BHOPAL. राजधानी भोपाल के प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस की साख को उसका प्रबंधन ही बट्टा लगा रहा है। हमीदिया कॉलेज के नाम से चर्चित इस कॉलेज को करोड़ों रुपए खर्च करके अपग्रेड करने का प्रयास किया है, लेकिन कॉलेज प्रबंधन व्यवस्थाओं को अपग्रेड करने की राह में रोड़ा बन रहा है। सरकार प्रदेश के स्कूलों में आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस (artificial intelligence) को पढ़ाई का हिस्सा बनाने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। उधर, राजधानी के पीएम श्री कॉलेज में 4 हजार छात्रों को फीस जमा करने डिजिटल पेमेंट (digital payment) का भी इंतजाम नहीं है। परीक्षा की तैयारी के दिनों में हजारों छात्रों को फीस जमा करने लाइनों में खड़े रहना पड़ रहा है।
दरअसल, राजधानी भोपाल में छोटे तालाब के किनारे गिन्नोरी क्षेत्र में प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस यानी पीएम श्री कॉलेज (PMShree College) है। इस कॉलेज में 5 हजार से ज्यादा छात्र- छात्राएं पढ़ रहे हैं। करोड़ों रुपए खर्च करके कॉलेज में दिखावटी सुधार तो करा दिए गए हैं, लेकिन छात्रों के लिए जरूरी सुविधाएं अब भी गायब हैं। एक ओर सरकार डिजिटाइजेशन की ओर बढ़ रही है। स्कूली शिक्षा में भी आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस शामिल करने के प्रस्तावों पर चर्चाएं हो रही हैं और पीएमश्री कॉलेज अब भी पुराने ढर्रे पर है।
UPI के जमाने में पुराना ढर्रा
भोपाल जिले के पीएम श्री कॉलेज का प्रबंधन अब भी तकनीकी से दूर है या इसे उलझन समझता है। हालत ये है कि 4 हजार से ज्यादा छात्र-छात्राओं वाले इस कॉलेज में अकाउंट शाखा पर एक ही काउंटर है। इसी इकलौते काउंटर पर फीस या अन्य सभी तरह के भुगतान होते हैं। फीस जमा करने के लिए भी एक दशक पुराना स्वैप मशीन वाली व्यवस्था यहां चल रही है। यानी छात्र को फीस जमा करना है तो उसे लाइन में लगकर काउंटर तक पहुंचना होगा। यहां स्वैप मशीन पर स्वैपिंग के लिए उसे एक मौका मिलेगा। इस बीच सर्वर डाउन हुआ या ट्रांजेक्शन में गड़बड़ी हुई तो दोबारा लाइन में लगना पड़ेगा।
सरकारी संस्थाओं में करीब एक दशक पहले स्वैपिंग के जरिए भुगतान की व्यवस्था का चलन था लेकिन अब तो नगरीय निकाय से लेकर छोटे-छोटे स्कूलों में भी यूपीआई यानी डिजिटल भुगतान की व्यवस्था है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) डिजिटल भुगतान को बढ़ावा दे रहे हैं, लेकिन उनके नाम की प्रतिष्ठा वाले राजधानी के पीएमश्री कॉलेज को इससे परहेज है।
न डिजिटल पेमेंट, न बढ़ाए फीस काउंटर
पीएम श्री कॉलेज में इन दिनों एमए, बीए सहित कई कक्षाओं की वार्षिक सेमेस्टर परीक्षा की फीस जमा हो रही है। छात्रों को फीस अंतिम तारीख से पहले जमा करना जरूरी है ताकि उन्हें रोल नंबर अलॉट होने में मुश्किल न हो, लेकिन कैंपस में इकलौते फीस काउंटर के कारण सुबह से शाम तक लंबी-लंबी कतारें लग रही हैं। छात्रों को एटीएम कार्ड लेकर लाइन में खड़े रहना पड़ रहा है। छात्र- छात्राएं कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ.पुष्पलता चौकसे से डिजिटल पेमेंट के लिए यूपीआई की मांग कर रहे हैं। उनकी मांग के बावजूद न तो डिजिटल पेमेंट एप की व्यवस्था की गई न ही कैंपस में फीस काउंटर बढ़ाए गए हैं। अकाउंट शाखा के कर्मचारी के दुर्व्यवहार का सामना भी छात्रों को करना पड़ रहा है। इस वजह से छात्रों में कॉलेज प्रबंधन को लेकर नाराजगी बढ़ रही है। इस संबंध में कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ.पुष्पलता चौकसे से बात करने के लिए कई बार प्रयास किए गए लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका।
छात्रों के लिए सुविधा बढ़ाने पर नहीं ध्यान
पीएम श्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस का तमगा भले ही मिल गया लेकिन यहां ढर्रा हमीदिया कॉलेज वाला ही है। छात्रों का कहना है अपग्रेड करने के लिए सरकार से जो बजट मिला कॉलेज प्रबंधन उसे ठिकाने लगाने में ही जुटा रहा। केवल दिखावटी सुधार ही कराए गए हैं। दीवारों पर रंगरोगन और साज-सज्जा पर बेहिसाब खर्च दिया गया है। छात्रों के लिए जरूरी सुविधाओं की ओर प्रबंधन ने ध्यान नहीं दिया। जो संसाधन पढ़ाई को बेहतर बनाने में उपयोगी हो सकते हैं। नई पुस्तकें और दूसरी जरूरी सामग्री नहीं खरीदी गई। सरकार और उच्च शिक्षा विभाग इस पर ध्यान न दे इसी वजह से कॉलेज प्रबंधन भटकाने वाले मुद्दे उठाता है। अब तक हमीदिया कॉलेज को तीन जगह शिफ्ट किया जा चुका है। अब अतिसंवेदनशील क्षेत्र होने का मुद्दा उठाया गया है। कॉलेज प्रबंधन को छात्रों को कैंपस में होने वाली असुविधा नजर ही नहीं आती।
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