मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जीतू पटवारी अपने ही बयान में फंसते नजर आ रहे हैं। उन्होंने कहा था कि कांग्रेस में गुटबाजी कैंसर की तरह है। उन्होंने बीजेपी मीडिया सेल पर आरोप लगाते हुए इस बयान को संगठन की एकता का अंदरूनी मामला बताया।
दरअसल, सोमवार 20 जनवरी को खरगोन में पत्रकारों से बातचीत करते हुए जब उनसे कांग्रेस में गुटबाजी को कैंसर बताने वाले उनके बयान के बारे में पूछा गया तो उन्होंने भाजपा के मीडिया सेल को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि भाजपा का मीडिया सेल अपना एजेंडा मीडिया हाउसों को जारी करता है। उन्होंने आगे कहा कि एकजुटता पार्टी को मजबूत बनाने का एक तरीका है, इसलिए यह स्वाभाविक है कि संगठन के भीतर इस पर चर्चा हो।
पार्टी में गुटबाजी खत्म करेंगे
पटवारी ने कहा कि हमारी पार्टी में गुटबाजी खत्म करने के लिए जो भी करना होगा, हम करेंगे। हम हिम्मत और एकता के साथ इसे खत्म करेंगे। हम इसके लिए लगातार प्रयास करेंगे और भाजपा की नींव हिला देंगे। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अरुण यादव और सचिन यादव के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि वे पारिवारिक कामों के चलते व्यस्त हैं।
मुझ पर हर कांग्रेस नेता का आशीर्वाद
जब पटवारी से पूछा गया कि इतनी मेहनत के बाद भी समन्वय क्यों नहीं दिख रहा है, तो पटवारी ने कहा कि मुझे कांग्रेस के हर नेता का आशीर्वाद प्राप्त है। उन्होंने कहा कि मेरी नियुक्ति से पहले कांग्रेस के 90% वरिष्ठ नेताओं से सलाह ली गई थी और उनमें से ज्यादातर ने मुझे अध्यक्ष बनाने पर सहमति जताई थी, जिनमें कमल नाथ और दिग्विजय सिंह भी शामिल थे। सभी के सहयोग से बदलाव भी दिखने लगा है। बुधनी में हमने भाजपा के 1.30 लाख वोट कम किए, विजयपुर में जीत दर्ज की और अमरवाड़ा में 19वें राउंड तक आगे रहे।
जनता दरबार में जनता परेशान
पटवारी ने कहा कि कांग्रेस को विपक्ष की भूमिका मिली है और जनता के मुद्दे उठाना हमारी जिम्मेदारी है। उन्होंने गेहूं और धान के समर्थन मूल्य, लाड़ली बहन को दिए गए 3 हजार रुपए, सोयाबीन की खरीद और मुख्यमंत्री के जनता दरबार का जिक्र कर भाजपा पर सवाल उठाए। उन्होंने आरोप लगाया कि पहले जनता दरबार में जनता को परेशान होना पड़ा और दूसरे जनता दरबार में सिर्फ सीएम हेल्पलाइन के लोगों का चयन किया गया। जनता दरबार में उमड़ी भारी भीड़ का मतलब है कि भारतीय जनता पार्टी ने जनता पर अत्याचार किया है, लेकिन मुख्यमंत्री उनसे मिलना नहीं चाहते। पटवारी ने एक साल में 5 लाख करोड़ के कर्ज का जिक्र करते हुए कहा कि हर नागरिक को 60 से 70 हजार रुपए का कर्जदार बना दिया गया है।
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