BHOPAL. अब पुलिस अधिकारी और कर्मचारी तबादला या अन्य व्यक्तिगत मुद्दों पर बिना इकाई प्रमुख की अनुमति के डीजीपी से सीधा नहीं मिल सकेंगे। मध्य प्रदेश के नए पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाना (DGP Kailash Makwana) ने अपने अधीनस्थों को अनुशासन (discipline) को लेकर कड़ा संदेश देते हुए आदेश जारी है। उन्होंने कहा है कि उन्हें अनुशासन को तोड़ने वाले बिलकुल पसंद नहीं है। उन्होंने पुलिस मुख्यालय (PHQ) और अन्य इकाइयों में अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा अपने व्यक्तिगत मामलों, जैसे स्थानांतरण की गुजारिश के लिए अत्यधिक संख्या में आने की शिकायत के बाद यह आदेश जारी किया। डीजीपी कार्यालय में अनावश्यक उपस्थिति पर रोक लगाई गई है।आदेश का उद्देश्य कार्यप्रणाली में अनुशासन और सुगमता लाना है।
डीजीपी मकवाना का पहला बड़ा आदेश
डीजीपी कैलाश मकवाना ने पदभार संभालते हुए अपनी प्राथमिकतायें गिनाई थी। जिसमें अनुशासन सबसे सबसे अहम था। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया था पुलिस विभाग अनुशासन में रहेगा तो कानून व्यवस्था में भी सुधार आएगा। अब पदभार संभालने के बाद डीजीपी ने अनुशासन को लेकर पहला आदेश जारी किया है।
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अनुशासन को लेकर DGP सख्त
पुलिस अधिकारियों के लिए जारी इस आदेश में डीजीपी कैलाश मकवाना ने कहा कि पिछले चार दिनों में उन्हें यह महसूस हुआ कि न सिर्फ मुख्यालय, बल्कि फील्ड इकाइयों के अधिकारी और कर्मचारी भी अपनी समस्याओं को लेकर पुलिस मुख्यालय में पहुंच रहे हैं, लेकिन इनमें से कोई भी आवेदन उस विशेष पुलिस महानिदेशक या इकाई प्रमुख की अनुशंसा के बिना नहीं आ रहा था। यह अनुशासन के खिलाफ है।
अधीनस्थों को पढ़ाया अनुशासन का पाठ
इसलिए उन्होंने आदेश जारी करते हुए कहा कि अब से सभी पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को पुलिस मुख्यालय में या डीजीपी के समक्ष पहुंचने से पहले संबंधित विशेष पुलिस महानिदेशक/अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक या इकाई प्रमुख से लिखित अनुमति प्राप्त करनी होगी। उनका मानना है कि अगर पुलिस विभाग में अनुशासन बनाए रखा जाएगा तो प्रदेश की कानून व्यवस्था में भी सुधार होगा। इस आदेश का उद्देश्य पुलिस महकमे में अनुशासन को मजबूत करना है, ताकि अधिकारी और कर्मचारी बिना किसी अनुशासनहीनता के काम करें और केवल उचित प्रक्रियाओं का पालन करें।