मध्यप्रदेश कांग्रेस कल, 24 अक्टूबर यानी गुरुवार को प्रदेश कार्यकारिणी की घोषणा करने जा रही है। नई कार्यकारिणी को लेकर प्रदेश PCC चीफ जीतू पटवारी को कांग्रेस आलाकमान से मंजूरी मिल चुकी है। पार्टी सूत्रों के अनुसार नई कार्यसमिति में अनुभवी नेताओं के अलावा, युवा और सक्रिय कार्यकर्ताओं को ज्यादा अवसर दिए जा सकते हैं। दरअसल वायनाड चुनाव नामांकन तक कांग्रेस आलाकमान की व्यस्तता के कारण यह सूची रुकी हुई थी। वायनाड से प्रियंका गांधी के पर्चा भरते ही यह काम भी पूरा हो गया है।
नई प्रदेश कार्यसमिति में जीतू पटवारी ने प्रदेश के सभी प्रमुख कांग्रेसी नेताओं के संबंध में जो नाम दिल्ली भेजे थे, उन पर आलाकमान से हरी झंडी मिल गई है। कार्यसमिति को लेकर प्रदेश कांग्रेस संगठन में भी उत्सुकता बनी हुई है। बताया जा रहा है कि नई प्रदेश कार्यसमिति में उपाध्यक्ष, महासचिव, सचिव के अलावा कुछ जिला अध्यक्षों के नाम की भी घोषणा हो सकती है।
पीसीसी की नई टीम में खासी कसावट हो इसके लिए प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी कई दिनों से पदाधिकारियों की स्क्रीनिंग में जुटे रहे हैं। प्रदेश में होने जा रहे दो उपचुनावों से ठीक पहले कांग्रेस की नई कार्यकारिणी के माध्यम से जीतू पटवारी संगठन और कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा भरने की कोशिश करते दिख रहे हैं। बताया जा रहा है कि नई कार्यसमिति में ज्यादातर पदाधिकारी अंडर 40 ऐज ग्रुप से होंगे। यानी नई कार्यकारिणी में नई ऊर्जा से भरे, सक्रिय कार्यकर्ताओं को ज्यादा मौके देने का दावा किया जा रहा है।
विरोध रोकने के भी इंतजाम
नए पदाधिकारियों की घोषणा के बाद उनकी कितनी स्वीकार्यता होगी या विरोध यह तो सूची के बाद ही सामने आएगा। लेकिन कार्यकारिणी सदस्यों की घोषणा के पिछले कड़वे अनुभवों को देखते हुए पटवारी की कोर टीम सभी गुटों के शीर्ष नेताओं से संपर्क साधे हुए है। ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि किसी भी तरह के विरोध को तत्काल थामा जा सके, जिससे मैदानी स्तर पर कार्यकर्ताओं में पार्टी में बिखराव का संदेश न जाए।
नई कार्यकारिणी में पार्टी के सभी खेमों को साधने के लिए पटवारी लगातार वरिष्ठ नेताओं के संपर्क में बने रहे हैं। सभी गुटों से सक्रिय नेताओं, कार्यकर्ताओं के नाम स्क्रूटनी और सामंजस्य बनाते हुए आलाकमान को भेजे गए थे। जहां कई दिनों से मंथन चल रहा था। बीते दिन ही आलाकमान ने जीतू पटवारी की नई टीम को हरी झंडी दे दी है।
90 दिन का टेस्ट पीरियड
पीसीसी चीफ की नई टीम में शामिल पदाधिकारी लगातार एक्टिव रहेंगे। इसको ध्यान में रखते हुए सभी पदाधिकारियों की कार्यशैली और सक्रियता का लेखा-जोखा तैयार होगा। यानी पदाधिकारी क्या कर रहे हैं, संगठन को कितना समय दे रहे हैं और कार्यकर्ताओं के बीच उनकी सक्रियता कैसी है इसका फीडबैक जुटाया जाएगा। संगठन के पदाधिकारी कितने एक्टिव हैं और उनकी वर्किंग कैसी है इसका मूल्यांकन 90 दिन में होगा। इसके परिणाम के आधार पर उनके आगे का दायित्व तय किया जाएगा।
दो उपचुनावों की कसौटी
नई कार्यकारिणी के सामने पहली बड़ी चुनौती प्रदेश में होने वाले दो विधानसभा उपचुनाव होंगे। श्योपुर जिले की विजयपुर और सीहोर जिले की बुधनी सीट पर कांग्रेस के चुनावी कैंपेन में इन पदाधिकारियों की सक्रिता की पहली परीक्षा होगी। पीसीसी चीफ लगातार दोनों सीटों पर सक्रिय हैं और लगातार दौरे कर रहे हैं। वैसे तो दोनों सीटों पर कांग्रेस जीत दर्ज करना चाहती है लेकिन पटवारी ने विजयपुर सीट पर जीत को अपना लक्ष्य बनाया है। बताया जा रहा है पटवारी यहां से भाजपा प्रत्याशी रामनिवास रावत को पराजित देखना चाहते हैं क्योंकि उन्होंने कांग्रेस छोड़कर उन्हें भी धोखा दिया है।
युवा वर्ग, SC-ST-OBC को 80 फीसदी मौका
PCC चीफ जीतू पटवारी के अनुसार कार्यसमिति में युवाओं को विशेष तब्बजो दी गई है। यानी 50 साल से कम आयु के 80 फीसदी कार्यकर्ताओं को कार्यकारिणी में जगह मिली है। वहीं पदाधिकारियों में SC, ST और OBC वर्ग को भी प्राथमिकता दी गई है। इस बार प्रदेश कार्यकारिणी में महिला कार्यकर्ताओं का विशेष ध्यान रखा गया है। यानी कार्यकारिणी में महिला वर्ग को 25 फीसदी पद दिए गए हैं। कार्यसमिति में प्रदेश के सभी जिलों को प्रतिनिधित्व मिले इसके लिए हर जिले से दो पदाधिकारी बनाए गए हैं।
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