MP में अब तीसरी और छठवीं के बच्चों के लिए मॉक टेस्ट जरूरी

मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों में तीसरी और छठवीं क्लास का रिजल्ट सुधारने के लिए शिक्षा विभाग ने एक्शन प्लान तैयार किया है। अब इन दोनों क्लास के बच्चों का मॉक टेस्ट लिया जाएगा। इसको लेकर राज्य शिक्षा केंद्र ने दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

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Vikram Jain
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MP Bhopal there will be a mock test for class 3rd and 6th students
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BHOPAL. मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों में अब तीसरी और छठवीं क्लास के बच्चों का मॉक टेस्ट (mock test) लिया जाएगा। ताकि उनकी सीखने की क्षमता का आंकलन किया जा सके। साल भर में इस तरह के 3 मॉक टेस्ट होंगे। इस नई व्यवस्था का मुख्य उद्देश्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों के बच्चों पर पढ़ाई का बोझ कम करना है और स्टूडेंट्स को बेहतर तरीके से पढ़ाया जाना है। इससे एनएएस और वार्षिक परीक्षा के परिणाम भी सुधरेंगे। सरकारी स्कूलों में नई व्यवस्था को लेकर राज्य शिक्षा केंद्र ने दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

साल में 3 मॉक टेस्ट

दरअसल, स्कूल शिक्षा विभाग प्रदेश के स्कूलों में नई व्यवस्था को लागू करने की तैयारी में है। स्कूलों में तीसरी और छठवीं क्लास स्टूडेंट्स का मॉक टेस्ट लिया जाएगा। साल में ऐसे 3 टेस्ट लिए जाएंगे, जिससे बच्चों को परखा जाएगा। टेस्ट रिजल्ट के आधार पर उन विषयों की पहचान की जाएगी, जिनके प्रश्नों के उत्तर छात्र नहीं दें पाए हैं या उन्हें जवाब लिखने में परेशानी हुई है। इसके बाद शिक्षकों द्वारा छात्रों को उन विषयों में लगातार प्रैक्टिस कराई जाएगी।

मॉक टेस्ट को लेकर निर्देश जारी

अधिकारियों का कहना है कि राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण (National Achievement Survey) में बेहतर प्रदर्शन के लिए जरूरी है। साल 2021 में आई NAS रिपोर्ट में एमपी को देश भर में 5वां स्थान मिला था। इस तिमाही टेस्ट से वार्षिक परीक्षा का परिणाम भी सुधरने की उम्मीद जताई जा रही है। राज्य शिक्षा केंद्र ने मॉक टेस्ट को लेकर सभी जिला परियोजना समन्वय के लिए निर्देश जारी किए हैं।

OMR शीट पर होगा मॉक टेस्ट

मॉक टेस्ट के जरिए छात्रों और शिक्षक के प्रदर्शन की समीक्षा की जाए। इस टेस्ट की मदद से वार्षिक परीक्षा से पहले या एनएएस से पहले छात्र की हर कमी को दूर करने की कोशिश की जाएगी। टेस्ट के लिए सवाल राज्य शिक्षा केंद्र से भेजे जाएंगे, इसका जवाब OMR शीट पर देना होगा, ऐसी इसलिए क्योंकि सभी क्लास का रिजल्ट ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड करना होगा। तीसरी क्लास के मॉक टेस्ट में टोटल 45 प्रश्न पूछे जाएंगे। इसे हल करने के लिए डेढ़ घंटे का समय दिया जाएगा। छठवीं में 60 प्रश्न होंगे, इन्हें हल करने के लिए 2 घंटे का समय होगा।

भोपाल के जिला परियोजना समन्वयक ओपी शर्मा के मुताबिक तीसरी और छठवीं कक्षा के स्टूडेंट्स का मॉक टेस्ट लेकर सीखने की क्षमता का आंकलन किया जाएगा। इससे एनएएस और वार्षिक परीक्षा के परिणाम भी सुधरेंगे।

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