BHOPAL. मध्य प्रदेश के आगर में धर्म विरोधी बयान का ऑडियो वायरल के बाद ग्रामीणों का आक्रोश भड़क गया। लोगों ने आरोपी प्राचार्य के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते हुए चौराहे पर चक्का जाम कर दिया। प्रदर्शन के बाद पुलिस ने मामले में आरोपी प्राचार्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। साथ ही ऑडियो को जब्त कर लिया है।
धर्म विरोधी बयान पर भड़के ग्रामीण
बता दें कि सोशल मीडिया पर पालखेड़ी शासकीय स्कूल के प्राचार्य केसी मालवीय का एक कथित ऑडियो वायरल हुआ था, ग्रामीणों का कहना है कि ऑडियो में सनातन धर्म विरोधी बयान दिया गया। ऑडियो में जो आवाज है वह पाल खेड़ी स्कूल के प्राचार्य के सी मालवीय की है। जिसको लेकर ग्रामीणों ने जिला मुख्यालय के बड़ौद चौराहे पर धरना प्रदर्शन किया। साथ ही पुलिस और तहसीलदार के सामने प्राचार्य पर केस दर्ज करने की मांग करने लगे, आखिर पुलिस द्वारा एफआई दर्ज करने के बाद ग्रामीणों का हंगामा शांत हुआ।
ग्रामीणों के प्रदर्शन के बाद मामले में एफआईआर
सीएसपी मोतीलाल कुशवाह ने बताया कि पालखेड़ी शासकीय स्कूल में बच्चों के सामने धर्म विरोधी बातें करने के विरोध में ग्रामीणों ने यहां प्रदर्शन किया, प्राचार्य के खिलाफ पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की धाराओं में प्राचार्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया है। पुलिस का कहना है कि ऑडियो को जब्त कर लिया गया है और उसकी जांच भी कराई जाएगी।
जानें क्या है वायरल ऑडियो में
सोशल मीडिया पर वायरल ऑडियो में यह कहते हुए सुना जा सकता है कि देश में जब पूर्व में अंग्रेजों का राज था उस समय सती प्रथा सहित कई रूढ़िवादी परंपराओं को बंद कर दिया गया था, लाठी के दम पर इन परंपराओं को रोका गया था। कथित ऑडियो में ये भी कहा जा रहा कि एक बार फिर देश पर अंग्रेजों का राज होना चाहिए, जिससे लाठी के दम पर मानव को इंसान बनाए जा सके, इसके अलावा मंदिरों में छुआछूत की परंपरा को देखते हुए मंदिर नहीं जाने की अपील भी ऑडियो में की जा रही है। इसमें आगे कहते हुए सुना जा सकता है कि "नेताओं को जूते की माला पहनाया जाए."
विवादों में प्राचार्य केसी मालवीय
दरअसल, प्राचार्य केसी मालवीय कई दिनों से विवादों में चल रहे हैं। प्राचार्य ने स्कूल में पेयजल व्यवस्था ठीक नहीं होने पर सरपंच को फटकारते हुए अल्टीमेटम दे दिया था, मामले में शिकायत के बाद कलेक्टर ने प्राचार्य के स्थानांतरण का आदेश जारी किया था। बाद में पता चला कि कलेक्टर प्राचार्य का स्थानांतरण नहीं कर सकते हैं, जिसके बाद आदेश को पलट दिया गया।
स्थानांतरण निरस्त होने पर गांव में जुलूस निकाला गया था। प्राचार्य को घोड़े पर बैठाकर विद्यार्थी बैंड बाजे के साथ उन्हें घर से स्कूल तक लेकर आए थे। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ। इसको लेकर स्कूली बच्चों का कहना है कि घोड़ा, बैंड और पटाखे के लिए पैसे प्राचार्य ने ही दिए थे।
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