कौन संभालेगा शिवराज सिंह की विरासत?, खिलेगा कमल या कांग्रेस करेगी कमाल

मध्य प्रदेश की हाईप्रोफाइल सीट बुदनी का अगला विधायक कौन होगा, यह कल शनिवार को साफ हो जाएगा। सीहोर के सरकारी पॉलिटेक्निक कॉलेज में सुबह 8 बजे काउंटिंग शुरू होगी। 13 नवंबर को हुए उपचुनाव के मतदान में बुदनी सीट पर 77.32 प्रतिशत मतदान हुआ है।

Advertisment
author-image
Vikram Jain
New Update
MP Bhopal Budni Assembly seat byelection votes Counting
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

BHOPAL. मध्य प्रदेश में बुदनी विधानसभा सीट पर उपचुनाव के बाद प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला होने जा रहा है। हाईप्रोफाइल सीट बुदनी का अगला विधायक कौन होगा, यह जल्द ही साफ हो जाएगा। मतगणना को लेकर चुनाव आयोग ने सारी तैयारियां पूरी कर ली है। अब कल 23 नवंबर यह सामने आ जाएगा कि जनता ने किसको अपना विधायक चुना है। बुदनी विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए 13 नवंबर को वोटिंग हुई थी।  यह उपचुनाव बीजेपी और कांग्रेस दोनों के लिए एक महत्वपूर्ण परीक्षा है।

बीजेपी और कांग्रेस में सीधा मुकाबला

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और बुदनी विधायक शिवराज सिंह चौहान के विदिशा से सांसद बनने के बाद बुदनी सीट पर उपचुनाव हुआ है। विदिशा से सांसद चुने जाने के बाद शिवराज सिंह ने इस्तीफा दिया था। और यह सीट खाली हुई थी। बुदनी में बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर है। भारतीय जनता पार्टी से पूर्व सांसद रमाकांत भार्गव और कांग्रेस से पूर्व मंत्री राजकुमार पटेल मैदान में हैं। यहां बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने ही जीत के दावे किए हैं। यह सीट पूर्व मुख्यमंत्री और मोदी सरकार में मंत्री शिवराज सिंह चौहान का गृहक्षेत्र है। इस सीट पर लंबे समय से बीजेपी का दबदबा रहा है।

14-14 टेबल्स पर होगी वोटों की गिनती

बुदनी उपचुनाव के लिए शनिवार 23 नवंबर को सुबह 8 बजे काउंटिंग शुरू होगी। काउंटिंग सीहोर के सरकारी पॉलिटेक्निक कॉलेज में होगी। इस विधानसभा क्षेत्र के 363 पोलिंग बूथ के वोटों की गिनती 14-14 टेबल्स पर की जाएगी। काउंटिंग 13 राउंड में पूरी होगी। इस लिहाज, से विजयपुर से पहले बुदनी का रिजल्ट आएगा। 13 नवंबर को हुए उपचुनाव के मतदान में बुदनी सीट पर 77.32 प्रतिशत मतदान हुआ है, जबकि विजयपुर में 77.85 फीसदी वोट पड़े हैं। नवंबर 2023 में हुए विधानसभा चुनावों में बुदनी में 84.86 प्रतिशत मतदान हुआ था। इस तरह उपचुनाव में बुदनी में 7 प्रतिशत कम वोटिंग हुई है।

जानें बुदनी सीट का इतिहास

केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान बुदनी विधानसभा सीट से 6 बार विधायक रहे हैं। सत्तारूढ़ बीजेपी शासन के सबसे ज्यादा समय मुख्यमंत्री बने रहने का रिकार्ड कायम करने वाले शिवराज सिंह चौहान ने अपने राजनीतिक जीवन का पहला चुनाव साल 1990 में बुदनी सीट से लड़ा था और जीतकर विधानसभा पहुंचे।

शिवराज सिंह चौहान ने सबसे पहले 29 नवंबर 2005 को मध्य प्रदेश के 24वें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली थी। उसके बाद उन्होंने मुख्यमंत्री रहते हुए दूसरी बार 2006 में बुदनी से विधानसभा चुनाव लड़ा और जीता। इसके बाद उन्होंने बुदनी से ही 2008 तीसरी बार, 2013 में चौथी बार और 2018 में पांचवी बार विधानसभा चुनाव लड़कर जीता। 2023 में सीएम के रूप में शिवराज सिंह चौहान 6वां विधानसभा चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। 

बुदनी में तीसरी बार हुए हैं उपचुनाव

सीहार जिले की बुदनी विधानसभा सीट पर यह तीसरी बार उपचुनाव हुआ है। दिलचस्प बात यह है कि तीनों उपचुनाव का कारण शिवराज सिंह चौहान रहे हैं। अब तक हुए उपचुनावों में कांग्रेस की ओर से राजकुमार पटेल ही प्रत्याशी रहे हैं। इस सीट पर हुए पहला उपचुनाव साल 1992 में हुआ था। दूसरा 2006 में और अब 2024 में हुआ है।

1992 में इसलिए हुआ उपचुनाव

पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने साल 1990 में बीजेपी के टिकट पर बुदनी से चुनाव लड़ा और विधायक बने। 1991 में हुए लोकसभा चुनाव में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई ने विदिशा और लखनऊ सीट से चुनाव लड़ा था। जीत के बाद अटलजी ने विदिशा सीट से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद उपचुनाव हुए में बीजेपी ने बुदनी विधायक शिवराज सिंह चौहान को मौका दिया। बुदनी सीट के खाली होने पर 1992 में उपचुनाव में बीजेपी से 
मोहनलाल शिशिर ने चुनाव लड़ा था।

मुख्यमंत्री के तौर पर लड़ा था चुनाव

साल 2005 में बीजेपी केंद्रीय नेतृत्व ने शिवराज सिंह चौहान को मध्य प्रदेश भेजा। विधायक दल के नेता के रूप में उनका नाम आने के बाद शिवराज सिंह प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। इस दौरान बुदनी सीट से तत्कालीन विधायक राजेंद्र सिंह राजपूत ने इस्तीफा दिया फिर यह सीट खाली हुई। इसके बाद 2006 में हुए उपचुनाव में शिवराज सिंह बुदनी से मुख्यमंत्री के रूप में चुनाव लड़ा और बड़ी जीत दर्ज की।

जानें कौन हैं राजकुमार पटेल

पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान के विदिशा से सांसद बनने के बाद खाली हुई बुदनी विधानसभा सीट से कांग्रेस ने पूर्व विधायक राजकुमार पटेल पर भरोसा जताया है। किरार नेता राजकुमार बुदनी विधानसभा सीट से 1993 से 1998 तक विधायक रहे हैं। इस दौरान वे कांग्रेस सरकार में शिक्षा राज्यमंत्री रह चुके हैं। साल 1998 में कांग्रेस ने उनके बड़े भाई देवकुमार पटेल को प्रत्याशी बनाया था। वे वर्तमान में कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष हैं।

61 वर्षीय राजकुमार पटेल मूलत: सीहोर के बखतरा के रहने वाले हैं, वे अन्य पिछड़ा वर्ग से आते हैं, इस क्षेत्र में ओबीसी संख्या में मौजूद हैं। पटेल ने हमीदिया आर्ट्स एंड कॉमर्स कॉलेज से एलएलबी और एमए की पढ़ाई की है। पटेल छात्र जीवन से ही राजनीति में एक्टिव रहे हैं। वे एमवीएम कॉलेज भोपाल के छात्र संघ अध्यक्ष रह चुके हैं। उन्होंने एनएसयूआई में प्रदेश अध्यक्ष से लेकर राष्ट्रीय महामंत्री की जिम्मेदारी संभाली है।

कौन हैं रमाकांत भार्गव

बुदनी विधानसभा सीट शिवराज सिंह चौहान के इस्तीफे के बाद खाली हुई है। इस सीट से पूर्व सांसद रमाकांत भार्गव बीजेपी से उम्मीदवार है। बीजेपी ने शिवराज सिंह चौहान के लिए विदिशा सीट छोड़ने वाले रमाकांत भार्गव को मौका दिया है। रमाकांत भार्गव विदिशा लोकसभा सीट से सांसद रह चुके हैं। विदिशा सीट से सुषमा स्वराज ने चुनाव नहीं लड़ने पर 2019 में भार्गव ने पहली बार यहां से चुनाव लड़ा था। उन्होंने कांग्रेस के शैलेंद्र चंद्र को हराया था। अब 2024 के लोकसभा के चुनाव में विदिशा से रमाकांत भार्गव का टिकट काटकर बीजेपी ने शिवराज सिंह को प्रत्याशी बनाया था। रमाकांत शिवराज सिंह चौहान के करीबी भी मानें जाते हैं।

71 वर्षीय रमाकांत भार्गव मार्कफेड के अध्यक्ष और अपेक्स बैंक के डायरेक्टर रहे हैं। कई बार वे उनके चुनाव संचालक की भूमिका में रहे हैं। भार्गव को इस सीट का सबसे बड़ा दावेदार भी माना जा रहा था। बता दें कि बुदनी सीट से शिवराज सिंह चौहान लगातार पांच बार विधायक रहे हैं।

thesootr links

द सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

एमपी न्यूज भोपाल न्यूज शिवराज सिंह चौहान कांग्रेस बीजेपी मध्य प्रदेश Budni assembly seat सीएम विधानसभा सीट बुदनी रमाकांत भार्गव राजकुमार पटेल बुदनी उपचुनाव बुदनी विधानसभा सीट Budni byelection