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मध्य प्रदेश में सरकार ने प्रदेशभर में सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों की सभी छुट्टियां 26 जनवरी 2024 तक रद्द कर दी हैं। सरकार के इस फैसले से हड़कंप मच गया है। दरअसल इस तरह के आदेश का खुलासा दतिया कलेक्टर की ओर जारी किए गए एक आदेश के बाद से हुआ हैा। दतिया जिले में जिला प्रशासन ने अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए एक बड़ा आदेश जारी किया है। आदेश के अनुसार, अब कोई भी कर्मचारी या अधिकारी 26 जनवरी तक छुट्टी पर नहीं जा सकेगा। जिन कर्मचारियों की छुट्टियां पहले से स्वीकृत थीं, उन्हें भी तुरंत काम पर लौटना होगा।
26 जनवरी तक कोई छुट्टी नहीं
दतिया के कलेक्टर संदीप माकिन ने आदेश जारी कर सभी अधिकारियों और कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी हैं। इस आदेश के तहत 26 जनवरी 2024 तक कोई भी अधिकारी और कर्मचारी बिना अनुमति के मुख्यालय नहीं छोड़ सकेगा। यह आदेश उन कर्मचारियों और अधिकारियों पर भी लागू होगा जो वर्तमान में छुट्टी पर हैं। ताजा आदेश के बाद इन सभी को काम पर लौटना अनिवार्य होगा। इसका सीधा असर हजारों सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों पर पड़ेगा, जो पहले से स्वीकृत छुट्टियों पर थे।
क्यों उठाया गया ये कदम
इस बड़े फैसले का कारण मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के मुख्यमंत्री के रूप में एक वर्ष का कार्यकाल पूरा होना है। सरकार इसे जन कल्याण पर्व के रूप में मना रही है। इसी उपलक्ष्य में सभी जिलों में सरकारी योजनाओं को सक्रिय करने और उन्हें सही तरीके से लागू करने के लिए यह आदेश जारी किया गया है। इस पर्व के तहत मुख्यमंत्री के नेतृत्व में संचालित योजनाओं और उनकी उपलब्धियों को जनता तक पहुंचाने के लिए बड़े स्तर पर आयोजन किए जा रहे हैं। इसी वजह से दतिया कलेक्टर ने सभी कर्मचारियों और अधिकारियों की छुट्टियां रद्द कर दी हैं ताकि सभी लोग इस अभियान में अपनी भूमिका निभा सकें।
छुट्टी पर थे तो भी लौटना होगा
कलेक्टर के आदेश के अनुसार, जिले के किसी भी अधिकारी या कर्मचारी को मुख्यालय छोड़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी। जो कर्मचारी पहले से छुट्टी पर हैं, उन्हें भी काम पर लौटना होगा। इस आदेश ने कई कर्मचारियों के लिए असमंजस की स्थिति पैदा कर दी है। कई अधिकारी और कर्मचारी छुट्टी पर अपने घर गए हुए थे। अब उन्हें तुरंत काम पर लौटना होगा। कलेक्टर ने साफ कर दिया है कि बिना अनुमति मुख्यालय छोड़ने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है।
कर्मचारियों में हड़कंप
इस फैसले के पीछे मुख्य कारण जन कल्याण पर्व के तहत योजनाओं की निगरानी और उन्हें सुचारू रूप से लागू करना है। चूंकि यह पर्व मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के कार्यकाल की उपलब्धियों का जश्न मनाने के लिए आयोजित किया जा रहा है, ऐसे में सरकार चाहती है कि सभी अधिकारी और कर्मचारी इस अभियान का हिस्सा बनें। यह भी कहा जा रहा है कि लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर यह सरकार की एक रणनीतिक पहल हो सकती है, ताकि सरकारी योजनाओं की बेहतर मॉनिटरिंग और प्रदर्शन किया जा सके।
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