिया है। इस नई सेवा का मुख्य उद्देश्य विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों और आदिवासी इलाकों में यात्री परिवहन को बेहतर बनाना है। मुख्यमंत्री ने यात्री परिवहन की भविष्य में होने वाली आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए योजना के सभी पहलुओं का गंभीरता से अध्ययन करने का निर्देश दिया है। 
  • नई परिवहन योजना के तहत प्रदेश में यात्री बसों के संचालन की त्रि-स्तरीय मॉनिटरिंग की जाएगी। इसके लिए प्रदेश मुख्यालय स्तर पर एक राज्य स्तरीय होल्डिंग कंपनी बनाई जाएगी। साथ ही, सात बड़े संभागों में क्षेत्रीय सहायक कंपनियों की स्थापना की जाएगी। इन संभागों में भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन, सागर और रीवा शामिल हैं। 
  • इसके अलावा, सभी जिलों में जिला स्तरीय यात्री परिवहन समितियाँ गठित की जाएंगी, जो यात्री परिवहन को बेहतर बनाने, किराया तय करने, रूट चार्ट तैयार करने और योजना का अधिकतम लाभ दिलाने के लिए समन्वय और मार्गदर्शन करेंगी। सात क्षेत्रीय सहायक कंपनियों के लिए आय के स्रोत निर्माण के विशेष इंतजाम किए जाएंगे, ताकि यह सेवाएं प्रभावी तरीके से संचालित हो सकें। 
  • सरकार ने यह भी घोषणा की है कि अनुबंधित बसों को प्राथमिकता से परमिट दिया जाएगा, जबकि इन बसों पर प्रभावी नियंत्रण सरकार का रहेगा। यात्रियों और बस ऑपरेटर्स के लिए एक ऐप और कंपनी की मॉनिटरिंग के लिए एक डैशबोर्ड भी बनाया जाएगा, जिससे संचालन में पारदर्शिता बढ़ेगी। 
  • प्रदेश के सात बड़े संभागों में यात्री बसों की आवश्यकता और उनकी संख्या का निर्धारण करने के लिए सर्वेक्षण कराया जा रहा है। इसके साथ ही, बस ऑपरेटर्स को निरंतर व्यवसाय और अनुकूल परिवेश देने के प्रावधान किए गए हैं, ताकि उनकी सेवाएं बाधित न हों और यात्रियों को किसी प्रकार की असुविधा न हो।

कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर

कर्मचारियों के लिए भी एक खुशखबरी है। अब 7वें वेतनमान के अनुसार भत्ते दिए जाएंगे, जबकि पहले यह भत्ते 6वें वेतनमान के आधार पर दिए जाते थे। इस बदलाव से राज्य सरकार पर 1,500 करोड़ रुपये का अतिरिक्त वित्तीय भार पड़ेगा, लेकिन कर्मचारियों की संतुष्टि और प्रेरणा को देखते हुए यह कदम उठाया गया है।

अन्य महत्वपूर्ण फैसले

इसके अलावा, सरकार ने जल गंगा संवर्धन अभियान 30 मार्च से लेकर 30 जून तक चलाने का निर्णय लिया है। इस अभियान के तहत जल स्रोतों और नदियों के संरक्षण पर जोर दिया जाएगा। इसके साथ ही, 27 अप्रैल 2025 को इंदौर में एक आईटी कॉन्क्लेव आयोजित किया जाएगा, जिसमें देश-विदेश के तकनीकी विशेषज्ञ शामिल होंगे।

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