MP Ajab Gajab Kaaf Village Vidisha : एमपी अजब है, सबसे गजब है, ये स्लोगन तो आप सब ने सुना ही होगा। लेकिन इसी स्लोगन को सच करता है एमपी का एक गांव जो सच में अजब- गजब है। हर व्यक्ति का सपना होता है कि उसके सिर पर पक्की छत हो, लेकिन इस गांव के लोगों के पक्की छत से डर लगता है। इस बात पर यकीन करना शायद मुश्किल होगा, लेकिन ये सच है। राजधानी भोपाल से 55 किमी दूर विदिशा के पास काफ गांव है, इस गांव में घर तो दरवाजा भी है पर छत नहीं है। आपको जानकर हैरानी होगी कि प्रधानमंत्री आवास योजना के मकानों पर भी इस गांव में पक्की छत नहीं डाली गई है।
मान्यता का कारण
काफ गांव विदिशा से महज 18 किलोमीटर दूर है। गांव में सिर्फ एक सरकारी स्कूल पर पक्की छत है। बाकी पूरे गांव के घर टीन शेड से ढ़के हुए हैं। किसी भी घर की छत पक्की छत नहीं है। अब अगर आप इसकी वजह जानेंगे तो दंग रह जाएंगे। दरअसल, काफ गांव में रहने वाले लोगों का मानना है कि अगर यहां कोई अपने घर में पक्की छत डलवा लेता है तो वो परिवार किसी बड़े हादसे का शिकार हो जाता है, साथ ही वह पागल हो जाता है या फिर उसके घर में कोई खत्म हो जाता है।
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मान्यता की कहानी ग्रामीणों की जुबानी
गांव वालों का कहना है कि किसी साधु ने गांव वालों को ऐसा करने से मना किया है ताकि लोग अनहोनी से बच सके। साथ ही उनका कहना है कि चाहे सरकार ताला लगा दे लेकिन छत नहीं डालेंगे, भगवान के यहां से मंजूरी नहीं है, जो डोकरा ने डाला वो पागल हो गया। कई लोगों को पीएम आवास मिला है लेकिन उनमें भी छत नहीं डले हैं। गांव वालों का कहना है कि हम छत नहीं डालेंगे चाहे पीएम आवास नहीं मिले। नंदकिशोर नाम के एक व्यक्ति ने पक्की छत बनवा ली थी जिसके बाद उनका पूरा परिवार तहस-नहस हो गया और वह व्यक्ति अंत में पूरी तरह पागल हो गया।
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51 लोगों को पीएम आवास का लाभ
आपको बता दें कि इस गांव में कोई 20 लोगों के परिवार के साथ रहता है, तो कोई 60 साल का हो गया। लेकिन किसी ने गांव में छत नहीं देखी। सबकी एक ही कहानी है और वो ये कि अगर छत डली तो अनहोनी हो जाएगी। काफ गांव में 51 लोगों को अभी तक प्रधानमंत्री आवास का लाभ मिल चुका है। जबकि 27 लोगों को नए आवास मिलने वाले हैं। इस गांव में 100 से ज्यादा घर हैं और किसी में पक्की छत नहीं है।
प्रशासन ने भी इस मान्यता पर साध ली चुप्पी
हैरानी की बात ये है कि प्रशासन भी इस मान्यता पर कुछ नहीं कर रहा है जबकि सरकार कह रही है कि लोगों को समझाएंगे। लेकिन जब अधिकारी गांव के लोगों को समझाने गए तो गांव वालों ने कहा कि घरों में छत डलने के बाद अधिकारी को 1 महीने उसी घर में रहना होगा।
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