BHOPAL.मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी ने अनुशासनहीनता को लेकर नेताओं के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया है। बीजेपी ने छिंदवाड़ा में 2 पार्षदों समेत 4 नेताओं को 6 साल के लिए पार्टी से बाहर कर दिया है। इन नेताओं के खिलाफ अनुशासनहीनता को लेकर कारण बताओ नोटिस जारी हुआ था, जिसका संतोषजनक जवाब नहीं मिलने के बाद बीजेपी जिला अध्यक्ष शेषराव यादव ने 2 पार्षदों समेत 4 बीजेपी नेताओं को पार्टी से निष्कासित कर दिया। जिसमें बीजेपी पार्षद किरण हरिओम सोनी, पूर्णिमा मालवी, पूर्व पार्षद संतोष राय, शिव मालवी शामिल हैं। सारा विवाद छिंदवाड़ा नगर निगम अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव से जुड़ा है।
जानें पूरा मामला
दरअसल, छिंदवाड़ा नगर निगम अध्यक्ष के विरोध में लाया गया अविश्वास प्रस्ताव लाया था। जिसके बाद 2 पार्षद और 2 पार्षद पतियों ने बीजेपी जिला कार्यालय में अभद्रता की थी। यहां पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए गद्दार और दोगले जैसे अपशब्दों का इस्तेमाल किया गया था।
इस मामले में बीजेपी जिला अध्यक्ष शेषराव यादव ने पार्षदों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। नोटिस का संतोषजनक जवाब नहीं मिलने जिला अध्यक्ष ने 2 पार्षदों समेत 4 नेताओं को 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया। यह कार्रवाई प्रदेश संगठन के निर्देश पर की गई है।
विपक्ष के 7 पार्षदों ने किया था अध्यक्ष के पक्ष में वोट
बीजेपी ने 8 अक्टूबर को छिंदवाड़ा नगर निगम अध्यक्ष सोनू मांगो के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया था, निगम सभागृह में कलेक्टर और पीठासीन अधिकारी शीलेंद्र सिंह की अध्यक्षता में गुप्त मतदान कराया गया था। कांग्रेस के नगर निगम अध्यक्ष सोनू मांगो के पक्ष में 21 वोट और विपक्ष में महापौर समेत 27 पार्षदों ने वोट किया था। वोटिंग के दौरान बीजेपी के 34 में से 33 और कांग्रेस के सभी 14 पार्षद उपस्थित थे। अध्यक्ष सोनू मांगो के पक्ष में कांग्रेस के अलावा विपक्ष के 7 पार्षदों ने भी वोट डाला था। 2 घंटे तक चली कार्यवाही में अध्यक्ष के खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव गिर गया था।
संतोषजनक जवाब नहीं मिलने के बाद कारवाई
इन नेताओं पर आरोप था कि उन्होंने पार्टी के अन्य पार्षदों के साथ गाली-गलौच की और कार्यकर्ताओं के लिए "गद्दार" और "दोगला" जैसे अपशब्दों का इस्तेमाल किया। अविश्वास प्रस्ताव के गिरने के बाद, इन नेताओं ने पार्टी के अन्य सदस्य और कार्यकर्ताओं के साथ अभद्र व्यवहार किया। इसके चलते बीजेपी ने इन पार्षद समेत चारों नेताओं के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी किया था। जब इन नेताओं ने संतोषजनक जवाब नहीं दिया, तो पार्टी ने उन्हें 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया। निष्कासित किए गए नेताओं में संतोष राय, शिव मालवी, पार्षद किरण हरिओम सोनी, और पूर्णिमा मालवी शामिल हैं।
अनुशासनहीनता को लेकर कार्रवाई
मामले में बीजेपी जिला अध्यक्ष शेषराव यादव का कहना है कि अविश्वास प्रस्ताव को लेकर जो घटना क्रम हुआ उसके बाद पार्टी को यह फैसला लेना पड़ा, क्योंकि हम सभी अनुशासन से बंधे हुए हैं। पार्टी में अनुशासन बनाने के लिए 4 लोगों को बीजेपी से बाहर करने का फैसला लिया है। सभी को 6 साल के लिए बाहर किया गया। इन नेताओं को अनुशासनहीनता के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया था।
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