हमारी भी अर्ज सुनो MP सरकार, भर दो DA की झोली हमारी

राज्य में लगभग साढ़े सात लाख कर्मचारी व अधिकारी हैं जो नए DA की बाट जोह रहे हैं, ताकि वे बढ़ती महंगाई के इस दौर में सुकून से अपना व परिवार का जीवन-यापन कर सकें। इस स्टाफ में अगर पेंशनधारियों को भी जोड़ लिया जाए तो इनकी संख्या 12 लाख से अधिक हो जाती है।

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Dr Rameshwar Dayal
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कर्मचारियों का कहना है कि डीए न बढ़ने के कारण उन्हें व परिवार को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है।

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Bhopal: मध्यप्रदेश ( MP ) के लाखों कर्मचारी ( Government Employees ) आजकल निराश हैं। वह कह रहे हैं कि उनकी सरकार लाड़लियों ( Ladli ) को लक्ष्मी बनाने में जुटी है, लेकिन उनकी लक्ष्मी नहीं बढ़ रही है। कारण यह है कि इन सरकारी बाबुओं को केंद्र सरकार के कर्मचारियों के मुकाबले 8 प्रतिशत महंगाई भत्ता ( DA ) कम मिल रहा है। सरकारी कर्मचारियों के संयुक्त मोर्चा ने इस मसले पर सरकार से ध्यान देने की मांग की है। राज्य के कर्मचारियों का आखिरी बार महंगाई भत्ता पिछले साल जनवरी माह में बढ़ा था। इसके अलावा कोरोना काल में उनका महंगाई भत्ता रोक भी लिया गया था। 

42 प्रतिशत ही मिल रहा है महंगाई भत्ता

एक सरकारी जानकारी के अनुसार राज्य में लगभग साढ़े सात लाख कर्मचारी व अधिकारी हैं, जो नए महंगाई भत्ते की बाट जोह रहे हैं, ताकि वे बढ़ती महंगाई के इस दौर में सुकून से अपना व परिवार का जीवन-यापन कर सकें। सरकार के इस स्टाफ में अगर पेंशनधारियों को भी जोड़ लिया जाए तो इनकी संख्या 12 लाख से अधिक हो जाती है। असल में हाल ही में केंद्र सरकार की घोषणा के बाद उनका डीए बढ़कर 50 प्रतिशत हो गया है, जबकि राज्य के कमर्चारियों को अभी वह 42 प्रतिशत ही मिल रहा है। यानी उनका डीए केंद्र सरकार के कर्मचारियों से 8 प्रतिशत कम है। कमर्चारी नेताओं का दावा है कि इसके चलते एंप्लाइज को विभिन्न श्रेणियों में 1200 रुपए से लेकर 16000 रुपये तक कम मिल रहे हैं। उनका कहना है कि अब तो केंद्र सरकार ने भी महंगाई भत्ता बढ़ा दिया है, इसलिए उन्हें भी अब यह लाभ दे दिया जाए।

मध्य प्रदेश व पंजाब में है सबसे कम

अगर हम राज्यवार आंकड़ों की बात करें तो मध्यप्रदेश ( 42 प्रतिशत) व पंजाब को छोड़कर ( 38 प्रतिशत) को छोड़कर बाकी अन्य राज्यों जैसे छत्तीसगढ़, राजस्थान उत्तर प्रदेश, हरियाणा महाराष्ट्र, बिहार, तमिलनाडु, गुजरात का डीए 46 प्रतिशत है। इसलिए राजय के कर्मचारी निराश और अब हैरान-परेशान हो रहे हैं। कर्मचारियों में नाराजगी इसलिए बढ़ रही है, क्योंकि कोरोना काल के दौरान उनके महंगाई भत्ते के अलावा इन्क्रीमेट भी रोक दिया गया था। तब उन्हें केंद्र सरकार से 20 प्रतिशत डीए कम मिल रहा था। दो साल पहले कोरोना प्रकोप मंद पड़ने के बाद तत्तकालीन शिवराज सिंह चौहान सरकार ने उनका 11 प्रतिशत महंगाई बढ़ा दिया। इसके बाद दो बार में उनका यह डीए 9 प्रतिशत और बढ़ाया गया। इसके बाद राज्य सरकार व केंद्र सरकार के कर्मचारियों का महंगाई भत्ता एकसमान हो गया था।

वाहन व मकान भत्ता भी नहीं बढ़ रहा है

अब केंद्र सरकार ने अपने कमर्चारियों का डीए बढ़ा दिया तो राज्य सरकार के कर्मचारी अपनी सरकार की ओर देख रहे हैं। इस मसले पर राज्य सरकार के कर्मचारी संगठन तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ का कहना है कि सरकार लाड़लियों का तो खासा ध्यान रख रही है, अब वह अपने मातहतों की ओर भी देख ले। हमारा पिछले कई माह से डीए नहीं बढ़ा है, साथ ही पिछले 12 सालों से वाहन व मकान भत्ता भी नहीं बढ़ाया गया है, जिनके उन्हें आर्थिक संकट से जूझना पड़ रहा है। संघ के नेताओं ने सरकार से मांग की है कि वह इस ओर सोचे ताकि उनकी भी आर्थिक स्थिति में सुधार हो जाए।

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