मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार प्रदेश में जल्द ही लोक सुरक्षा कानून (Public Safety Act) लागू करने की तैयारी में है। इसके लागू होते ही सार्वजनिक स्थानों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाना अनिवार्य होगा। कानून का पालन नहीं करने पर जुर्माना भी लगाया जाएगा। गृह विभाग ने लोक सुरक्षा कानून को लेकर मसौदा (draft) तैयार कर लिया है। इस ड्राफ्ट के मुताबिक अब शादी या पार्टी चाहे मैरिज लॉन, गार्डन में हो या किसी निजी स्थान पर, पूरे कार्यक्रम की वीडियो रिकॉर्डिंग रखना जरूरी होगा।
अब सीसीटीवी लगाना जरूरी
इस कानून के तहत किसी जुलूस, रैली या धार्मिक आयोजनों में अब सीसीटीवी (CCTV) जरूरी होगा। जिस भी आयोजन में 100 से लेकर एक हजार तक या उससे ज्यादा लोग जमा होते हैं तो वहां उस स्थल पर सीसीटीवी लगाना जरूरी होगा। यह जिम्मेदारी आयोजकों की होगी। इसके दायरे में कॉलेज, स्कूल, मॉल, रेस्टोरेंट, अस्पतालों के साथ राजनीतिक, धार्मिक और सामाजिक कार्यक्रम भी आएंगे।
रिकॉर्डिंग उपलब्ध नहीं कराने पर लगेगा जुर्माना
नए कानून के मुताबिक, आयोजन से सीसीटीवी फुटेज को 2 महीने तक सुरक्षित रखना अनिवार्य होगा। जब भी पुलिस सीसीटीवी मांगती है तो आयोजनकर्ता को इसे वीडियो उपलब्ध करना होगा। जो लोग ऐसा नहीं करते हैं तो उन लोगों से जुर्माना वसूला जाएगा। संबंधित स्थलों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने का खर्च प्रतिष्ठान या आयोजक को उठाना होगा। इससे संगठित अपराध से पर्दा उठेगा और पुलिस को जांच में सहूलियत मिलेगी।
लोक सुरक्षा कानून की जरूरत क्यों?
मध्य प्रदेश मोहन यादव सरकार ने 3 महीने पहले इंदौर में इसका पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया था, जिसे सफल माना जा रहा है। इंदौर में सामुदायिक निगरानी प्रणाली को जनभागीदारी से लागू करवाया गया, इसके तहत शहर में हजारों सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। अब नए लोक सुरक्षा कानून के ड्राफ्ट को परीक्षण के लिए विधि विभाग को भेजा गया है। दरअसल प्रदेश में हर दस साल में 20 प्रतिशत की दर से जनसंख्या बढ़ रही है। बढ़ती जनसंख्या और शहरीकरण के कारण निगरानी की आवश्यकता बढ़ रही है।
जस्टिस उषा मेहरा आयोग ने दिए थे सुझाव
साल 2012 में दिल्ली में हुए निर्भया कांड के बाद जस्टिस उषा मेहरा आयोग ने देश में महिला सुरक्षा को बढ़ाने और मजबूत के लिए कई महत्वपूर्ण उपाय दिए थे। आयोग ने सुझाव दिया था कि सार्वजनिक स्थलों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने चाहिए। यह गया बताया था कि सार्वजनिक स्थानों और सार्वजनिक परिवहन के साथ पीसीआर वैन और पुलिस थानों में भी सीसीटीवी लगने चाहिए।
सीएम मोहन यादव ने दिए निर्देश
बता दें कि एमपी में 2020 से लोक सुरक्षा कानून बनाने की तैयारी चल रही है। तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के निर्देश के बाद गृह विभाग ने कवायद भी शुरू कर दी थी। ड्राफ्ट भी तैयार हो गया था लेकिन लागू नहीं हो सका। अब हाल ही में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस कानून को लेकर तेजी से काम के निर्देश दिए थे।
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