BHOPAL. आयुष्मान भारत योजना के तहत मध्य प्रदेश में 70 साल से ज्यादा उम्र के लोगों के आयुष्मान कार्ड बनना शुरू हो गए हैं, लेकिन तकनीकी और डेटा से जुड़ी परेशानियां बुजुर्गों को कठिन बना रही हैं। बायोमीट्रिक पहचान नहीं होने से परेशान होना पड़ रहा है। अधिकतर का डेटा मिसमैच हो रहा है। प्रदेश में लगभग 48 लाख लोगों के आयुष्मान कार्ड बनाए जाने हैं, जिसमें अब तक 1 लाख 13 हजार ही कार्ड बन सके हैं।
डेटा और फिंगरप्रिंट मिलान बड़ी समस्या
दरअसल, मध्य प्रदेश में 70 साल की उम्र पूरी कर चुके नागरिकों के लिए आयुष्मान कार्ड बनाने की प्रक्रिया तेज हो गई है। लेकिन बुजुर्ग लोगों के आयुष्मान कार्ड बनाने में कई परेशानी सामने आ रही हैं जिससे काम प्रभावित रहा है। जिनमें तकनीकी खामियां, डेटा मिलान की समस्याएं और ई-केवाईसी से जुड़ी बाधाएं हैं। समग्र पोर्टल के डेटा और आधार कार्ड के डेटा में नाम, उम्र, पता और अन्य जानकारियों के मिलान नहीं होने से पेरशानी आ रही है। इसके कारण पहचान भी नहीं हो पा रही। आयुष्मान कार्ड बनवाने के लिए फिंगरप्रिंट जरूरी है लेकिन बुजुर्गों के साथ बड़ी समस्या यह है कि झुर्रियां पड़ने के कारण अंगुलियों और अंगूठे के निशान मैच ही नहीं पा हो रहे है।
कार्ड बनाने घर-घर चलेगा अभियान
इन समस्याओं को लेकर आयुष्मान भारत योजना के मध्य प्रदेश सीईओ डॉ. योगेश भरसट ने महत्वपूर्ण जानकारी दी है। सीईओ डॉ. योगेश भरसट का कहना है कि बुजुर्गों के साथ कार्ड बनाने में जिस प्रकार की समस्याएं आ रही हैं, उनके लिए विकल्प भी मौजूद हैं लेकिन लोगों को इसकी जानकारी नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि इसको लेकर घर-घर अभियान चलाएंगे। ताकि बुजुर्ग लोग अपने समग्र और आधार का डेटा मिलान कराकर घर में बैठकर ही ऑनलाइन कार्ड बनवा सकते हैं। डॉ. योगेश भरसट ने कार्ड बनाने में आ रही समस्याएं का समाधान बताया है।
परेशानी : उम्र बढ़ने के साथ बुजुर्गों के अंगुलियों और अंगूठे के निशान घिस जाते हैं, साथ ही चेहरे में बदलाव होता है। ऐसे में मशीन पर फिंगरप्रिंट और फेस रिकॉग्निशन में परेशानी होती हैं।
इस परेशानी का हल यह है कि फिंगरप्रिंट का विकल्प का मौजूद है। फिंगरप्रिंट को लेकर आईरिस स्कैनिंग और ओटीपी आधारित वेरिफिकेशन को परमिशन दी गई है। इससे पहचान सटीक से हो सकेगी और कार्ड बनाने की प्रक्रिया सरल होगी।
परेशानी : समग्र पोर्टल का डेटा और आधार कार्ड का डेटा में असमानता होने पेरशानी आ रहा है। नाम, आयु और एड्रेस में अंतर आ रहा है, जिससे पहचान में दिक्कत आती है।
इस परेशानी का हल यह है कि जो व्यक्ति अपना आयुष्मान कार्ड बनवाने के लिए आ रहे हैं वह पहले अपने समग्र और आधार कार्ड में नाम, पता के साथ अन्य जानकारी अपडेट करा लें। यह ई-केवाईसी केंद्र से हो सकता है।
परेशानी : कई बुजुर्गों के आधार कार्ड में मोबाइल नंबर अपडेट नहीं हैं, ऐसे में ओटीपी वेरिफिकेशन नहीं हो पाता है।
इस परेशानी का हल यह है कि बुजुर्ग व्यक्ति को अपना मोबाइल नंबर अपडेट कराना अनिवार्य है। स्थानीय केंद्रों पर मोबाइल नंबर अपडेट करवाने का व्यवस्था की गई है, ताकि ओटीपी वेरिफिकेशन में परेशानी ना हो।
परेशानी : सरकारी कर्मचारियों को आयुष्मान और उनकी मौजूदा ईएसआईसी, सीजीएचएस जैसी योजनाओं के विकल्प को लेकर असमंजस रहता है, जिससे वे भ्रमित हो जाते हैं।
इस समस्या के समाधान के लिए जागरूकता कार्यक्रम चलाया जाएगा, ताकि लाभार्थी व्यक्ति यह आसानी से समझ सकें कि उनके लिए कौन सा विकल्प उपयुक्त रहेगा।
परेशानी : सर्वर के स्लो चलने के कारण कार्ड बनाने की प्रक्रिया में बेहद रूकावट आती है। जिसके चलते लोगों को घंटों इंतजार करना पड़ता है।
समाधान यह है कि आयुष्मान के टीएसएम पोर्टल में आ रही टेक्निकल प्रॉब्लम्स में जल्द सुधार किया जाएगा। जिससे एक कार्ड बनाने के लिए 5 से 10 मिनट ही लगेंगे। इसको लेकर डोर-टू-डोर अभियान भी चलाया जाएगा।
मध्य प्रदेश और भोपाल की स्थिति
मध्य प्रदेश के समग्र पोर्टल के अनुसार प्रदेश में टोटल 47 लाख 91 हजार 400 बुजुर्गों के आयुष्मान कार्ड बनाए जाने है। जिसमें से 1 लाख 13 हजार कार्ड बने है। इसके अलावा 16 हजार 428 पेंडिंग है। राजधानी भोपाल की बात करें तो भोपाल में 2 लाख 8 हजार 999 कुल कार्ड बनने है। इनमें 6700 बने है। बता दें कि केंद्र सरकार ने देश भर में 70 साल और इससे ज्यादा आयु वर्ग के लोगों को आयुष्मान योजना में शामिल किया है। इसके तहत 5 लाख तक का फ्री इलाज साल भर में ले सकते हैं।
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