बीजेपी के इंदौर शहर के 35 नगर मंडल के अध्यक्ष पद की सूची शनिवार (14 दिसंबर) को जारी होने की उम्मीद है। इसमें हो रही देरी की मुख्य वजह पार्टी की गाइडलाइन के आड़े आ रहे कुछ मंडल अध्यक्षों के नाम है। चुनाव पर्यवेक्षकों और सह प्रभारियों ने साफ कर दिया है कि यह नाम नहीं चलेंगे। उधर दुष्कर्म के आरोपी नितिन उर्फ शानू शर्मा से विधायक मालिनी गौड़ ने हाथ खींच लिए हैं। वहीं विधानसभा एक में मंडल अध्यक्ष के लिए पूर्व विधायक आकाश विजयवर्गीय की संस्था देव से महादेव वालों की इंट्री की तैयारी है।
पार्टी की इस गाइडलाइन में आ गए कई नाम
पार्टी की इस गाइडलाइन में मुख्य तीन नियम हैं। जिसमें 45 साल से कम उम्र हो, आर्थिक व अन्य अपराध का मामला नहीं हो और पार्टी द्वारा अनुशासनहीनता की कार्रवाई नहीं की गई हो। वहीं पार्टी का मूल नियम तो है ही कि एक व्यक्ति एक पद, इसे भी मंडल अध्यक्ष के लिए देखा जा रहा है।
ओवरएज व अपराध वाले कर रहे हैं बाहर
चुनाव के लिए सह प्रभारी व पूर्व महापौर उमाशशि शर्मा ने 'द सूत्र' से कहा कि पार्टी की गाइडलाइन का ही पूरा पालन हो रहा है। महिलाओं के लिए भी कुछ जगह सहमति बन गई है और उन्हें मंडल अध्यक्ष बना रहे हैं। कुछ नाम ओवरएज के कारण हटाए जा रहे हैं। वहीं कुछ पर अपराध के मामले सामने आए हैं, इन्हें हटाया जाएगा।
देव से महादेव सोसायटी वाले आएंगे
वहीं मंत्री कैलाश विजयवर्गीय की विधानसभा क्षेत्र 1 को उनके पुत्र आकाश विजयवर्गीय संभाल रहे हैं। ऐसे में अब उनकी संस्था देव से महादेव में सक्रिय पदाधिकारियों को ही मंडल अध्यक्ष के लिए आगे बढ़ाया गया है। ऐसे में इसी संस्था के सदस्य ही मंडल अध्यक्ष बनेंगे। वहीं विधानसभा तीन में पुराने नाम ही रिपीट होने की बात सामने आई है। विधानसभा दो में एक-दो नाम पर विवाद है। विधानसभा क्षेत्र चार में कुछ नाम बदले जा रहे हैं, और विधानसभा क्षेत्र पांच में कई नेताओं का दखल है। इसके चलते यहां भी नाम में बदलाव हो रहे हैं। राऊ में भी कुछ बदलाव होंगे।
दुष्कर्म के आरोपी शानू शर्मा हो रह हैं बाहर
विधानसभा चार में लक्ष्मणसिंह गौड़ के नाम पर बनाए गए मंडल में अभी वार्ड 82 के पार्षद व दुष्कर्म के आरोपी नितिन उर्फ शानू शर्मा अध्यक्ष पद पर हैं। इनकी विदाई हो रही है। इसका बड़ा कारण ये है कि अब विधायक मालिनी गौड़ ने आरोपों के चलते उनके नाम का समर्थन देने से मना कर दिया। इसके बाद विदाई तय है। इसी विधानसभा के मंडल महाराणा प्रताप से रामबाबू राठौर की विदाई हो रही है।
कुल 35 नगर मंडल हैं, 3-4 महिलाएं आएंगी
इंदौर नगर में पहले 28 मंडल थे, जो अब बीजेपी ने बढ़ाकर 35 कर दिए हैं। मंडल अध्यक्ष के लिए दो दिन तक रायशुमारी हुई और पर्यवेक्षक और प्रदेश महामंत्री रणवीर सिंह रावत इंदौर में लगातार डटे हुए हैं। सूत्रों के अनुसार तीन से चार जगह पर महिलाओं को मंडल अध्यक्ष बनाने पर सहमति हो गई है। कुछ अन्य जगह पर भी सहमति थी लेकिन महिलाओं के ओवरएज होने के चलते फिर नाम निरस्त हुए।
इन्होंने दिए नाम, एक पद पर चार-पांच नाम तक आए
मंडल अध्यक्ष के नामों के लिए रायशुमारी में संबंधित मंडल में आने वाले बूथ के बूथ अध्यक्ष है जो औसतन 30 से 40 है। इसके साथ ही इसमें संबंधित मंडल में राष्ट्रीय, प्रदेश व नगर का कोई पदाधिकारी है। पूर्व मंडल अध्यक्ष, वर्तमान मंडल अध्यक्ष, विविध मोर्चा के पदाधिकारी है तो उन्हें भी लिया गया है। इनकी संख्या औसतन दो से लेकर अधिकतम 12 तक है। इस तरह एक मंडल अध्यक्ष के लिए औसतन 40 से 50 लोगों द्वारा रायशुमारी में पर्चियों पर लिखकर नाम दिए गए हैं। एक मंडल में चार-पांच नाम आए हैं। हर नाम और रायशुमारी को पार्टी ने कागज पर लिया है।
ग्रामीण मंडल में विधायकों की ही चली
उधर बीजेपी ग्रामीण इंदौर में मंडल अध्यक्षों की सूची गुरुवार शाम जारी कर दी गई। इसमें 16 मंडल नियुक्त हुए जिसमें ग्रामीण विधायकों की ही चली है। केवल महू में एक मंडल जो राज्य सभा सांसद कविता पाटीदार के पिता भेरूलाल के नाम पर है। वहां उनके समर्थक मुकेश पाटीदार को जगह दी गई। महू में विधायक उषा ठाकुर तो देपालपुर में मनोज पटेल और सांवेर में मंत्री तुलसीराम सिलावट की ही चली है। लेकिन 16 मंडल में किसी भी महिला को जगह नहीं मिली है, जबकि 33 फीसदी आरक्षण की बात कही गई थी।
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