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भोपाल नगर निगम (Municipal Corporation) में भ्रष्टाचार की शिकायतों और वार्ड कर्मचारियों के रिश्वत लेते वीडियो वायरल होने के बाद अब सिस्टम में सुधार की बड़ी पहल शुरू हो चुकी है। निगम कमिश्नर ने कई वर्षों से एक ही विभाग में तैनात अधिकारियों और कर्मचारियों की सूची तैयार कर उनके तबादले और बदलाव की कार्रवाई शुरू कर दी है।
क्यों उठाया गया ये कदम?
नगर निगम में टैक्स कलेक्शन से लेकर भवन अनुमति तक के मामलों में पारदर्शिता की भारी कमी की शिकायतें मिल रही थीं। इसके साथ ही विपक्ष के नेताओं द्वारा यह मुद्दा बार-बार उठाया जा रहा था कि एक ही विभाग में वर्षों से जमे अधिकारी सिस्टम का दुरुपयोग कर रहे हैं। इसके जवाब में निगम प्रशासन ने कठोर कदम उठाते हुए विभागीय फेरबदल की तैयारी की है।
वर्षों से जमे हुए अफसरों और बाबुओं की सूची
नगर निगम की तैयार की गई लिस्ट में ऐसे अधिकारी और कर्मचारी शामिल हैं जो 10 से लेकर 30 वर्षों तक एक ही विभाग में कार्यरत हैं:
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इंजीनियर लालजी चौहान: 2010 से बिल्डिंग परमिशन सेल में।
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महेश सिरोहिया (AE): 22 वर्षों से एक ही विभाग में।
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राजाराम अहिरवार और नंदकिशोर डेहरिया: 2003 से अब तक उसी डेस्क पर।
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डीके सिंह: 2018 से राजधानी परियोजना प्रशासन से प्रतिनियुक्ति में कार्यरत।
इसी तरह बाबुओं में भी:
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सुनील जैन और राकेश लहरिया: 30 साल से एक ही विभाग में।
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मोहम्मद साबिर, तपेंद्र सिंह, सरिता बर्वे, साधु प्रसाद खंडित और सिद्दीकी हसन: 10 से 25 साल तक एक ही स्थान पर कार्यरत।
नेताओं का आरोप: जनप्रतिनिधियों की कोई सुनवाई नहीं होती
नगर परिषद की बैठक में नेता प्रतिपक्ष शबिस्ता जकी ने कहा कि वर्षों से एक ही विभाग में तैनात कर्मचारी न सिर्फ भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे हैं, बल्कि आम जन की समस्याओं की भी अनदेखी कर रहे हैं। उनकी शिकायत थी कि ऐसे अधिकारी जनप्रतिनिधियों की बातों को गंभीरता से नहीं लेते।
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अधिकारियों के प्रभारों में फेरबदल किया
निगमायुक्त हरेंद्र नारायण ने बताया कि नगर निगम में जोनल अधिकारियों के प्रभारों में फेरबदल किया गया है। लंबे समय से एक ही विभाग में तैनात अन्य कर्मचारियों का भी स्थानांतरण किया जाएगा।
अब क्या होगा? – संभावित कदम
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तत्काल ट्रांसफर आदेश जारी किए जा सकते हैं।
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रोटेशन पॉलिसी पर अमल सुनिश्चित किया जाएगा।
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प्रदर्शन मूल्यांकन प्रणाली को लागू कर कर्मचारियों की जवाबदेही तय की जाएगी।
यह बदलाव क्यों ज़रूरी है?
कारण | विवरण |
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भ्रष्टाचार | वर्षों से एक ही जगह काम करने से गठजोड़ बन जाते हैं |
पारदर्शिता | विभागीय फेरबदल से कामकाज में पारदर्शिता आएगी |
जवाबदेही | कर्मचारी अपने कार्य के प्रति ज़िम्मेदार होंगे |
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