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मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सोमवार को प्रदेश के 21 जिलों के 87 आदिवासी ब्लॉक में स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने के लिए 66 मोबाइल मेडिकल यूनिट को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस कार्यक्रम के दौरान उन्होंने मंच से प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग की देश में रैंकिंग पूछी। प्रमुख सचिव संदीप यादव और एमडी डॉ. सलोनी सिडाना इस सवाल का संतोषजनक उत्तर नहीं दे सके। मामले को डिप्टी सीएम राजेन्द्र शुक्ल ने संभाला।
सीएम का सवाल-जवाब
सीएम ने पूछा, "हमारे राज्य का स्वास्थ्य विभाग देश में किस स्थान पर है?" प्रमुख सचिव ने जवाब दिया कि विभिन्न योजनाओं में हम शीर्ष तीन में हैं। लेकिन जब मुख्यमंत्री ने विभाग की समग्र रैंकिंग के बारे में पूछा, तो अधिकारी स्पष्ट उत्तर नहीं दे सके। डिप्टी सीएम शुक्ला ने बताया कि शिशु मृत्यु दर (IMR) और मातृ मृत्यु दर (MMR) में सुधार के लिए रोडमैप तैयार किया गया है।
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हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर पर चर्चा
मुख्यमंत्री ने एक्सरे मशीनों और अन्य सुविधाओं के बारे में पूछा। एमडी ने बताया कि सभी जिलों में एक्सरे मशीन की व्यवस्था हो चुकी है। सीएम ने कहा कि फंड की कमी होने पर सीएसआर या अन्य फंड्स से व्यवस्थाएं की जाएंगी। उन्होंने अधिकारियों को सेवा शर्तों में सुधार का आश्वासन भी दिया।
मेडिकल कॉलेज और सिकल सेल एनीमिया पर जोर
मुख्यमंत्री ने झाबुआ में मेडिकल कॉलेज खोलने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि प्राइवेट और सरकारी सहयोग से मेडिकल कॉलेज की संख्या बढ़ाई जाएगी। साथ ही, सिकल सेल एनीमिया से निपटने के लिए समय पर जांच और इलाज पर जोर दिया।
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डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री की उपस्थिति
कार्यक्रम में डिप्टी सीएम राजेन्द्र शुक्ल और स्वास्थ्य राज्यमंत्री नरेन्द्र शिवाजी पटेल ने भी भाग लिया। डिप्टी सीएम ने कहा कि विभाग आईएमआर और एमएमआर को प्राथमिकता देकर काम कर रहा है।
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