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मध्य प्रदेश में एक बार फिर प्रशासनिक सर्जरी होने की संभावना है। राज्य सरकार जल्द ही 20 से अधिक वरिष्ठ अधिकारियों का ट्रांसफर करने की योजना बना रही है, जिसमें प्रमुख सचिव, अतिरिक्त मुख्य सचिव और जिला कलेक्टर स्तर के अधिकारी शामिल हैं। यह फेरबदल सरकारी योजनाओं के बेहतर कार्यान्वयन और अधिकारियों के काम का बोझ कम करने के उद्देश्य से किया जाएगा।
उज्जैन कलेक्टर समेत 6 कलेक्टरों की चर्चा
चर्चा है कि गृहमंत्री अमित शाह के भोपाल में प्रस्तावित कार्यक्रम के होते ही ट्रांसफर सूची जारी हो सकती है। इस सूची में उज्जैन कलेक्टर नीरज कुमार सिंह सहित कुल 6 जिलों के कलेक्टरों के नाम शामिल बताए जा रहे हैं। इसके अलावा अन्य अफसरों के नाम भी हो सकते हैं।
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कैसे होंगे अधिकारियों के ट्रांसफर?
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, जिन अधिकारियों के पास कई विभागों की जिम्मेदारी है, उनके काम को विभाजित किया जाएगा। जिला कलेक्टरों के ट्रांसफर भी उनके कार्यों और प्रदर्शन के आधार पर होंगे। जिन कलेक्टरों ने सरकारी योजनाओं को प्रभावी तरीके से लागू किया है, उन्हें नए जिले दिए जा सकते हैं। वहीं कुछ अधिकारियों को राज्य सचिवालय में वापस बुलाए जाने की संभावना है।
यह होंगे मुख्य मानक?
इस बार के ट्रांसफर में अधिकारियों की कार्यशैली, उनके विभागों के प्रमुखों के साथ तालमेल, जनप्रतिनिधियों के साथ उनके रिश्ते, सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन की क्षमता और जिले के प्रभारी मंत्री की राय को ध्यान में रखा जाएगा।
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CM मोहन यादव की 'रीसेट' रणनीति
मध्यप्रदेश में भाजपा की नई सरकार को अब डेढ़ साल हो चुके हैं, और इस दौरान 300 से अधिक IAS अधिकारियों का ट्रांसफर हो चुका है। दिसंबर 2023 में CM मोहन यादव ने सरकार की कमान संभालने के बाद 'रीसेट मोड' में काम करना शुरू किया था, ताकि प्रशासनिक कामकाजी प्रक्रिया में स्थिरता लाई जा सके। अधिकारियों का मानना है कि इस प्रशासनिक सर्जरी के बाद शासन में और भी सुधार होंगे।
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