GWALIOR. घर में नवजात पोती के जन्म की खुशियां मनाने और गोद में खिलाने की जगह इसकी जान लेने वाली निर्दयी दादी को अदालत ने उम्रभर के लिए सलाखों के पीछे भेज दिया है। ग्वालियर में विशेष अदालत ने अपनी ही नवजात पोती की हत्या करने वाली दादी को उम्रकैद की सजा सुनाई है। साथ ही दोषी महिला पर 1 हजार का अर्थदंड भी लगाया है। मासूम की हत्या के मामले में फैसला सुनाते हुए अदालत ने कहा कि समाज के ऐसे दुश्मनों पर रहम नहीं किया जा सकता।
जानें बेरहम दादी की करतूत
पूरा मामला ग्वालियर के गोलपाड़ा किला गेट क्षेत्र का है। यहां रहने वाली रहने वाले महिला प्रेमलता चौहान ने बहू काजल की खुशियां उजाड़ दी थी। सास ने बहू से आस लगाई थी कि बहू पहली संतान के रुप में बेटे को जन्म देगी, जिसके बाद बहू ने कमला राजा अस्पताल में बेटी को जन्म दिया। नवजात एक हाथ से दिव्यांग पैदा हुई थी। घर में बेटी का जन्म ऊपर से दिव्यांग होना सास सहन नहीं कर पाई। इस बच्ची के बायां हाथ कोहनी के नीचे से नहीं था। इसके बाद सास ने बहू को उलाहने दिए, तरह- तरह की बातें बोली, इसी बीच प्रेमलता चौहान ने मौका मिलते ही हैवानियत की हदें पार कर जन्म के तीसरे दिन मासूम पोती का गला दबाकर हत्या कर दी।
सुलाने के बहाने लिया और दबा दिया पोती का गला
आरोप लगा था कि जन्म के दो दिन बाद प्रेमलता चौहान ने बहू काजल से दूधमुंही पोती को सुलाने के बहाने लिया था। इसके बाद उसने मासूम बच्ची को कंबल में लपेटा और गला घोंटकर अस्पताल में ही उसकी जान ले ली थी। इस दौरान मां काजल सास से बेटी को मांगती रही, लेकिन उससे बेटी को नहीं दिया, तब मासूम की किलकारियां शांत हो चुकी थी। इसके बाद सारी बातें बहू ने मायके पक्ष को बताई थी।
पुलिस ने दर्ज किया था हत्या का केस
नवजात की मौत के मामले में बहू काजल ने सास प्रेमलता के खिलाफ कंपू पुलिस थाने में शिकायत की थी। जिसके बाद पुलिस ने आरोपी महिला प्रेमलता के खिलाफ पोती की हत्या का केस दर्ज किया था। साथ ही मामले में पुलिस ने आरोपी महिला को गिरफ्तार किया था। यही नहीं बेरहम दादी ने कई दिनों तक अपना पाप छिपाया। इतनी ही नहीं नवरात्रि में कन्याभोज कराकर उन्हें गिफ्ट देने का ढोंग भी किया।
ऐसे दुश्मनों पर रहम करना ठीक नहीं
मार्च 2024 में हुई बच्ची की हत्या के 7 महीने बाद मासूम को न्याय मिला है। अब मामले में विशेष न्यायालय ने दूध मुंही पोती की जान लेने वाली दादी प्रेमलता चौहान को आजीवन कारावास से दंडित किया है। साथ ही 1 हजार रूपए का जुर्माना भी लगाया है। कोर्ट ने आरोपी दादी के खिलाफ पेश सबूतों को आधार मानते हुए फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा कि समाज में कन्या भ्रूण हत्या की बढ़ती प्रवृत्ति एक स्वस्थ्य समाज के लिए घातक है। समाज के ऐसे दुश्मनों के खिलाफ रहम करना उचित नहीं है। मामले में दोषी महिला गिरफ्तारी के बाद से ही जेल में है।
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