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पेट्रोल-डीजल पर वैट और शराब बिक्री से एक्साइज ड्यूटी में बढ़ोतरी ने राज्य सरकार की कमाई में 1802 करोड़ रुपए का इजाफा किया है। इस अतिरिक्त राजस्व से लाड़ली बहना योजना के डेढ़ महीने का भुगतान किया जाएगा।
केंद्रीय कर हिस्सेदारी में 7 हजार करोड़ की बढ़ोतरी
केंद्रीय करों में राज्य को 7 हजार करोड़ रुपए ज्यादा मिले हैं। हालांकि, केंद्र से मिलने वाले अनुदान में 4 हजार करोड़ की कमी आई है, जिससे कुल बढ़त 3 हजार करोड़ रुपए की रही।
एसजीएसटी में 12.61% की गिरावट
राज्य वस्तु एवं सेवा कर (एसजीएसटी) की आय में पिछले साल की तुलना में 12.61% की गिरावट आई है। अप्रैल से सितंबर 2024 के बीच यह आय 17 हजार 023 करोड़ रुपए रही, जो पिछले साल इसी अवधि में 19,481 करोड़ रुपए थी।
केंद्र की जून 2022 तक की व्यवस्था का असर
केंद्र सरकार द्वारा जून 2022 तक राज्यों को एसजीएसटी में कमी की भरपाई का प्रावधान था, जिसकी समाप्ति के कारण यह गिरावट बनी रहेगी।
कुल राजस्व में मामूली बढ़ोतरी
वित्तीय वर्ष 2024-25 की पहली छमाही में सरकार की कुल राजस्व प्राप्ति 1.06 लाख करोड़ रुपए रही, जो पिछले वर्ष 1.03 लाख करोड़ रुपए थी। इस तरह बढ़ोतरी केवल 2.24% रही।
वित्तीय आय के प्रमुख स्रोत
- पेट्रोल-डीजल पर वैट और शराब से एक्साइज ड्यूटी में वृद्धि।
- केंद्रीय करों में हिस्सेदारी।
- केंद्र से मिलने वाले अनुदान में कमी।
लाड़ली बहना योजना पर फोकस
राज्य सरकार की प्राथमिकता लाड़ली बहना योजना का सुचारु संचालन है। अतिरिक्त कमाई से योजना का लाभार्थियों को भुगतान सुनिश्चित किया गया है।
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