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BHOPAL. विजयपुर उपचुनाव में वन मंत्री रामनिवास रावत की हार के बाद मध्य प्रदेश में सियासी घमासान मचा हुआ है। बीजेपी पर हार पर चिंता जताने और चुनाव प्रचार को लेकर दिए केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के बयान के बाद कांग्रेस हमलावर हो गई है। पीसीसी चीफ जीतू पटवारी (jeetu patwari) और पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा (Sajjan Singh Verma) ने सिंधिया पर तंज कसा है। कांग्रेस के नेताओं ने बीजेपी में सिंधिया की स्थिति को लेकर निशाना साधा है।
अब खत्म हो गई सिंधिया की अहमियत
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) के बयान पर तंज कसते हुए पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि सिंधिया ने अपनी "मातृ संस्था" (कांग्रेस पार्टी) को छोड़ दिया था, और अब उनकी स्थिति यह है कि उन्हें खुद के ही क्षेत्र में भी प्रचार के लिए नहीं बुलाया जा रहा है। सज्जन सिंह वर्मा ने यह आरोप भी लगाया कि जब कांग्रेस सत्ता में थी, तो ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में बिना सिंधिया की मंजूरी के कोई कदम नहीं उठाया जाता था, लेकिन अब उनकी अहमियत खत्म हो गई है और उन्हें चुनाव प्रचार में भी बुलाया नहीं जा रहा। वर्मा ने यह भी कहा कि सिंधिया और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की स्थिति अब "भस्मासुर" जैसी हो गई है।
BJP ने सिंधिया से किया सौतेला व्यवहार
सज्जन सिंह वर्मा ने आगे कहा कि सिंधिया को अब यह अहसास हो गया होगा कि "अपने अपने होते हैं और सौतेला सौतेला होता है।" उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी ने सिंधिया के साथ सौतेला व्यवहार किया है, और इस मामले में बीजेपी ने कोई गलत काम नहीं किया। वर्मा ने सिंधिया की चंबल क्षेत्र में पहले की स्थिति को लेकर कहा कि उन्हें महाराज के रूप में माना जाता था, और चंबल संभाग में उनकी बड़ी पहचान थी। लेकिन, अब यह स्थिति हो गई है कि बीजेपी ने उन्हें "कोड़ेसाठी" (अलग-थलग) कर दिया है, और प्रचार या अन्य गतिविधियों में भी उनसे कोई संपर्क नहीं किया।
कांग्रेस नेता वर्मा ने यह भी कहा कि कांग्रेस और बीजेपी में बड़ा अंतर है। कांग्रेस में यदि किसी का काम निकल जाता है, तो उसे महत्व दिया जाता है, जबकि बीजेपी में एक बार जब काम निकल जाता है, तो उसे "दूध से मक्खी की तरह निकालकर फेंक दिया जाता है", और यही कुछ सिंधिया के साथ हुआ है।
पीपीसी चीफ जीतू पटवारी ने कसा तंज
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने भी केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सिंधिया बीजेपी में सम्मान के लिए गए थे, उनको मुबारक… यह लगता है कि सिंधिया को वहां पर्याप्त सम्मान मिल रहा है। उन्होंने कहा था कि जिंदा है तो जिंदा नजर आना जरूरी है। अब लगता है सिंधिया जिंदा नजर आ रहे हैं।
जानें क्या बोले थे सिंधिया
दरअसल, 29 नवंबर को ग्वालियर पहुंचे केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने विजयपुर उपचुनाव में बीजेपी को मिली हार को लेकर चिंता जाहिर की थी। सिंधिया ने कहा था कि "इस पर हमें चिंतन करना होगा। यह चिंता की बात है, पर मतों में भी बढ़ोतरी हुई है। अगर मुझे कहा जाता तो मैं जरूर जाता।" उनका यह बयान उनकी हार की वजहों पर विचार करने का संकेत था।
सिंधिया को किया था आमंत्रित लेकिन नहीं आए
सिंधिया के इस बयान पर बीजेपी विधायक ने प्रतिक्रिया दी थी, बीजेपी विधायक भगवान दास सबनानी ने कहा था कि सिंधिया को प्रचार करने के लिए आमंत्रित किया गया था। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने उन्हें बुलाया था। लेकिन व्यस्त होने के कारण वह विजयपुर नहीं आए। स्टार प्रचारकों की लिस्ट में उनका नाम शामिल था। प्रचार के लिए कई बार आग्रह किया गया लेकिन सिंधिया ने मना कर दिया था।
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