मध्य प्रदेश में नर्मदा पंचकोशी यात्रा की तारीख को लेकर कन्फ्यूजन दूर हो गया है। नर्मदा पंचकोशी यात्रा का आयोजन 11 से 15 नवंबर तक किया जाएगा। इस यात्रा में मध्य प्रदेश के साथ ही दूसरे प्रदेशों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल होंगे। ओंकारेश्वर में संचालक मंडल की बैठक में पंचकोशी यात्रा की तैयारी को लेकर निर्णय लिया गया। बता दें कि देश के विभिन्न स्थानों पर पंचकोशी यात्रा निकाली जाती है, जिसमें श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ता है।
यात्रा की तारीख को लेकर कन्फ्यूजन दूर
इस साल तिथि के आगे-पीछे होने के कारण पंचकोशी यात्रा की डेट को लेकर कन्फ्यूजन बना हुआ था। जिसे अब दूर कर लिया गया है। संचालक मंडल के आचार्य विवेक राजगुरु ने यात्रा को लेकर जानकारी देते हुए बताया कि इस साल त्रयोदशी और चतुर्दशी तिथि एक साथ आई है, जिसके कारण देवउठनी ग्यारस से कार्तिक पूर्णिमा तक 4 दिन ही हो रहे हैं।
5 दिन में पूरी होती है पंचकोशी यात्रा
उन्होंने आगे बताया कि नियम के अनुसार पंचकोशी यात्रा 5 दिन में पूरी होती है। इस प्रकार की स्थिति पहले भी बनी थी। उस समय पंचकोशी यात्रा के जनक दिवंगत नीलकंठ राव भावे, वीवी वाकणकर, रवींद्र चौरे भारती, प्रेम नारायण परमार, मुरलीधर दुबे ने कहा था कि पंचकोशी यात्रा का आयोजन दशमी से शुरू होकर कार्तिक पूर्णिमा तक 5 दिन में पूरा होकर समापन होना चाहिए।
बैठक में ये रहे मौजूद
संचालक मंडल की बैठक में समाजसेवी ललित दुबे, घनश्याम माहिल्या, मयाचंद राठौर (अंजरुद), धनगीर गोस्वामी (टोकसर), कालू सिंह सोलंकी (सेमरला), अनिल दुबे (सनावद), मनीष जोशी, विजय व्यास (बड़वाह), दुर्गेश मुदगल (मोरघड़ी), रघुनंनदन शर्मा, दीपक अत्रे, भागीरथ मिस्त्री उपस्थित थे। बैठक को लेकर पहले ही अधिकारियों को सूचना दे दी गई थी।
5 दिन में 90 किलोमीटर की यात्रा
बता दें कि नर्मदा पंचकोशी यात्रा में बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल लेते हैं। जिसके लिए उन्हें नर्मदा नदी का पाट पार करने के लिए नाव का सहारा लेना होता है। यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की सुविधा के मद्देनजर प्रशासन के अधिकारी कई तरह की व्यवस्था बनाते हैं। नर्मदा नदी पार करने के लिए नौकाओं की व्यवस्था की जाती है। सुरक्षा में पुलिस के जवान होते हैं। साथ ही श्रद्धालुओं के लिए कई जगह भंडारे आयोजित होते हैं। जानकारी के अनुसार श्रद्धालु 5 दिन में 90 किलोमीटर यात्रा करते हैं।
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