हाय रे एमपी! एक्ट में ऐसा कोई प्रावधान नहीं फिर भी MIC ने शवदाह गृह में अंतिम संस्कार पर 18 फीसदी GST वसूलने की मंजूरी दे दी। जानकारी के मुताबिक मध्य प्रदेश के सतना शहर के नारायण तालाब और नजीराबाद स्थित मुक्तिधाम में बिना नियम के ही जीएसटी वसूली करने के निर्देश दिए गए। एमआईसी ( MIC) ने नियम विरुद्ध जीएसटी ( GST against the rules ) वसूली को मंजूरी किन तथ्यों के आधार पर दी यह जांच का विषय बन चुका है। फिलहाल मामले का खुलासा होने के बाद नगर निगम प्रशासन में हड़कंप मचा है।
बिना एक्ट के वसूली की प्लानिंग
जीएसटी विशेषज्ञों का मानना है कि शवदाह गृह में अंतिम संस्कार करने के दौरान जीएसटी (GST) वसूलने का प्रावधान नहीं है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ( Union Finance Minister Nirmala Sitharaman ) ने 2022 में ही लोकसभा के अंदर कहा था कि अंतिम संस्कार केंद्रीय वस्तु और सेवा अधिनियम ( Central Goods and Services Act ) के दायरे में नहीं आते। ऐसे में शव जलाने या अंतिम संस्कार करने में किसी प्रकार की जीएसटी नहीं ली जा सकती।
जीएसटी का जिन्न बाहर आया
आपको बताते चलें कि बीते 14 मार्च को सतना नगर निगम (Satna Municipal Corporation ) में एमआईसी (MIC) की बैठक हुई थी, जिसमें दोनों विद्युत शव दाह गृह ( electric rematorium ) में शुल्क वसूली (fee collection ) पर प्रस्ताव लाया गया था। प्रस्ताव में शव को जलाने ( burn the dead body ) का शुल्क करीब 2100 रुपए निर्धारित किया गया था और इस पर 18 फीसदी जीएसटी वसूली की भी बात कही गई थी। करीब 5 महीने तक एमआईसी (MIC) का यह मामला दबा रहा, लेकिन जैसे ही शवदाह गृह को संचालित करने की कवायद शुरू हुई तो जीएसटी का जिन्न बाहर आ गया।
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