MP NEWS: मध्य प्रदेश के इटारसी से निकलकर राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाने वाले मोनू शर्मा ने UPSC 2024 में 359वीं रैंक हासिल की है। ऐसा करके उन्होंने अपने नाम को इतिहास में दर्ज करा दिया है। एक साधारण परिवार से आने वाले मोनू ने बिना कोचिंग, बिना शोर-शराबे के यह सफलता हासिल की है।
किराए के घर से शुरू हुआ सफर
इटारसी के गरीबी लाइन क्षेत्र में किराए के घर में रहने वाले मोनू का बचपन सामान्य लेकिन संघर्षमय था। उनके पिता सुभाष शर्मा मेडिकल एजेंसी में सेल्समेन हैं, जबकि मां प्रतिभा शर्मा एक गृहिणी हैं। परिवार की आर्थिक स्थिति मजबूत नहीं थी, परंतु शिक्षा और संस्कारों से कोई समझौता नहीं किया गया।
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नौकरी छोड़ी, सपना नहीं
मोनू एक समय चेन्नई में सॉफ्टवेयर इंजीनियर की नौकरी कर रहे थे। उनका सपना प्रशासनिक सेवा में जाकर समाज के लिए काम करने का था। 15 मार्च 2021 को उन्होंने नौकरी छोड़ दी और पूरी तरह यूपीएससी की तैयारी में जुट गए।
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बिना कोचिंग के सफलता
उनकी सफलता की खास बात यह है कि उन्होंने कभी कोई कोचिंग नहीं ली। मोनू ने कहा कि वे सोशल मीडिया से पूरी तरह दूर रहे और प्रतिदिन 8-10 घंटे ईमानदारी से पढ़ाई की। केवल मॉक टेस्ट के लिए वे ढाई महीने दिल्ली में रहे थे।
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पारिवारिक सहयोग बना ताकत
मोनू की सफलता के पीछे उनका परिवार एक मजबूत स्तंभ रहा। आर्थिक परेशानियों के बावजूद, उनके माता-पिता ने कभी उम्मीद नहीं खोई। मकान मालिक मिथलेश चौहान ने भी मोनू को बचपन से मेहनती और पढ़ाई में गंभीर बताया।
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आईपीएस से आगे आईएएस का सपना
मोनू को 359वीं रैंक के आधार पर संभावना है कि उन्हें आईपीएस कैडर मिलेगा, लेकिन वे इसे अंतिम मंज़िल नहीं मानते। उन्होंने कहा कि जब तक आईएएस नहीं बन जाते, तब तक प्रयास जारी रहेगा। मोनू का कहना है कि जो भी जिम्मेदारी उन्हें मिलेगी, वे उसे पूरी ईमानदारी से निभाएंगे।
मंदसौर के युगांश भटनागर
मंदसौर शहर में स्थित जनता कॉलोनी के युगांश भटनागर ने यूपीएससी 2024 परीक्षा में 307वीं रैंक हासिल की है। ऐसा करके उन्होंने अपने परिवार को गर्वित किया है। उनकी यह उपलब्धि उन हजारों युवाओं के लिए एक संदेश है जो सीमित संसाधनों के बावजूद कुछ बड़ा करना चाहते हैं।
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ऋषभ चौधरी ने हासिल की 28 वीं रैंक
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मंदसौर के गरोठ के व्यापारी गोविंदरामजी चौधरी के पोते ऋषभ चौधरी ने IAS परीक्षा में संपूर्ण देश में 28 वीं रैंक हासिल की है। यह उपलब्धि प्राप्त करने वाले गरोठ नगर के पहले ऐसे छात्र हैं जिन्होंने बिना कोचिंग के घर पर अध्ययन करके 28वीं रैंक हासिल की है।