BHOPAL. मध्यप्रदेश में गोवर्धन पूजा का पर्व इस बार भव्य पैमाने पर मनाया जा रहा है। ग्वालियर की आदर्श गोशाला में सबसे बड़ी गोवर्धन पूजा होती है। यहां लाल टिपारा आदर्श गोशाला में सबसे बड़े गोवर्धन बनाए जा रहे हैं जिनकी पूजा मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव करेंगे। साथ ही सीएम गायों का पूजन कर गौ सेवकों का सम्मान भी करेंगे।
लाल टिपारा आदर्श गोशाला में होगा आयोजन
ग्वालियर की लाल टिपारा आदर्श गोशाला में शनिवार को प्रदेश स्तरीय गोवर्धन महोत्सव कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। इस बार यहां सबसे बड़े गोवर्धन बनाए जा रहे हैं। गोशाला में 11 फीट ऊंचे और 108 टन गोबर से गोवर्धन का निर्माण हो रहा है। सीएम मोहन यादव यहां गोवर्धन पूजा और गो पूजन करेंगे। साथ ही गौ सेवकों को सम्मानित करेंगे। इस कार्यक्रम में गौ संवर्धन और गोवर्धन पूजा करने का संकल्प दिलाया जाएगा। इस दौरान मुख्यमंत्री गौ संवर्धन से जुड़ी बड़ी सौगात भी दे सकते हैं।
प्रदेश में गोवर्धन महोत्सव का भव्य आयोजन
दरअसल, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर मध्य प्रदेश में गोवर्धन महोत्सव का भव्य आयोजन किया जा रहा है। साल 2024-25 को गोवंश रक्षा संकल्प के रूप में मनाया जा रहा है। जिसके अंतर्गत कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। प्रदेश में पहली बार सरकारी स्तर पर गोवर्धन पूजन कार्यक्रम किए जा रहे हैं। सरकार ने इस दिन सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है। इस दिन प्रदेश के सभी मंत्री और विधायक गोर्वधन पूजा के कार्यक्रमों में शामिल होकर पूजा करेंगे।
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एमपी की आदर्श गोशाला
ग्वालियर के लाल टिपारा में आदर्श गोशाला पूरे एमपी के लिए रोल मॉडल है। करीब 50 एकड़ क्षेत्र में फैली गोशाला में लगभग साढ़े 10 हजार गोवंश हैं। यहां गोवंश की देखरेख के लिए बड़ी संख्या कर्मचारी मौजूद रहते हैं। सबसे खास बात यह कि ग्वालियर नगर निगम से संचालित इस गौशाला का प्रबंधन साधु-संत देखते हैं। यहां चारा भूसा के बड़े-बड़े शेड बनाए गए हैं। यहां हर साल विशेष गोवर्धन उत्सव का आयोजन होता है, जिसे देखने पड़ोसी राज्य यूपी और राजस्थान से बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं।
गायों की सेवा के लिए लगाई गई आधुनिक मशीनें
गोवंश की रक्षा में मोहन यादव सरकार ने कई अहम कदम उठाए हैं, लेकिन लाल टिपारा गोशाला अपने आप में एक बड़ा उदाहरण है। इस गोशाला की व्यवस्थाएं और इंतजाम बेहद खास है। यहां गायों की सेवा के लिए आधुनिक मशीनें लगाई गई है। गाय को चारा देने के लिए मिक्सर मशीनों का इस्तेमाल किया जाता है। गोशाला को दूध और खाद्य बेचकर 20 से 25 लाख रुपए की आय रही है। गोबर से खाद और कंडे बनाने के अलावा गौ काष्ठ भी तैयार हो रहा है। अब आय बढ़ाने के लिए प्रदेश का पहला सीएनजी उत्पादक प्लांट लगाया गया है, यह प्लांट 31 करोड़ रुपए से लगाया गया है। इससे हर 2 टन CNG गैस बनाई जाती है।
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