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मप्र के बार में जमकर टैक्स चोरी हो रही है। मप्र जीएसटी विभाग द्वारा इन बार पर जब छापे मारे गए तो, इसमें चौंकाने वाला खुलासा हुआ। प्रदेश में 500 बार है, लेकिन इसमें से करीब 400 ही वैट रिटर्न के लिए रजिस्टर्ड हैं।
वहीं इन 400 में सें भी सौ से ज्यादा बार तो सालों से टैक्स रिटर्न ही नहीं भर रहे हैं। जो भर रहे हैं वह केवल 20-30 फीसदी ही आय दिखाते हैं।
30 से ज्यादा बार छापों में सात करोड़ की चोरी निकली
वाणिज्यिक कर विभाग ने दल बनाकर इंदौर व प्रदेश में एक साथ कई बार पर छापे मारे।। 30 से ज्यादा बार में यह टैक्स चोरी 14 करोड़ रुपए तक पहुंच गई है। इसमें से 11 करोड़ रुपए विभाग ने जमा करा लिए हैं। इसमें अकेले इंदौर का हिस्सा ही 7 करोड़ रुपए है।
15 दिन की जांच में यह हुआ
15 दिन तक विभाग की चली कार्रवाई के बाद 37 बार ने रिटर्न जमा किए हैं। करीब आधे बार सालों से टैक्स की चोरी कर रहे थे, जिस पर विभाग ने अभी तक ध्यान ही नहीं दिया था। वाणिज्यिक कर अपर आयुक्त रजनी सिंह ने बताया कि छापों के पहले दो माह में 28 करोड़ रुपए का वैट मिला था छापे के दौरान ही 14 करोड़ की वैट चोरी सामने आई और 11 करोड़ जमा कराए गए।
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यह है वैट का नियम
बार में शराब पर 18 फीसदी वैट लगता है। दुकान से बेचने पर 10 फीसदी वैट लगता है। प्रदेश में औसतन हर साल 1800 करोड़ रुपए शराब पर वैट से मिलता है, जिसमें 1500 करोड दुकान से आता है तो 300 करोड़ करीब बार से आता है। विभाग का लक्ष्य है छापे के बाद सही रिटर्न भरते हैं तो इशमें 50 करोड़ से अधिक की आय बढ़ सकती है।