संजय शर्मा, Bhopal.
ये सच है रंग बदलता था वो हर इक लम्हा
मगर वही तो बहुत कामयाब चेहरा था।
जी हां, ऐसे ही कामयाब चेहरों की हार-जीत पर खूब दांव लग रहे हैं। झुलसा देने वाली इस गर्मी के बीच सियासत में भी गजब का उबाल है। जीत या हार पर एक झटके में करोड़ों-अरबों के दांव लग रहे हैं। कभी करोड़ों-अरबों हाथ में आ जाते हैं तो कभी एक झटके में हाथ खाली भी हो जाते हैं।
रतलाम से रायबरेली और मुरैना से मुंबई तक चुनावी उम्मीदवारों की जीत और हार पर जमकर सट्टा लग रहा है। दो GB इंटरनेट डाटा में अपना दिन गुजारने वाली बड़ी आबादी सियासत पर दांव लगा रही है। इंटरनेट की इस दुनिया में अब पर्चियां नहीं फटतीं जनाब! सारा खेल मोबाइल और लैपटॉप स्क्रीन पर हो रहा है। दुनियाभर के सट्टा बाजार इन स्क्रीन्स में समा गए हैं। देश में जिन सीटों पर कांटे का मुकाबला है, ऑनलाइन सट्टा बाजार में वेबसाइ्ट्स पर उनके भाव भी उतने ही तेज हैं।
भाव हर पल घट-बढ़ रहे
भाव हर पल घट-बढ़ रहे हैं। फिलहाल सट्टा बाजार की हवा बीजेपी के पक्ष में बहती नजर आ रही है। सटोरिए MP में छिंदवाड़ा और राजगढ़ के अलावा रतलाम और मुरैना सीट पर भी बुकिंग ले रहे हैं। वहीं, राहुल गांधी की उम्मीदवारी के बाद उत्तर प्रदेश की रायबरेली और स्मृति ईरानी की अमेठी सीट के अलावा दिल्ली में केजरीवाल के असर वाली सीटों पर भी खूब सट्टा लगाया जा रहा है। लोकसभा चुनाव की गहमागहमी के बीच कैसे लग रहा सत्ता पर सट्टा...पढ़िए 'द सूत्र' की यह खास रिपोर्ट...
कौन संभावित विजेता, किसका लगेगा बट्टा
लोकसभा चुनाव की गहमागहमी के बीच बीजेपी और कांग्रेस समेत तमाम राजनीतिक पार्टियां अपने-अपने स्तर पर जीत-हार का गुणा भाग करने में जुटी हैं, लेकिन देशभर के ऑनलाइन और ऑफलाइन सट्टा बाजार में अलग तरह का अंक गणित चल रहा है। सट्टा बाजार सबसे ज्यादा महाराष्ट्र और राजस्थान में गरमाया हुआ है। चुनावी पॉलिटिक्स पर ऑफलाइन के साथ ऑनलाइन बैटिंग हो रही है।
लिंक से होती है पूरी बुकिंग
लोकसभा चुनाव ( Lok Sabha Elections ) के नतीजों पर आधारित वेबसाइट्स पर बंपर बुकिंग हो रही है। इन वेबसाइट्स से जुड़े बुकी अपने संपर्क के लोगों को लिंक उपलब्ध कराते हैं और लिंक पर अकाउंट बनाकर बैटिंग की जाती है। सट्टा खेलने वालों को वेबसाइट्स के वॉलेट में रुपए जमा कराने होते हैं। द ग्रेट इंडियन पॉलिटिक्स पर सट्टा बाजार का रुझान देखें तो मध्यप्रदेश को लेकर जो प्रिडिक्शन ( पूर्वानुमान ) है वो बीजेपी के पक्ष में है, लेकिन पहले की तुलना में बीजेपी को कुछ नुकसान पहुंचाता दिखाई दे रहा है।
द सूत्र की बुकी से बात...पढ़िए क्या कहा उसने
अब सट्टा बाजार में मध्यप्रदेश की सीटों पर बीजेपी और कांग्रेस के भाव देखें तो बीजेपी पर 1:1 का भाव चल रहा है। यानी उदाहरण के तौर पर अगर आप 100 रुपए लगाते हैं और जीत जाते हैं तो आपको पूरे 100 रुपए मिलेंगे। कांग्रेस पर 1:2 से लेकर 1:3 तक यानी दो से तीन गुना तक भाव चल रहा है।
मध्यप्रदेश की सीटों का हाल
- मध्यप्रदेश की सबसे चर्चित छिंदवाड़ा और राजगढ़ सीट पर भाव कांग्रेस के फेवर में दिख रहे हैं। छिंदवाड़ा और राजगढ़ सीटों को लेकर सट्टा बाजार में कांग्रेस पर 1:1 का भाव लगाया जा रहा है।
- रतलाम और मुरैना सीट पर कांग्रेस पर 1 के बदले सवा रुपए तक रेट लगाया जा रहा है। सतना में बीजेपी की जीत पर भाव ऊपर है, यहां बीएसपी के नारायण त्रिपाठी की दावेदारी की वजह से बीजेपी का गणित बिगड़ने का अंदेशा है।
- मध्यप्रदेश की छिंदवाड़ा, राजगढ़, रतलाम और मुरैना समेत मुंबई, सतारा, नागपुर से लेकर जोधपुर, जयपुर, कोटा, भरतपुर सीटों पर बुकी सक्रिय हैं।
- सबसे सटीक माने जाने वाले राजस्थान के फलौदी और मुंबई के कल्याण सट्टा बाजार में लोकसभा चुनाव के नतीजों को लेकर जमकर बैटिंग हो रही है।
मध्यप्रदेश में बीजेपी को नुकसान
सट्टा बाजार मध्यप्रदेश की 29 में से बीजेपी को 27 से 29 और कांग्रेस को 1 से 3 सीटें दे रहा है।
- छत्तीसगढ़ की 11 सीटों में से बीजेपी को 8 से 9 और कांग्रेस को 1 या 2 सीट मिलने का अनुमान है।
- सबसे ज्यादा 80 लोकसभा सीटों वाले उत्तरप्रदेश को लेकर भी बंपर बुकिंग हो रही है। यहां 67 से 72 सीट बीजेपी और 8 से 12 सीट INDI अलायंस यानी गठबंधन को मिलने का अनुमान जताया जा रहा है।
- सट्टा बाजार महाराष्ट्र और राजस्थान की सीटों पर सबसे ज्यादा भाव दे रहा है। रायबरेली में राहुल गांधी और अमेठी में स्मृति ईरानी की हार-जीत पर भी जमकर बैटिंग हो रही है। दिल्ली से कन्हैयाकुमार और पुरी से संबित पात्रा पर भी सट्टा बाजार में भाव लगातार घट-बढ़ रहे हैं।
सट्टा बाजार की बड़ी हलचल
सट्टा बाजार के अनुमान के मुताबिक, बीजेपी को देश में 320 से 345 सीटें मिल रही हैं, जबकि कांग्रेस को 45 से 65 सीट मिलने का रुझान जताया जा रहा है। सट्टा बाजार के भाव सात चरणों की वोटिंग के बाद BJP-NDA को 385 से 400 तक सीट दे रहे हैं। INDI अलायंस को 125 से 145 सीटें मिलने का अनुमान है।
राजस्थान के फलौदी का रुझान
अब फलौदी सट्टा बाजार के हाल देखें तो लोकसभा चुनाव के पहले चरण की वोटिंग के साथ ही फलौदी सट्टा बाजार लगातार अपडेटेड भाव दे रहा है और सीटों की जीत-हार का आंकड़ा भी बदल रहा है। 13 मई को चौथे चरण की वोटिंग के बाद एक बार फिर फलौदी के बाजार की हवा बदल गई है।
381 सीटों पर हो चुकी है वोटिंग
आपको बता दें कि 13 मई को देश के 9 राज्यों में 96 सीटों के बाद अब 381 सीटों पर वोटिंग हो चुकी है। अब तीन चरणों में 163 सीटों पर वोटिंग बाकी है। चौथे चरण की वोटिंग के बाद फलौदी सट्टा के रुझान बीजेपी को 20 सीटों तक का नुकसान बता रहे हैं। कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों को इतनी ही सीटों पर बढ़त का अनुमान जता रहे हैं।
तमिलनाडु में खुलेगा बीजेपी का खाता
फलौदी सट्टा बाजार के मुताबिक मध्यप्रदेश में बीजेपी को 27 से 29, राजस्थान में 18 से 20, छत्तीसगढ़ में 10, उत्तर प्रदेश में 64 से 65, दिल्ली में 5 से 6, हरियाणा में 5 और पश्चिम बंगाल में 19 से 22 सीटें मिल रही हैं, जबकि तमिलनाडु में बीजेपी का खाता खुलेगा, जहां बीजेपी को 2 से 5 सीट मिलती दिख रही हैं
आखिर सट्टा बाजार में भाव कैसे तय होते हैं?
लोकसभा चुनाव सट्टा ( Lok Sabha election betting ) बाजार में भाव सर्वे के आधार पर तय होते हैं। इस पर टीवी के सर्वे का भी थोड़ा-बहुत असर होता है। जो लोग सट्टा खेलते हैं, वही लोग भाव तय करते हैं। ऐसे लोगों की गिनती हजारों-लाखों से लेकर करोड़ों तक हो सकती है। सट्टा बाजार में लोगों की बातों से माहौल तय होता है और उसी के आधार पर भाव तय होता है। हर सीट पर कैंडिडेट के पक्ष में बने माहौल, सर्वे, लोकल लोगों से बातचीत के आधार पर भाव घटते-बढ़ते हैं।
ये भाव कैसे खुलते हैं...वो भी जान लीजिए
दरअसल, ये भाव जनता के रुझान को देखते हुए खुलते हैं और हर सीट के भाव अलग-अलग सटोरिए तय करते हैं। जैसे अगर एक रुपए पर तीस पैसे दिए जा रहे हैं यानी जिस पर पैसे ज्यादा हैं, वो क्षेत्र में पीछे चल रहा है और जिस पर पैसे कम हैं, वो क्षेत्र आगे है। मान लीजिए किसी उम्मीदवार पर किसी ने एक रुपए लगाए और सटोरिए उसे तीन रुपए का भाव दे रहे हैं तो मतलब ये हुआ कि संबंधित कैंडिडेट हार रहा है। यदि कोई एक रुपए के बदले तीस पैसे दे रहा है तो मानिए कि उम्मीदवार बढ़त में है। बहरहाल, ये सब सट्टा बाजार और सटोरियों के अनुमान हैं। 'द सूत्र' ऐसे किसी अनुमान की पुष्टि नहीं करता।