मध्य प्रदेश ( Madhya Pradesh ) के इतिहास में पहली बार सभी 29 लोकसभा सीटों पर बीजेपी ने जीत दर्ज की। कांग्रेस के सबसे मजबूत किले छिंदवाड़ा में भी बीजेपी ने 1 लाख 13 हजार से ज्यादा वोटों से जीत दर्ज की। हिंदी पट्टी में एमपी ऐसा राज्य है, जहां बीजेपी ने सभी सीटें जीतने में कामयाबी हासिल की है। लोकसभा चुनाव ( Lok Sabha Elections ) में क्लीन स्वीप के बाद मप्र कांग्रेस के नेतृत्व पर सवाल उठ रहे हैं। आम चुनाव में करारी हार के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी (Jeetu Patwari ) से ने चर्चा की। इस दौरान उन्होंने अध्यक्ष होने के नाते मैं जिम्मेदारी लेने की बात कही। साथ ही स्वीकारा कि पब्लिक ने मैसेज दिया है कि हम कमियां सुधारें।
देश ने संविधान और लोकतंत्र का बचाया-जीतू
मीडिया से रुबरु हुए जीतू पटवारी ने कहा है कि देश ने संविधान की रक्षा की है। लोकतंत्र की रक्षा की है। जो भारतीय जनता पार्टी और नरेंद्र मोदी का तानाशाही पूर्ण रवैया था, जिसमें नरेंद्र मोदी के द्वारा ईडी और सीबीआई का उपयोग करके लोकतांत्रिक संस्थाओं का हनन किया जाता था। लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन किया जाता था। देश की जनता ने नरेंद्र मोदी के खिलाफ मत किया है।
मध्य प्रदेश में हमारा प्रदर्शन निराशाजनक
उन्होंने कहा है कि मध्य प्रदेश में जरूर निराशा मिली है। हम उसको लेकर निराश हैं, दुखी भी हैं चिंतित भी हैं, और आगे कैसे अच्छे हों इसके लिए एकजुट भी हैं, लेकिन यह भी सच है कि नरेंद्र मोदी की जो भी गारंटी थी वह चीन का माल निकला। यह देश ने मुहर लगा दी उनको भी इस्तीफा देना चाहिए।
हमारी पार्टी को पब्लिक का मैसेज
हमारे अंदर भी कुछ सुधार की जरूरत है उसको भी किसी भी रूप में हम नकार नहीं सकते। हमारी पार्टी को पब्लिक का ये मैसेज है। अपने आपको विपक्ष का रोल धारदार करना पड़ेगा। आपको अपनी भूमिका एकजुट करनी पड़ेगी। पार्टी को मजबूत करने के लिए नई सोच, नए विचार, नई कार्यशैली के साथ मजबूत करना पड़ेगा।
कमलनाथ-दिग्विजय सिंह को लेकर बोले पटवारी
पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने कहा है कि यह काल्पनिक बातें हैं। अब परिणाम हमारे सामने हैं। इस परिणाम को हम छुपा नहीं सकते, इसको अस्वीकार नहीं कर सकते। इसे अपना मुंह नहीं चुरा सकते। जो पार्टी अध्यक्ष होने के नाते मेरी जिम्मेदारी है कि मैं इसकी जिम्मेदारी लूं। हम एकजुटता के साथ पार्टी को मजबूत करेंगे।
विधानसभा चुनाव में हार के बाद पटवारी को बनाया था अध्यक्ष
बीते 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा था। 230 विधानसभाओं में से कांग्रेस को मात्र 66 सीटें मिली थीं। बीजेपी ने 163 सीटों पर जीत दर्ज की थी। एक सीट पर भारत आदिवासी पार्टी (BAP) ने कब्जा किया था। इस हार के बाद कमलनाथ की जगह जीतू पटवारी को कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष और उमंग सिंघार को नेता प्रतिपक्ष बनाया गया था। अब पटवारी के अध्यक्ष रहते हुए लोकसभा चुनाव में सभी सीटों पर बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा है।