बीजेपी में अब पोस्टर पॉलिटिक्स! क्या बोल गए पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव

सागर में गौरव दिवस का आयोजन होने वाला है। आयोजन के लिए शहरभर में बैनर-पोस्टर लगाए गए हैं। बताया जा रहा है कि जो पोस्टर-बैनर शहर में लगाए गए हैं, उससे कुछ वरिष्ठ नेताओं की तस्वीरें गायब हैं।

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Sourabh Bhatnagar
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23 दिसंबर को सागर में गौरव दिवस का आयोजन होने वाला है। इस मौके पर मुख्यमंत्री मोहन यादव, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और विधानसभा स्पीकर नरेंद्र सिंह तोमर शामिल समेत कई बड़े नेता शामिल होंगे। आयोजन के लिए शहरभर में बैनर-पोस्टर लगाए गए हैं। वहीं अब एक खबर ने मार्केट का माहौल गरमा दिया है। बताया जा रहा है कि जो पोस्टर-बैनर शहर में लगाए गए हैं, उससे कुछ वरिष्ठ नेताओं की तस्वीरें गायब हैं। इसके बाद उन नेताओं के बयान भी सामने आ रहे हैं।

वरिष्ठ नेताओं की फोटो पोस्टर में नहीं

जानकारी के मुताबिक गौरव दिवस के पोस्टरों और आमंत्रण पत्रों में कई वरिष्ठ नेताओं की तस्वीरें और नाम गायब हैं। खासतौर पर पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव और पूर्व गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह का जिक्र ना होने से पार्टी में नाराजगी की खबरें सामने आई हैं।  

'काम से होती है पहचान' 

इस विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए गोपाल भार्गव ने कहा, फोटो लगाने से कोई नेता नहीं बनता। लोग नेताओं को उनके काम से याद रखते हैं, न कि उनकी तस्वीरों से। उन्होंने जयप्रकाश नारायण का उदाहरण देते हुए समझाया कि महानता कामों से साबित होती है। भार्गव ने कहा कि मध्य प्रदेश और देश के कई नेता मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति बने, लेकिन उनमें से अधिकांश को जनता का केवल एक छोटा हिस्सा ही पहचानता है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि असली पहचान इंसान के कामों से होती है, न कि उनकी तस्वीरों से।  

बुंदेलखंड में भाजपा नेताओं के बीच मतभेद

इससे पहले भी भूपेंद्र सिंह ने बुंदेलखंड के कैबिनेट मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के खिलाफ मोर्चा खोला था। पार्टी के अंदर मतभेद अब खुलकर सामने आने लगे हैं। आपको बता दें कि पूर्व मंत्री और सागर जिले के खुरई से बीजेपी विधायक भूपेंद्र सिंह ने कुछ दिन पहले मीडिया से बातचीत में कहा कि सागर जिले में बीजेपी को खत्म करने में एक मंत्री लगा हुआ है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि कुछ लोग, जिन्होंने पहले बीजेपी कार्यकर्ताओं पर अत्याचार किए थे, अब वही लोग पार्टी में आकर कार्यकर्ताओं को परेशान कर रहे हैं।

वीडी शर्मा पर भी बोला था हमला

भूपेंद्र सिंह ने कहा था, वीडी शर्मा को पार्टी में आए हुए पांच से साल साल हुए हैं, इससे पहले वे एबीवीपी में काम करते थे। वीडी का बयान बेहद आपत्तिजनक था और उन्होंने पद की गरिमा का ध्यान नहीं रखा। भूपेंद्र सिंह ने यह भी कहा कि उनकी लड़ाई किसी व्यक्ति से नहीं, बल्कि कार्यकर्ताओं के अधिकारों के लिए है। उन्होंने यह भी बताया कि गोपाल भार्गव और वे दोनों सागर जिले में पार्टी को खड़ा करने के लिए एक साथ आए हैं और कार्यकर्ताओं में नया उत्साह जगा है। गौरतलब है कि भूपेंद्र के बयान पर वीडी ने इसे व्यक्तिगत मामला बताया था। इसके बाद भूपेंद्र ने बयान दिया।

गोविंद सिंह की हुई थी एंट्री

इसी मामले में मंत्री गोविंद सिंह राजपूत की एंट्री हुई थी। उन्होंने कहा था, मैं बीजेपी का अनुशासित कार्यकर्ता हूं, इस मामले में कोई टिप्पणी नहीं करूंगा, लेकिन मैं लगातार देख रहा हूं कि सरकार के एक विधायक टिप्पणी कर रहे हैं। मेरी बीजेपी में ज्वाइनिंग राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के मार्गदर्शन में हुई थी। प्रदेश में जो लोग अन्य पार्टियों से आए हैं, शीर्ष नेतृत्व के कहने पर ही प्रदेश नेतृत्व ने उनकी ज्वाइनिंग की है। बीजेपी में इतना अनुशासन है कि जिला अध्यक्ष के बारे में टिप्पणी करने से पहले भी कोई दो बार सोचता है। सरकार के एक विधायक प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के खिलाफ टिप्पणी कर रहे हैं। विधायक कह रहे हैं कि वीडी क्या समझें, वे तो पांच-सात साल पहले ही विद्यार्थी परिषद् से बीजेपी में आए हैं।

अब बढ़ती जा रही दोनों के बीच तल्खी

गोविंद सिंह राजपूत ने कहा था, जहां तक मुझे पता है विद्यार्थी परिषद से तो अमित शाह, जेपी नड्डा, राजनाथ सिंह भी विद्यार्थी परिषद से आए हैं, और आज सागर के विधायक कहते हैं कि वीडी शर्मा तो पांच साल पहले ही बीजेपी में आए हैं। ये सब बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व देख रहा है। प्रदेश नेतृत्व देख रहा है। जहां तक मैं समझता हूं मुझे और ज्यादा टिप्पणी करने की जरूरत नहीं है। आपको बता दें कि गोविंद सिंह राजपूत ने बार-बार जिन विधायक का जिक्र किया, वे भूपेंद्र सिंह ही हैं। वहीं, भूपेंद्र ने जिनका नाम नहीं लिया, वे गोविंद सिंह राजपूत ही हैं। कुल मिलाकर सागर बीजेपी में ठन गई है। भूपेंद्र सिंह और गोविंद सिंह के बीच सियासी अनबन तो शुरुआत से ही है, लेकिन अब मामला बिगड़ता जा रहा है। विधानसभा चुनाव के दौरान गोविंद सिंह राजपूत ने सागर में सम्मेलन में भूपेंद्र सिंह को बुलाकर एक होने का संकेत दिया था, लेकिन उसके बाद से एक बार फिर दोनों में तल्खी बढ़ गई है।

FAQ

1. गौरव दिवस कब और कहां मनाया जा रहा है?
23 दिसंबर को सागर में।
2. कौन-कौन से बड़े नेता इस आयोजन में शामिल होंगे?
सीएम मोहन यादव, उत्तराखंड सीएम पुष्कर सिंह धामी और विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर।
3. पोस्टर विवाद में किसका नाम सबसे ज्यादा चर्चा में है?
गोपाल भार्गव और भूपेंद्र सिंह।
4. गोपाल भार्गव ने पोस्टर विवाद पर क्या कहा?
उन्होंने कहा कि पहचान काम से होती है, तस्वीरों से नहीं।
5. क्या भाजपा में अंदरूनी मतभेद की खबरें सही हैं?
हां, बुंदेलखंड के नेताओं के बीच बढ़ते मतभेद चर्चा में हैं।

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