MP में आएगा पेपर लीक कानून, दोषी हुए तो उम्रकैद और एक करोड़ जुर्माना

मध्य प्रदेश सरकार नया कानून लाने जा रही है, जिसमें पेपर लीक करने पर आजीवन कारावास और 1 करोड़ रुपए तक जुर्माने का प्रावधान होगा। नकल करने पर भी सजा होगी।

Advertisment
author-image
Raj Singh
New Update
paper lik kanun mp
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

मध्य प्रदेश में परीक्षा और भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए सरकार कड़े कदम उठाने जा रही है। अब पेपर लीक करने वालों को आजीवन कारावास (life imprisonment) और 1 करोड़ रुपए तक का जुर्माना (fine of ₹1 crore) देना होगा। इसके साथ ही नकल करते पकड़े गए परीक्षार्थी एक साल तक परीक्षा नहीं दे पाएंगे।

नया कानून क्यों जरूरी?

1937 का परीक्षा कानून अब अप्रासंगिक हो चुका है। बढ़ती परीक्षाओं और पेपर लीक की घटनाओं ने इसे और मजबूत बनाने की आवश्यकता को उजागर किया है। नीट (NEET) पेपर लीक मामले ने सरकार को मजबूर किया कि वह कानून में संशोधन करे। 

मध्य प्रदेश सरकार ने यह कानून केंद्र सरकार के "सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम 2024" के दिशानिर्देशों को ध्यान में रखकर तैयार किया है। स्कूल शिक्षा विभाग ने इसका ड्राफ्ट विधि विभाग को भेजा है।

MP के नए डीजीपी होंगे कैलाश मकवाना, 1 दिसंबर को लेंगे चार्ज, आदेश जारी

कैसा होगा कानून और सजा का प्रावधान?

कड़ी सजा और जुर्माना: परीक्षा में पेपर लीक करने वालों को आजीवन कारावास (life imprisonment) और 1 करोड़ रुपये तक का जुर्माना देना होगा। दोषियों की संपत्ति कुर्क की जाएगी।

परीक्षार्थियों के लिए नियम: नकल करने पर जेल नहीं होगी, लेकिन एक साल तक परीक्षा देने पर रोक।

सर्विस प्रोवाइडर्स पर कार्रवाई: सर्विस प्रोवाइडर कंपनियां (service provider companies) ब्लैकलिस्ट की जाएंगी।
गड़बड़ी की जानकारी छिपाने पर कानूनी कार्रवाई (legal action) होगी।

परीक्षा केंद्रों पर पाबंदियां: परीक्षा केंद्रों के प्रभारी और स्टाफ के लिए मोबाइल का इस्तेमाल प्रतिबंधित। परीक्षा के दौरान सीसीटीवी निगरानी और रिकॉर्डिंग 1 साल तक सुरक्षित रखी जाएगी।

प्रिंटिंग प्रेस के लिए निर्देश: पेपर छपाई के दौरान स्मार्टफोन और कैमरा प्रतिबंधित। प्रिंटिंग प्रेस पर सुरक्षा निरीक्षण (security और पहचान पत्र अनिवार्य।

हर हाथ को काम : मध्यप्रदेश सरकार युवाओं के लिए ला रही रोजगार के शानदार अवसर

कैसे हैं दूसरे राज्यों के कानून

गुजरात (Gujarat)
फरवरी 2023 में लागू कानून।
10 साल की सजा (10 years imprisonment) और 1 करोड़ रुपये तक जुर्माना।

झारखंड (Jharkhand)
अगस्त 2023 में लागू।
आजीवन कारावास (life imprisonment) और 10 करोड़ रुपये तक का जुर्माना।

उत्तर प्रदेश (UP)
जुलाई 2024 में लागू।
आजीवन कारावास और 1 करोड़ रुपये तक जुर्माना।

बिहार (Bihar)
जुलाई 2024 में लागू।
10 साल की सजा और 1 करोड़ रुपये जुर्माना।

एमपी सरकार के कानून का क्या है उद्देश्य?

माफिया और संगठित गिरोहों (mafia and organized groups) पर शिकंजा कसना। छात्रों को नकल की बजाय मेहनत के लिए प्रेरित करना और परीक्षा प्रक्रिया को निष्पक्ष और सुरक्षित बनाना है।

FAQ

नए कानून में क्या सजा का प्रावधान है?
पेपर लीक करने पर आजीवन कारावास और 1 करोड़ रुपये तक का जुर्माना है।
क्या नकल करने पर जेल होगी?
नकल करने पर जेल नहीं होगी, लेकिन एक साल तक परीक्षा देने से रोक दिया जाएगा।
सर्विस प्रोवाइडर पर क्या कार्रवाई होगी?
गड़बड़ी में शामिल होने पर सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों को ब्लैकलिस्ट किया जाएगा।
परीक्षा केंद्रों पर क्या पाबंदियां होंगी?
मोबाइल फोन का उपयोग प्रतिबंधित रहेगा और सीसीटीवी निगरानी होगी।
क्या अन्य राज्यों में भी ऐसा कानून है?
हां, गुजरात, झारखंड, यूपी और बिहार ने पेपर लीक रोकने के लिए कड़े कानून बनाए हैं।

thesootr links

द सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

NEET MP News MP पेपर लीक कानून एमपी न्यूज अपडेट मोहन सरकार पेपर लीक मामला मध्य प्रदेश सरकार सीएम मोहन यादव