Govind Singh Rajput Bhupendra Singh Photograph: (the sootr )
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BHOPAL : सागर की राजनीति में भूचाल आ गया है। अनुशासन का पाठ पढ़ाने वाली बीजेपी की अंदरूनी लड़ाई सड़क पर आ गई है। शिवराज सरकार में मंत्री रहे भूपेंद्र सिंह के बयान के बाद अब उनके खिलाफ मंत्री गोविंद सिंह राजपूत हमलावर हो गए हैं। खुलकर आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति हो रही है। हालांकि कोई किसी का नाम नहीं ले रहा है, लेकिन सबको पता है कि कौन-किसके बारे में क्या कह रहा है। मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के बयान के बाद सियासी पारा और चढ़ गया है।
बीजेपी के मूल कार्यकर्ताओं को कमजोर करने की कोशिश
यह पूरी कहानी भूपेंद्र सिंह की तल्खी से शुरू हुई है। पूर्व मंत्री और सागर जिले के खुरई से बीजेपी विधायक भूपेंद्र सिंह ने दो दिन पहले मीडिया से बातचीत में कहा कि सागर जिले में बीजेपी को खत्म करने में एक मंत्री लगा हुआ है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि कुछ लोग, जिन्होंने पहले बीजेपी कार्यकर्ताओं पर अत्याचार किए थे, अब वही लोग पार्टी में आकर कार्यकर्ताओं को परेशान कर रहे हैं। भूपेंद्र सिंह ने साफ तौर पर कहा कि वे उन लोगों को स्वीकार नहीं कर सकते, जिन्होंने कार्यकर्ताओं के खिलाफ अन्याय किया। भूपेंद्र सिंह ने यह भी बताया कि उनकी आपत्ति दो लोगों से है, जो सागर जिले में कार्यकर्ताओं पर अत्याचार करने के लिए प्रसिद्ध हैं। हालांकि, उन्होंने इन दो लोगों के नाम नहीं लिए, लेकिन यह कहा कि प्रशासन उन्हीं की बात सुन रहा है, जो कांग्रेस से आए हैं और बीजेपी के मूल कार्यकर्ताओं को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं।
भूपेंद्र सिंह ने कहा, वीडी शर्मा को पार्टी में आए हुए पांच से साल साल हुए हैं, इससे पहले वे एबीवीपी में काम करते थे। वीडी का बयान बेहद आपत्तिजनक था और उन्होंने पद की गरिमा का ध्यान नहीं रखा। भूपेंद्र सिंह ने यह भी कहा कि उनकी लड़ाई किसी व्यक्ति से नहीं, बल्कि कार्यकर्ताओं के अधिकारों के लिए है। उन्होंने यह भी बताया कि गोपाल भार्गव और वे दोनों सागर जिले में पार्टी को खड़ा करने के लिए एक साथ आए हैं और कार्यकर्ताओं में नया उत्साह जगा है। गौरतलब है कि भूपेंद्र के बयान पर वीडी ने इसे व्यक्तिगत मामला बताया था। इसके बाद भूपेंद्र ने बयान दिया।
इसी मामले में अब मंत्री गोविंद सिंह राजपूत की एंट्री हुई है। उन्होंने कहा, मैं बीजेपी का अनुशासित कार्यकर्ता हूं, इस मामले में कोई टिप्पणी नहीं करूंगा, लेकिन मैं लगातार देख रहा हूं कि सरकार के एक विधायक टिप्पणी कर रहे हैं। मेरी बीजेपी में ज्वाइनिंग राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के मार्गदर्शन में हुई थी। प्रदेश में जो लोग अन्य पार्टियों से आए हैं, शीर्ष नेतृत्व के कहने पर ही प्रदेश नेतृत्व ने उनकी ज्वाइनिंग की है। बीजेपी में इतना अनुशासन है कि जिला अध्यक्ष के बारे में टिप्पणी करने से पहले भी कोई दो बार सोचता है। सरकार के एक विधायक प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के खिलाफ टिप्पणी कर रहे हैं। विधायक कह रहे हैं कि वीडी क्या समझें, वे तो पांच-सात साल पहले ही विद्यार्थी परिषद् से बीजेपी में आए हैं।
अब बढ़ती जा रही दोनों के बीच तल्खी
गोविंद सिंह राजपूत ने कहा, जहां तक मुझे पता है विद्यार्थी परिषद से तो अमित शाह, जेपी नड्डा, राजनाथ सिंह भी विद्यार्थी परिषद से आए हैं, और आज सागर के विधायक कहते हैं कि वीडी शर्मा तो पांच साल पहले ही बीजेपी में आए हैं। ये सब बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व देख रहा है। प्रदेश नेतृत्व देख रहा है। जहां तक मैं समझता हूं मुझे और ज्यादा टिप्पणी करने की जरूरत नहीं है। आपको बता दें कि गोविंद सिंह राजपूत ने बार-बार जिन विधायक का जिक्र किया, वे भूपेंद्र सिंह ही हैं। वहीं, भूपेंद्र ने जिनका नाम नहीं लिया, वे गोविंद सिंह राजपूत ही हैं। कुल मिलाकर सागर बीजेपी में ठन गई है। भूपेंद्र सिंह और गोविंद सिंह के बीच सियासी अनबन तो शुरुआत से ही है, लेकिन अब मामला बिगड़ता जा रहा है। विधानसभा चुनाव के दौरान गोविंद सिंह राजपूत ने सागर में सम्मेलन में भूपेंद्र सिंह को बुलाकर एक होने का संकेत दिया था, लेकिन उसके बाद से एक बार फिर दोनों में तल्खी बढ़ गई है।