कमलनाथ के खिलाफ कोर्ट सख्त, नियमों का उल्लंघन करने पर जताई नाराजगी

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के खिलाफ कोरोना काल का मामला 4 साल से लंबित है। अब इस मामले की विवेचना में देरी पर एमपी-एमएलए कोर्ट ने नाराजगी जताई। जानें पूरा मामला

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Vikram Jain
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BHOPAL. मध्य प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के खिलाफ कोरोना के नियमों के उल्लंघन का केस 4 साल से लंबित है। अब इस मामले की विवेचना में देरी पर एमपी-एमएलए कोर्ट ने नाराजगी जताई। मामले में कोर्ट ने जांच अधिकारी से चालान पेश नहीं करने को लेकर कारण पूछा है। कोर्ट ने चालान पेश नहीं पर नाराजगी जताते हुए कहा कि 4 साल बाद भी जांच पूरी नहीं हो पाई है।

जानें पूरा मामला

दरअसल, साल 2020 में मध्य प्रदेश की 28 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए थे। यह उपचुनाव कोरोना महामारी के बीच कराए गए थे। कोरोना के मद्देनजर उपचुनाव को लेकर गाइड लाइन बनाई गई थी। इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री ने कमलनाथ ने ग्वालियर और दतिया में चुनावी रोड शो और सभाएं की थीं। कांग्रेस नेता ने बिना अनुमति के बड़ी संख्या में लोगों के साथ सभा की थी। इस कार्यक्रम के लिए 100 लोगों के शामिल होने की अनुमति थी, लेकिन उन्होंने दो हजार से ज्यादा लोगों के साथ कार्यक्रम किया था। इस मामले में अधिवक्ता आशीष प्रताप सिंह ने शिकायत की। जिसके बाद कमलनाथ समेत कई नेताओं के खिलाफ केस दर्ज किया गया था।

नियमों के उल्लघंन पर कोर्ट सख्त

राजनीतिक कार्यक्रमों में कोरोना गाइडलाइन के उल्लंघन के मामले में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के खिलाफ केस एमपी-एमएलए कोर्ट ने चल रहा है। अब कोर्ट ने मामले की विवेचना में देरी होने को लेकर असंतोष जताते हुए जांच अधिकारी से सवाल किया है कि चार साल के बाद भी आरोपियों के खिलाफ चालान क्यों पेश नहीं किया गया। कोर्ट ने मामले में अधिकारी से जवाब मांगा है। कोर्ट ने अगली सुनवाई में स्थिति स्पष्ट करने के लिए आदेश दिए है।

अन्य नेताओं के खिलाफ भी केस लंबित

उपचुनाव में चुनावी सभाओं के दौरान कोविड-19 की गाइडलाइन के उल्लंघन के मामले कई मामले लंबित हैं। विधानसभा स्पीकर नरेंद्र सिंह तोमर और अन्य नेताओं के खिलाफ भी मामले चल रहे हैं। बता दें कि उपचुनाव 2020 के दौरान चुनावी सभाओं के दौरान कोविड-19 की गाइडलाइन के उल्लंघन को लेकर ग्वालियर हाईकोर्ट सख्ती दिखाई थी। साथ ही प्रशासन को कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे।

बता दें कि चुनावी सभाओं में कोरोना गाइडलाइन के उल्लंघन को लेकर आशीष प्रताप सिंह ने याचिका दायर की थी। जिसमें कहा गया था सभा में गाइडलाइन का उल्लंघन हो रहा है, अभी कोरोना संक्रमण कम नहीं हुआ है, और मंच पर शारीरिक दूरी का पालन नहीं किया जा रहा है। मामले में सही कार्रवाई को लेकर प्रशासन गंभीर नहीं है।

दर्ज हुई थी एफआईआर

उस समय शासन की ओर से बताया गया था एफआईआर दर्ज की गई है। भांडेर में कोरोना नियमों के उल्लंघन को लेकर पूर्व सीएम कमलनाथ और कांग्रेस प्रत्याशी फूल सिंह बरैया के खिलाफ केस दर्ज किया था। गुना और मुरैना में भी एफआईआर हुई थी। बीजेपी के 3 कार्यक्रमों में नियमों के उल्लंघन के लिए जुर्माना लगाया गया था।

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